ETV Bharat / state

खेत में नहीं चल पा रहा था कोई कृषि यंत्र, किसान ने खुद बैल बन जोत डाला खेत

यह हम सब जानते हैं कि अन्नदाता मौसम व कुदरत की विषम परिस्थितियों के साथ लड़कर किस तरह से अन्न पैदा करता है. इसका ताजा उदाहरण हमें रोहतक जिले के बहु अकबरपुर गांव के खेतों में देखने को मिला. हम दावा करते हैं कि यह तस्वीर देखकर आप का भी दिल पिघल जाएगा. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर.

special report on rohtak farmers satish and suneel hardwork in his field
किसान ने खुद बैल बन जोत डाला खेत
author img

By

Published : Jan 8, 2020, 9:58 PM IST

Updated : Jan 10, 2020, 7:37 AM IST

रोहतक: कुदरत की इस मार के सामने किसान झुकने को तैयार नहीं है. जी हां हम सही कह रहे हैं यह नजारा रोहतक जिले के बहु अकबरपुर गांव का है, जहां बे मोसमी बरसात ऐसी हुई कि कोई भी कृषि यंत्र उसमें चलने में सक्षम नहीं है. लेकिन किसान की जिद है कि उसका खेत खाली नहीं रहना चाहिए और इसमें हरी-भरी फसल लहराती दिखे. इसलिए किसान को खुद ही अपने आप को हल में जोत लिया. क्योंकि उन्हें अपने परिवार का पालन पोषण करना है.

जमीन थी गीली, नहीं चल रहा था कोई यंत्र
खेत की जमीन गीली होने के कारण कोई भी कृषि यंत्र काम नहीं कर रहा था, इसलिए किसान बैल की जगह खुद हल में जुड़कर कर अपने खेत में बिजाई कर रहा है. किसान का एक ही लक्ष्य है कि वह अपने शरीर से किसी भी तरह की मेहनत कर अपने खाली खेत को लहलाना चाहता है.

किसान ने खुद बैल बन जोत डाला खेत, देखिए रिपोर्ट

हालात से मजबूर किसान खुद बन गया बैल!
ये बहु अकबरपुर गांव के रहने वाले दो भाई सतीश व सुशील कुमार जो अपने आप को हल में जोड़कर गेहूं की बिजाई कर रहे हैं. क्योंकि बेमौसम बरसात ने हालात इस कदर कर दिए के ट्रैक्टर से जुताई करना संभव नहीं है.

ये भी पढे़ं- पारंपरिक खेती छोड़ किसानों ने चुनी फूलों की खेती, अब हर महीने कमा रहे हैं लाखों रुपये

सतीश और सुशील कुमार का कहना है कि वह अपने खेत को खाली नहीं छोड़ना चाहते, क्योंकि परिवार का गुजारा भी करना है इसलिए उन्हें खुद ही हल में जोत कर गेहूं की बिजाई कर रहे है. क्योंकि अगर वो इंतजार करेंगे तो गेहूं की बिजाई का समय निकल जाएगा.

ये भी पढे़ं: जानें क्यों किसानों को परंपरागत खेती छोड़ सब्जियों की फसल लगानी चाहिए?

रोहतक: कुदरत की इस मार के सामने किसान झुकने को तैयार नहीं है. जी हां हम सही कह रहे हैं यह नजारा रोहतक जिले के बहु अकबरपुर गांव का है, जहां बे मोसमी बरसात ऐसी हुई कि कोई भी कृषि यंत्र उसमें चलने में सक्षम नहीं है. लेकिन किसान की जिद है कि उसका खेत खाली नहीं रहना चाहिए और इसमें हरी-भरी फसल लहराती दिखे. इसलिए किसान को खुद ही अपने आप को हल में जोत लिया. क्योंकि उन्हें अपने परिवार का पालन पोषण करना है.

जमीन थी गीली, नहीं चल रहा था कोई यंत्र
खेत की जमीन गीली होने के कारण कोई भी कृषि यंत्र काम नहीं कर रहा था, इसलिए किसान बैल की जगह खुद हल में जुड़कर कर अपने खेत में बिजाई कर रहा है. किसान का एक ही लक्ष्य है कि वह अपने शरीर से किसी भी तरह की मेहनत कर अपने खाली खेत को लहलाना चाहता है.

