रोहतक: पिछले दिनों जिले में हुई बेमौसम बारिश ओलावृष्टि और तेज आंधी का असर अनाज मंडियों में साफ देखा जा सकता है. आलम यह है कि पिछले साल की अपेक्षा इस साल नाममात्र ही गेहूं और सरसों की खरीद हो पाई है. यही नहीं 12 फीसदी नमी वाले अनाज को ही मंडियों में खरीदा जा रहा है. जबकि बारिश की वजह से फसलों में 17% से ज्यादा नमी पाई गई है. जिसके बाद किसानों की फसलें भी नहीं खरीदी जा रही.
रोहतक अनाज मंडी में अब तक 9000 क्विंटल के आसपास गेहूं तो 15000 क्विंटल के आसपास सरसों की खरीद हुई है. जबकि जो की फसल तो नाममात्र ही दिखाई दे रही है. रोहतक अनाज मंडी में गेंहू ओर सरसों की ढेरियां दिखाई दे रही है. जबकि पिछले साल इन्हीं दिनों में मंडियों में गेहूं रखने तक की जगह नहीं थी.
बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के साथ तेज आंधी से न केवल किसानों की नींद उड़ी है, बल्कि पिछले साल की अपेक्षा इस साल भी गेहूं न आने से अनाज मंडी सुनी पड़ी है. अमूमन इन दिनों अनाज मंडियों में गेहूं रखने तक की जगह नहीं होती थी. लेकिन इस बार खराब हुई फसलों की वजह से अनाज मंडी में कहीं-कहीं गेहूं की ढेरियां लगी हुई नजर आ रही हैं.
ऐसे में किसानों को कितना नुकसान हुआ है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है, कि अब तक रोहतक अनाज मंडी में 9000 क्विंटल के करीब गेहूं तो 15000 क्विंटल के करीब सरसों की ही खरीद हो पाई है. जो पिछले साल की अपेक्षा काफी कम है. मंडी के अधिकारियों ने किसानों को साफ-साफ यह भी बोल दिया है, कि 12% से ज्यादा नमी के गेहूं व सरसों को किसी भी कीमत पर नहीं खरीदा जाएगा. अनाज मंडियों में गेहूं और सरसों की कम खरीद इसी बात का सबूत है कि किसानों को बेमौसमी बारिश से काफी नुकसान हुआ है.
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रोहतक अनाज मंडी के सेक्रेटरी देवेंद्र ढुल ने बताया कि पिछले साल की अपेक्षा इस साल मंडियों में अनाज कम आ रहा है. उन्होंने बताया कि बेमौसम बारिश और खराब हुई फसलों का असर दिखाई दे रहा है. देवेंद्र ढुल ने बताया कि अभी तक लगभग 9000 क्विंटल गेहूं तो 15000 क्विंटल सरसों की खरीद हो पाई है. साथ ही उन्होंने किसानों से अपील भी की है कि वे अपनी फसलों को सुखाकर मंडी में लेकर आएं क्योंकि 12% से ज्यादा नमी वाली फसलों को किसी भी सूरत में नहीं खरीदा जाएगा.