रोहतक: सीआईडी को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल और गृहमंत्री अनिल विज के बीच जारी तनातनी पर अब विपक्ष भी हमला साधने लगा है. अब मामले पर कांग्रेस के पूर्व गृहमंत्री सुभाष बत्रा ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है.
सीएम हैं सुप्रीम- बीबी बत्रा
रोहतक में प्रेस वर्ता करते वक्त सुभाष बत्रा ने कहा कि सीएम सुप्रीम होते हैं, वो किसी से किसी वक्त कोई विभाग ले और दें सकते हैं. अनिल विज का ये कहना कि सीएम सिर्फ कैबिनेट की मंजूरी और विधानसभा से पास होने के बाद ही सीआईडी को गृह मंत्रालय से अलग कर सकते हैं. ये पूरी तरह से गलत है.
सुभाष बत्रा ने आगे कहा कि होम मिनिस्ट्री के अधीन चार विंग होते है जेल,पुलिस,विजिलेंस,सीआईडी. सीएम किसे कौनसी विंग देंगे. ये उनका अधिकार है. ऐसा करने के लिए सीएम को विधानसभा जाने की जरूरत नहीं है.
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सीआईडी पर सीएम और गृहमंत्री में तनातनी!
बता दें कि मंगलवार को सबसे पहले हरियाणा सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर सीआईडी विभाग को मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पास दिखाया गया. ऐसा तब किया गया जब हाल ही में गृहमंत्री अनिल विज ने सीआईडी को अपने अंडर होने की बात कही थी. इसके बाद अनिल विज ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकारें वेबसाइटों से नहीं चला करती हैं. सरकारें रूल एंड लॉ से चलती हैं और हरियाण बिजनेस ऑफ एलोकेशन में पेज नंबर 30 पर होम डिपार्टमेंट के अंदर रूल 5 में साफ लिखा है कि सीआईडी इसका अभिन्न अंग है. जिसके बाद सीएम मनोहर लाल ने कहा कि ये पुरानी परंपरा है. उनका गृहमंत्री से कोई विवाद नहीं है.