किसान ने खुद बैल बन जोत डाला खेत, देखिए रिपोर्ट

हालात से मजबूर किसान खुद बन गया बैल!
ये बहु अकबरपुर गांव के रहने वाले दो भाई सतीश व सुशील कुमार जो अपने आप को हल में जोड़कर गेहूं की बिजाई कर रहे हैं. क्योंकि बेमौसम बरसात ने हालात इस कदर कर दिए के ट्रैक्टर से जुताई करना संभव नहीं है.

ये भी पढे़ं- पारंपरिक खेती छोड़ किसानों ने चुनी फूलों की खेती, अब हर महीने कमा रहे हैं लाखों रुपये

सतीश और सुशील कुमार का कहना है कि वह अपने खेत को खाली नहीं छोड़ना चाहते, क्योंकि परिवार का गुजारा भी करना है इसलिए उन्हें खुद ही हल में जोत कर गेहूं की बिजाई कर रहे है. क्योंकि अगर वो इंतजार करेंगे तो गेहूं की बिजाई का समय निकल जाएगा.

ये भी पढे़ं: जानें क्यों किसानों को परंपरागत खेती छोड़ सब्जियों की फसल लगानी चाहिए?

Intro:कुदरत के सामने भी नहीं झुका किसान, आखरी दम तक लड़ने का रखता है मादा

बैल की जगह खुद को हल में जोड़कर की गेहूं की बिजाई




एंकर यह हम सब जानते हैं कि अन्नदाता मौसम व कुदरत की विषम परिस्थितियों के साथ लड़कर किस तरह से अन्न पैदा करता है। इसका ताजा उदाहरण हमें रोहतक जिले के बहु अकबरपुर गांव के खेतों में देखने को मिला। हम दावा करते हैं कि यह तस्वीर देखकर आप का भी दिल पिघल जाएगा । खेत की जमीन गीली होने के कारण कोई भी कृषि यंत्र काम नहीं कर रहा था, इसलिए किसान बैल की जगह खुद हल में जुड़कर कर अपने खेत में बिजाई कर रहा है। किसान का एक ही लक्ष्य है कि वह अपने शरीर से किसी भी तरह की मेहनत कर अपने खाली खेत को लहलाना चाहता है ।

Body:विज्ञान ने कितनी ही तरक्की कर ली हो या कितना ही बड़ा आधुनिक युग हो कुदरत की मार के सामने सब कुछ फेल हो जाता है। लेकिन कुदरत की इस मार के सामने किसान झुकने को तैयार नहीं है। जी हां हम सही कह रहे हैं यह नजारा रोहतक जिले के बहु अकबरपुर गांव का है, जहां बे मोसमी बरसात ऐसी हुई कि कोई भी कृषि यंत्र उसमें चलने में सक्षम नहीं है। लेकिन किसान की जिद है कि उसका खेत खाली नहीं रहना चाहिए और इसमें हरी-भरी फसल लहराती दिखे। इसलिए किसान को खुद ही अपने आप को हल में जोत लिया। क्योंकि उन्हें अपने परिवार का पालन पोषण करना है।

Conclusion:ये बहु अकबरपुर गांव के रहने वाले दो भाई सतीश व सुशील कुमार जो अपने आप को हल में जोड़कर गेहूं की बिजाई कर रहे हैं। क्योंकि बेमौसम बरसात ने हालात इस कदर कर दिए के ट्रैक्टर से जुताई करना संभव नहीं है। सतीश व सुशील कुमार का कहना है कि वह अपने खेत को खाली नहीं छोड़ना चाहते, क्योंकि परिवार का गुजारा भी करना है इसलिए उन्हें खुद ही हल में जोत कर गेहूं की बिजाई कर रहे है। क्योंकि अगर वह और इंतजार करेंगे तो गेहूं की बिजाई का समय निकल जाएगा।

बाईट सतीश व सुशील, किसान
Last Updated : Jan 10, 2020, 7:37 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.