रोहतक: युद्ध के चलते कुशल श्रमिकों की कमी से जूझ रहे इजराइल के लिए महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी (एमडीयू) में कुशल श्रमिक तैयार किए जा रहे हैं. इन युवाओं को ट्रेनिंग देकर इजराइल भेजा जाएगा. दरअसल हरियाणा सरकार ने श्रमिकों की ट्रेनिंग के लिए एमडीयू का चयन किया है. ये युवा ज्यादातर कॉन्स्ट्रक्शन कार्यों में शामिल होंगे.
मंगलवार को पहले दिन एमडीयू के यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टैक्नोलॉजी में हरियाणा के अलग-अलग जिलों से करीब 500 युवा यहां पहुंचे. इस दौरान इजराइल के प्रशिक्षित इंजीनियरों के दल की देखरेख में इन युवाओं को प्रेक्टिकल ट्रेनिंग दी गई. इन युवाओं ने अपना कौशल इजराइल के इंजीनियरों के सामने दिखाया. हरियाणा कौशल रोजगार निगम और हरियाणा सरकार के विदेश सहयोग विभाग को इन युवाओं को विदेश भेजने की जिम्मेदारी दी गई है. ट्रेनिंग का यह कार्यक्रम 21 जनवरी तक चलेगा.
7 अक्टूबर 2023 को इजराइल पर हमास के हमले के बाद दोनों देशों के बीच युद्ध छिड़ा हुआ है. इजराइल ने गाजा में हमास के संभावित ठिकानों पर ताबड़तोड़ हमले कर रखे हैं. इस युद्ध के चलते इजराइल में कंट्रक्शन कार्यों से जुड़े कुशल श्रमिकों की कमी हो गई है. ऐसे में श्रमिकों की कमी को पूरा करने के लिए इजराइल ने हरियाणा सरकार के साथ करार किया है. जिसके तहत हरियाणा से इजराइल में 10 हजार कुशल श्रमिक भेजे जाएंगे. इस काम की जिम्मेदारी हरियाणा कौशल रोजगार निगम और हरियाणा सरकार के विदेश सहयोग विभाग को जिम्मेदारी दी गई है.
जींद से आए सागर ने कहा कि हरियाणा सरकार की कुशल श्रमिकों को इजराइल भेजने की योजना सराहनीय है. सरकार ने बहुत ही सोच समझकर ये कदम उठाया है. इस योजना के तहत गरीब परिवार का युवा भी विदेश जाकर अच्छी कमाई कर सकता है. करनाल जिले के इंद्री कस्बा के सुमित ने कहा कि वे इजराइल जाने को लेकर बहुत ही उत्साहित है. अगर उनका चयन हो जाता है तो वे बिना किसी डर के वहां जाएंगे. पानीपत के रोहतास का कहना है कि उन्हें ऑनलाइन माध्यम से इजराइल में नौकरी के बारे में जानकारी मिली थी। जिसके बाद हरियाणा कौशल रोजगार निगम के जरिए आवेदन किया गया. उम्मीद है उनका चयन इजराइल के लिए हो जाएगा.
हरियाणा सरकार के विदेश सहयोग विभाग में मुख्यमंत्री के सलाहकार पवन चौधरी का कहना है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का विजन है कि हरियाणा के युवा किसी भी तरह से अवैध तौर पर विदेश ना जाएं. वे युवा विदेश जाने के नाम पर ठग लिए जाते हैं. ऐसे में हरियाणा सरकार ने इजराइल सरकार के सहयोग से कुशल युवा श्रमिकों को भेजने की कार्य योजना तैयार की. उन्होंने बताया कि इन कुशल श्रमिकों को सैलरी के साथ इजराइल में सभी आवश्यक सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी.
इजराइल में जो कुशल श्रमिक भेजे जाएंगे, उनमें 3 हजार श्रमिक फ्रेमवर्क और शटरिंग, कारपेंटर ट्रेड, 3 हजार लोहे को मोड़ने वाले, 2 हजार सिरेमिक टाइल और 2 हजार प्लास्टर ट्रेड के शामिल होंगे. इजरायल जाने के इच्छुक कुशल श्रमिकों के लिए आवश्यक न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 10वीं पास निर्धारित की गई है. साथ ही उनकी आयु 25 से 45 वर्ष के बीच होनी चाहिए. इन कार्यों के लिए न्यूनतम 3 वर्ष का अनुभव भी जरूरी है. चयन के बाद इजराइल में इन कुशल श्रमिकों को हर महीने 6100 न्यू इजराइली शेकेल (करीब एक लाख 34 हजार भारतीय रूपए) मिलेंगे. महीने में 26 दिन काम करना होगा.
हरियाणा के युवाओं को विदेश में नौकरी दिलवाने की पहल हरियाणा कौशल रोजगार निगम (HKRN) द्वारा की जा रही है. कुल सात देशों में 13,294 पदों पर नौकरी के लिए भारतीय युवाओं की जरूरत बताई गई है. नौकरी के लिए कुल सात देशों ने हरियाणा के युवाओं की मांग की है. इन देशों में यूके, इजराइल, फिनलैंड, जापान, उज्बेकिस्तान, UAE और रूस शामिल हैं.
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