रोहतक: सुप्रीम कोर्ट द्वारा कृषि कानूनों पर लगाई गई रोक से भी किसान संगठन खुश नहीं है. किसान संगठनों ने सवाल उठाते हुए कहा है कि किसान तो सुप्रीम कोर्ट गया ही नहीं, फिर मध्यस्था की बात कहां से आ गई.
यही नहीं कोर्ट द्वारा बनाई जा रही कमेटी के पक्ष में भी किसान संगठन नहीं है, किसान नेता योगेंद्र यादव ने स्पष्ठ कर दिया है कि ऐसी किसी भी कमेटी से किसानों का कोई लेना देना नहीं हैं. हालांकि किसान संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट के बीच बचाव के रास्ते का स्वागत किया है. लेकिन साथ ही एलान भी किया है कि आंदोलन लगातार जारी रहेगा और 26 जनवरी को दिल्ली कूच किया जाएगा.
संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य योगेंद्र यादव ने स्पष्ठ कर दिया है कि वो मध्यस्था के लिए कोर्ट गए ही नहीं,फिर मध्यस्था की बात कहा से आई है. रोहतक में पत्रकार वार्ता के दौरान योगेंद्र यादव ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों पर रोक नहीं बल्कि इन्हें रद्द किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि उनकी मांग शुरू से ही इन्हें रद्द करवाने की रही है, न कि रोक लगाने की.
26 जनवरी को दिल्ली कूच की तैयारी
वहीं दूसरी तरफ योगेंद्र यादव ने कहा कि किसान 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर दिल्ली जाएंगे. उन्होंने कहा कि किसान झंडा लेकर गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली जरूर जाएंगे लेकिन राष्ट्रीय कार्यक्रम में विघ्न डालने का उनका कोई इरादा नहीं है.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्था करते हुए तीनों कृषि कानूनों को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों पर चिंता जाहिर करते हुए केंद्र सरकार को फटकार लगाई है. फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कृषि कानूनों पर रोक लगाने की बात कही है, इसके साथ ही एक कमेटी बनाने की भी बात की है.
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लेकिन किसान संगठनों ने स्पष्ट किया है कि वो ऐसी किसी कमेटी का हिस्सा नहीं बनना चाहेंगे. उन्होंने कहा कि किसान इन तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहा है, इस पर रोक लगाने की नहीं. इसलिए किसी भी कमेटी से किसान का कोई लेना देना नहीं है. योगेंद्र यादव ने ये भी कहा कि अगर कोर्ट अपने स्तर पर इस विषय में कमेटी बनाना चाहे तो वह बना सकता है.