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Bond policy In Haryana: CM के साथ हुई वार्ता से MBBS स्टूडेंट असंतुष्ट, जारी रखेंगे हड़ताल

हरियाणा में बॉन्ड पॉलिसी (Bond policy In Haryana) के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है. सरकार और प्रदर्शनकारी छात्रों के बीच अब तीन दौर की बैठक हो चुकी है. ये तीनो ही बैठक अब तक बेनतीजा रही. वहीं प्रदर्शनकारी एमबीबीएस स्टूडेंट और रेजिडेंट डाक्टर्स का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी तरह मानी जाती तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

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Published : Dec 1, 2022, 7:07 AM IST

Updated : Dec 1, 2022, 7:14 AM IST

रोहतक : हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने बुधवार को में बॉन्ड पॉलिसी का विरोध कर रहे MBBS स्टूडेंट से चंडीगढ़ में मुलाकात की. बैठक में तमाम विषयों पर दोनों पक्षों में लंबी वार्ता हुई. हालांकि प्रदर्शनकारी छात्र और सीएम के बीच हुई वार्ता एक बार फिर विफल रही. दरअसल MBBS स्टूडेंट व रेजीडेंट डॉक्टर्स वार्ता से असंतुष्ट दिखाई दिए. इसके बाद प्रदर्शनकारी MBBS स्टूडेंट व रेजीडेंट डॉक्टर्स ने कहा कि हड़ताल जारी रहेगी. प्रदर्शनकारी छात्रों ने देर शाम PGIMS परिसर से मेडिकल मोड़ तक कैंडल मार्च निकाला. आंदोलनकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक उनकी मांगें पूर्ण रूप से नहीं मानी जाती तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

दरअसल चंडीगढ़ में प्रदर्शनकारी MBBS स्टूडेंट की सीएम के साथ वार्ता (CM Khattar Meeting with Agitating MBBS students) हुई. इस बैठक में तमाम विषयों पर दोनों पक्षों में लंबी वार्ता हुई. बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने बाहर आकर बयान दिया कि बॉन्ड पॉलिसी में 7 साल की जगह 5 साल का समय तय किया गया है और 40 लाख रूपये की जगह 30 लाख रूपये की बांड पॉलिसी रखी गई है. एमबीबीएस पास करने के एक साल के अंदर कांट्रैक्ट पर नौकरी दी जाएगी.

उधर, एमबीबीएस विद्यार्थी व रेजीडेंट डॉक्टर्स मुख्यमंत्री के साथ हुई वार्ता से संतुष्ट नहीं है. फिलहाल आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया गया है. PGIMS की रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ.अंकित गुलिया व MBBS स्टूडेंट पंकज बिट्टू ने कहा कि वे वार्ता से सहमत नहीं हैं. लिहाजा हड़ताल जारी रहेगी. हालांकि आगामी निर्णय आपस में मिल बैठकर बैठक के बाद किया जाएगा.

गौरतलब है कि पीजीआईएमएस रोहतक में बॉन्ड पॉलिसी के खिलाफ आंदोलन (Protest Against Bond Policy Rohtak) की शुरूआत एक नवंबर से हुई थी. एमबीबीएस विद्यार्थियों ने रोष मार्च विरोध दर्ज कराया था. अगले दिन 2 नवंबर से पीजीआईएमएस में डीन व डायरेक्टर ऑफिस के सामने से धरने की शुरूआत हो गई थी. इस आंदोलन को रोजाना ही विभिन्न संगठनों का समर्थन मिल रहा है.

19 नवंबर से इस आंदोलन में पीजीआईएमएस रोहतक (PGIMS Rohtak) के रेजीडेंट डॉक्टर्स भी शामिल हो गए थे. शुरूआत में एक घंटे तक ओपीडी में हड़ताल कर की गई थी. इसके बाद 22 नवंबर को 2 घंटे, 23 नवंबर को 3 घंटे और 24 नवंबर को ओपीडी में 4 घंटे तक हड़ताल कर एमबीबीएस स्टूडेंट का खुलकर समर्थन किया गया था. अगले दिन से तो रेजीडेंट डॉक्टर्स ने इमरजेंसी सेवाओं का भी बहिष्कार कर दिया जिसके बाद सीनियर डॉक्टरों पर जिम्मेदारी आ गई. पीजीआईएमएस रोहतक (PGIMS Rohtak) में फिलहाल ओपीडी सेवाएं पूर्ण रूप से बंद हैं.

ये भी पढ़ें-क्या है मेडिकल कॉलेज में बॉन्ड पॉलिसी, जानिए क्यों मचा है हरियाणा में बवाल

इमरजेंसी में सीनियर डॉक्टर्स ने जिम्मेदारी संभाल रखी है. इस बीच 25 नवंबर व 27 नवंबर को एमबीबीएस विद्यार्थियों और रेजीडेंट डॉक्टर्स के प्रतिनिधिमंडल की स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों के साथ चंडीगढ़ में वार्ता हुई लेकिन यह वार्ता सिरे नहीं चढ पाई. इसके बाद 28 नवंबर को आंदोलनकारियों को मुख्यमंत्री की ओर से चंडीगढ़ में वार्ता का निमंत्रण मिला. इसके लिए 30 नवंबर को दोपहर 2 बजे का समय निर्धारित किया गया. पीजीआईएमएस रोहतक से 17 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री के साथ वार्ता के लिए गया था.

