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वर्ल्ड वूमन बॉक्सिंग चैंपियनशिप: चयन प्रक्रिया को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने फेडरेशन से मांगी बॉक्सरों की मूल्याकंन शीट

वर्ल्ड वूमन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में खिलाड़ियों की चयन प्रक्रिया विवादों के घेरे में है. चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाने वाली मंजू रानी (International boxer Manju Rani) के सहित 3 खिलाड़ियों ने चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं. मंजू ने इसे दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है.

Women World Boxing Championship 2023 International boxer Manju Rani Delhi High Court Boxing federation of india
वर्ल्ड वूमन बॉक्सिंग चैंपियनशिप: विवादों के घेरे में चयन प्रक्रिया
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Published : Mar 9, 2023, 8:30 PM IST

रोहतक: वर्ल्ड वूमन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में खिलाड़ियों के चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाने वाली रिठाल गांव की बॉक्सर मंजू रानी ने दिल्ली हाई कोर्ट से न्याय की उम्मीद जताई है. हाई कोर्ट इस मामले में 13 मार्च को सुनवाई करेगा. हाई कोर्ट ने बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया को बॉक्सरों की मूल्यांकन शीट पेश करने के आदेश दिए हैं. वर्ल्ड वूमन बॉक्सिंग चैंपियनशिप 15 मार्च से दिल्ली में होगी और यह 26 मार्च तक चलेगी. अगर हाई कोर्ट मंजू रानी के पक्ष में फैसला सुनाता है, तो उन्हें चैंपियनशिप में खेलने का मौका मिल सकता है.

इसको लेकर मंजू रानी ने उम्मीद भरा ट्वीट भी किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि जीवन में संघर्ष और कठिनाइयों के बाद ही अच्छे दिनों का आगमन होगा. गौरतलब है कि इंटरनेशनल बॉक्सर मंजू रानी के अलावा शिक्षा नरवाल व पूनम ने भी वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप की चयन प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं. बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष को लिखे पत्र में इन 3 महिला मुक्केबाजों ने चयन के दौरान भ्रष्टाचार व धांधली के आरोप लगाए हैं.

पढ़ें: वर्ल्ड वूमन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में खिलाड़ियों के चयन पर सवाल, इंटरनेशनल बॉक्सर मंजू रानी ने फेडरेशन को लिखा पत्र

इस वजह से उनका नाम चैंपियनशिप के लिए चयनित टीम में नहीं है. मंजू रानी ने 48 किलोग्राम भार वर्ग में नेशनल चैंपियनशिप 2022 में गोल्ड मेडल जीता था, जबकि पिछली बार हुई वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल हासिल किया था. इसके बावजूद इस बार इस भार वर्ग में मंजू की जगह भिवानी की नीतू को शामिल किया गया है. मंजू रानी का कहना है कि भिवानी की नीतू को नंबर एक स्थान और उसे नंबर 2 स्थान दिया गया है.

पढ़ें: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर करनाल में होगा राज्य स्तरीय कार्यक्रम, सीएम करेंगे महिलाओं को सम्मानित

जबकि नीतू केवल हरियाणा स्टेट में खेली है और उसने कोई मेडल भी नहीं जीता है. उसका कैंप के अंदर तीसरे नंबर पर नाम था और उसे अब वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में खिलाया जा रहा है. मंजू रानी ने सवाल खड़े किए हैं कि उसे किस वजह से नंबर एक से हटाकर नंबर दो पर किया गया है. इसके बाद अब मंजू रानी ने न्याय के लिए दिल्ली हाईकोर्ट की शरण ली है.

रोहतक: वर्ल्ड वूमन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में खिलाड़ियों के चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाने वाली रिठाल गांव की बॉक्सर मंजू रानी ने दिल्ली हाई कोर्ट से न्याय की उम्मीद जताई है. हाई कोर्ट इस मामले में 13 मार्च को सुनवाई करेगा. हाई कोर्ट ने बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया को बॉक्सरों की मूल्यांकन शीट पेश करने के आदेश दिए हैं. वर्ल्ड वूमन बॉक्सिंग चैंपियनशिप 15 मार्च से दिल्ली में होगी और यह 26 मार्च तक चलेगी. अगर हाई कोर्ट मंजू रानी के पक्ष में फैसला सुनाता है, तो उन्हें चैंपियनशिप में खेलने का मौका मिल सकता है.

इसको लेकर मंजू रानी ने उम्मीद भरा ट्वीट भी किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि जीवन में संघर्ष और कठिनाइयों के बाद ही अच्छे दिनों का आगमन होगा. गौरतलब है कि इंटरनेशनल बॉक्सर मंजू रानी के अलावा शिक्षा नरवाल व पूनम ने भी वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप की चयन प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं. बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष को लिखे पत्र में इन 3 महिला मुक्केबाजों ने चयन के दौरान भ्रष्टाचार व धांधली के आरोप लगाए हैं.

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इस वजह से उनका नाम चैंपियनशिप के लिए चयनित टीम में नहीं है. मंजू रानी ने 48 किलोग्राम भार वर्ग में नेशनल चैंपियनशिप 2022 में गोल्ड मेडल जीता था, जबकि पिछली बार हुई वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल हासिल किया था. इसके बावजूद इस बार इस भार वर्ग में मंजू की जगह भिवानी की नीतू को शामिल किया गया है. मंजू रानी का कहना है कि भिवानी की नीतू को नंबर एक स्थान और उसे नंबर 2 स्थान दिया गया है.

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जबकि नीतू केवल हरियाणा स्टेट में खेली है और उसने कोई मेडल भी नहीं जीता है. उसका कैंप के अंदर तीसरे नंबर पर नाम था और उसे अब वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में खिलाया जा रहा है. मंजू रानी ने सवाल खड़े किए हैं कि उसे किस वजह से नंबर एक से हटाकर नंबर दो पर किया गया है. इसके बाद अब मंजू रानी ने न्याय के लिए दिल्ली हाईकोर्ट की शरण ली है.

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