रोहतक: हरियाणा में शहरी स्थानीय निकाय कर्मियों की हड़ताल 3 दिन और बढ़ गई है. अब कर्मचारी 29 अक्टूबर तक हड़ताल (urban local body workers protest in haryana) पर रहेंगे. ऐसे में खास तौर पर शहरों में सफाई व्यवस्था चरमराएगी. 19 अक्टूबर से चल रही हड़ताल के कारण शहर में जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हुए हैं. इस बीच सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने बुधवार को नगर निगम परिसर में पहुंचकर हड़ताली कर्मचारियों की मांगों का समर्थन किया.
नगर पालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के बैनर तले शुरूआत में 19 व 20 अक्टूबर की हड़ताल थी, फिर इस हड़ताल को 23 अक्टूबर और तत्पश्चात 26 अक्टूबर तक बढ़ा दिया गया था. इस दौरान प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों की मांगों के बारे में कोई भी सकारात्मक रूख नहीं दिखाया. जिसके चलते अब हड़ताल 3 दिन और बढ़ा दी गई है. नगर पालिका कर्मचारी संघ हरियाणा (municipal employees union haryana) के प्रदेशाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री ने प्रदेश सरकार पर कर्मचारियों की मांगों की अनदेखी करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि जब तक मांगें पूरी नहीं होगी तब तक वे हड़ताल जारी रखेंगे.
शहरी स्थानीय निकाय कर्मचारियों की प्रमुख मांग: इस कर्मचारियों की मांग है कि सफाई कर्मचारियों, सीवर मैन व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को ठेके के बजाय नियमित भर्ती किया जाए. कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाए. दमकल विभाग के कर्मचारियों को फायर ऑपरेटर के पदों पर मर्ज किया जाए, समान काम समान वेतन दिया जाए और 212 कर्मचारियों को कौशल रोजगार निगम से बाहर किया जाए और भत्ते दिए जाएं, साथ ही कोरोना महामारी के दौरान मरने वाले कर्मचारियों के परिजनों को 50 लाख रुपये मुआवजा दिया जाए.
उधर, आम आदमी पार्टी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष नवीन जयहिंद ने भी इन कर्मचारियों की मांगों का समर्थन किया है. उन्होंने कहा है कि प्रदेश सरकार के लिए इससे शर्मनाक बात क्या हो सकती हैं कि कर्मचारियों को दिवाली पर गिफ्ट तो दूर उनकी सैलरी तक नहीं दी गई. साथ ही जयहिंद ने सरकार को चेतावनी दी कि सरकार जल्द से जल्द सभी सफाई कर्मचारियों व कच्चे कर्मचारियों की मांगों को पूरा करें, अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो सभी सफाई कर्मचारियों के साथ मिलकर पूरे शहर का कूड़ा प्रदेश के मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक और सभी सांसदों के घर के बाहर डालेंगे.