रोहतक : हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने बुधवार को में बॉन्ड पॉलिसी का विरोध कर रहे MBBS स्टूडेंट से चंडीगढ़ में मुलाकात की. बैठक में तमाम विषयों पर दोनों पक्षों में लंबी वार्ता हुई. हालांकि प्रदर्शनकारी छात्र और सीएम के बीच हुई वार्ता एक बार फिर विफल रही. दरअसल MBBS स्टूडेंट व रेजीडेंट डॉक्टर्स वार्ता से असंतुष्ट दिखाई दिए. इसके बाद प्रदर्शनकारी MBBS स्टूडेंट व रेजीडेंट डॉक्टर्स ने कहा कि हड़ताल जारी रहेगी. प्रदर्शनकारी छात्रों ने देर शाम PGIMS परिसर से मेडिकल मोड़ तक कैंडल मार्च निकाला. आंदोलनकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक उनकी मांगें पूर्ण रूप से नहीं मानी जाती तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

दरअसल चंडीगढ़ में प्रदर्शनकारी MBBS स्टूडेंट की सीएम के साथ वार्ता (CM Khattar Meeting with Agitating MBBS students) हुई. इस बैठक में तमाम विषयों पर दोनों पक्षों में लंबी वार्ता हुई. बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने बाहर आकर बयान दिया कि बॉन्ड पॉलिसी में 7 साल की जगह 5 साल का समय तय किया गया है और 40 लाख रूपये की जगह 30 लाख रूपये की बांड पॉलिसी रखी गई है. एमबीबीएस पास करने के एक साल के अंदर कांट्रैक्ट पर नौकरी दी जाएगी.

उधर, एमबीबीएस विद्यार्थी व रेजीडेंट डॉक्टर्स मुख्यमंत्री के साथ हुई वार्ता से संतुष्ट नहीं है. फिलहाल आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया गया है. PGIMS की रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ.अंकित गुलिया व MBBS स्टूडेंट पंकज बिट्टू ने कहा कि वे वार्ता से सहमत नहीं हैं. लिहाजा हड़ताल जारी रहेगी. हालांकि आगामी निर्णय आपस में मिल बैठकर बैठक के बाद किया जाएगा.

गौरतलब है कि पीजीआईएमएस रोहतक में बॉन्ड पॉलिसी के खिलाफ आंदोलन (Protest Against Bond Policy Rohtak) की शुरूआत एक नवंबर से हुई थी. एमबीबीएस विद्यार्थियों ने रोष मार्च विरोध दर्ज कराया था. अगले दिन 2 नवंबर से पीजीआईएमएस में डीन व डायरेक्टर ऑफिस के सामने से धरने की शुरूआत हो गई थी. इस आंदोलन को रोजाना ही विभिन्न संगठनों का समर्थन मिल रहा है.

19 नवंबर से इस आंदोलन में पीजीआईएमएस रोहतक (PGIMS Rohtak) के रेजीडेंट डॉक्टर्स भी शामिल हो गए थे. शुरूआत में एक घंटे तक ओपीडी में हड़ताल कर की गई थी. इसके बाद 22 नवंबर को 2 घंटे, 23 नवंबर को 3 घंटे और 24 नवंबर को ओपीडी में 4 घंटे तक हड़ताल कर एमबीबीएस स्टूडेंट का खुलकर समर्थन किया गया था. अगले दिन से तो रेजीडेंट डॉक्टर्स ने इमरजेंसी सेवाओं का भी बहिष्कार कर दिया जिसके बाद सीनियर डॉक्टरों पर जिम्मेदारी आ गई. पीजीआईएमएस रोहतक (PGIMS Rohtak) में फिलहाल ओपीडी सेवाएं पूर्ण रूप से बंद हैं.

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इमरजेंसी में सीनियर डॉक्टर्स ने जिम्मेदारी संभाल रखी है. इस बीच 25 नवंबर व 27 नवंबर को एमबीबीएस विद्यार्थियों और रेजीडेंट डॉक्टर्स के प्रतिनिधिमंडल की स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों के साथ चंडीगढ़ में वार्ता हुई लेकिन यह वार्ता सिरे नहीं चढ पाई. इसके बाद 28 नवंबर को आंदोलनकारियों को मुख्यमंत्री की ओर से चंडीगढ़ में वार्ता का निमंत्रण मिला. इसके लिए 30 नवंबर को दोपहर 2 बजे का समय निर्धारित किया गया. पीजीआईएमएस रोहतक से 17 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री के साथ वार्ता के लिए गया था.

Last Updated : Dec 1, 2022, 7:14 AM IST
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