रोहतक: हरियाणा टूरिज्म विभाग में काम कर रहे लगभग 350 आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को सरकार ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है. इसके विरोध में कर्मचारियों ने तिलियार लेक पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया.
कर्मचारियों ने कहा कि सरकार ने इस संकट के समय में उनका रोजगार छीनकर उनके साथ अन्याय किया है. कर्मचारियों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सभी 350 आउटसोर्सिंग कर्मियों को तुरंत वापस काम पर नहीं लगाया गया, तो वे सर्व कर्मचारी संघ के साथ मिलकर वो बड़ा आंदोलन करेंगे.
हरियाणा टूरिज्म कर्मचारी संघ के नेता जोगेंद्र करोथा ने कहा कि हरियाणा सरकार ने राज्य के विभिन्न पर्यटन केंद्रों पर प्रदेश के मेडिकल स्टॉफ को क्वारंटाइन किया है. जिसकी वजह से वो जान जोखिम में डालकर सेवा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने इन सब बातों की अनदेखी कर आउटसोर्सिंग पर पिछले 10 सालों से काम कर रहे कर्मचारियों की छंटनी कर दी है. जिसके चलते उनके सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है.
उन्होंने कहा कि एक तरफ तो सरकार आउटसोर्सिंग पर रखे कर्मचारियों को निकाल रही है. वहीं दूसरी तरफ अधिकारियों की मिली भगत से रिटायर्ड कर्मचारियों को मोटी तनख्वाह देकर नौकरी पर रख रही है. उन्होंने कहा कि सरकार हटाए गए टूरिज्म कर्मचारियों को तुरंत वापस काम पर लगाए. नहीं तो सर्व कर्मचारी संघ के साथ मिलर टूरिज्म कर्मचारी बड़ा आंदोलन करने पर मजबूर होंगे.
वहीं आउटसोर्सिंग कर्मचारी गीता शर्मा ने कहा कि वो पिछले दस सालों से आउटसोर्सिंग पर काम कर रही है. लेकिन सरकार ने उन्हें हटा दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम से उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. उन्होंने सरकार से अपील की कि वो अपना फैसला बदले और हटाए गए कर्मचारियों को दोबारा काम पर रखे.
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