रोहतक: हरियाणा प्रदेश के अस्थाई एवं गैर मान्यता प्राप्त स्कूल के संचालकों ने शनिवार को हरियाणा सरकार के स्कूलों को बंद करने के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने एक हाथ में किताब और एक हाथ में शराब की बोतल लेकर बीजेपी कार्यालय तक प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि स्कूलों को किसी कीमत पर बंद नहीं होने दिया जाएगा. सरकार ने अगर स्कूलों को बंद किया तो उन्हें शराब के ठेके खोलने की इजाजत मिलनी चाहिए. जिससे सरकार को रेवेन्यू मिल जाएगा.
प्रदर्शन कर रहे सभी संचालकों ने प्रदेश सरकार को 7 दिनों का समय दिया है. उन्होंने ये भी कहा कि सरकार ने अपना फैसला वापस नहीं लिया तो चंडीगढ़ में इससे बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा. बता दें कि प्रदेश सरकार ने 31 मार्च को उन सभी स्कूलों को बंद करने के आदेश दिए हैं, जिन स्कूलों ने अस्थाई गैर मान्यता मापदंड को पूरा नहीं किया है.. जिसे लेकर यह स्कूल संचालक खफा है और बार-बार सरकार से गुहार लगाने के बाद भी उनकी मांग नहीं मानी जा रही है.
जिसके चलते जय हिंद की सेना के संचालक नवीन जयहिंद के नेतृत्व में शनिवार को उन्होंने बीजेपी प्रदेश ऑफिस तक किताब और शराब की बोतल से लेकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन की भीड़ को देखते हुए बीजेपी दफ्तर के बाहर भारी पुलिस बल को तैनात किया गया. प्रदर्शन कर रहे सभी अध्यापकों का कहना है कि सरकार के इस फैसले से 60 हजार अध्यापक बेरोजगार हो जाएंगे और 5 लाख बच्चों का भविष्य भी दाव पर लगा है.
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यहां तक की मौजूदा सरकार ने अपने चुनावी मेनिफेस्टो में इन्हें मान्यता देने का वादा भी किया था. उन्होंने कहा कि वो जान दे देंगे लेकिन स्कूलों को किसी भी कीमत पर बंद नहीं होने देंगे. उन्होंने कहा सरकार स्कूलों को बंद कर दे लेकिन उन्हें शराब के ठेके खोलने की इजाजत दी जाए. ताकि उनका रोजगार चल जाएगा. सरकार को भी रेवेन्यू मिल जाएगा. फिलहाल प्रदर्शनकारियों ने सरकार को 7 दिनों का समय दिया है कि सरकार इस फैसले को वापस ले ले. वरना स्कूल संचालक बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर चंडीगढ़ में सरकार के खिलाफ बड़ा विरोध प्रदर्शन करेंगे.
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