रोहतक: साल 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया गैंगरेप कांड में आज करीब सवा सात साल के बाद इंसाफ हुआ है. तिहाड़ जेल के फांसी घर में शुक्रवार सुबह ठीक 5.30 बजे निर्भया के चारों दोषियों को फांसी दी गई. निर्भया के चारों दोषियों विनय, अक्षय, मुकेश और पवन गुप्ता को एक साथ फांसी के फंदे पर लटकाया गया.
दूसरी महिलाओं की आवाज उठाने वाली महिलाओं ने संतोष जाहिर किया है. हरियाणा राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन प्रतिभा सुमन ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि फैसला भले ही देरी से आया हो, लेकिन ये फैसला इस तरह के अपराध करने वालों के आगे उदाहरण जरूर बनेगा. उन्होंने कहा कि ये फांसी पहले ही हो जानी चाहिए थी, लेकिन देर आए दुरुस्त आए.
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वहीं राष्ट्रीय जनवादी महिला के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जगमति सांगवान ने चारों दोषियों की फांसी पर दुख भी जताया है और खुशी भी. उन्होंने कहा कि ऐसे समय में 4 लोगों की जान जाना दुख की बात है, लेकिन उनके अपराध को देखते हुए खुशी भी हुई है.
6 दिसंबर की रात को क्या हुआ था?
16 दिसंबर 2012 की रात को हिंदुस्तान में कोई शख्स नहीं भूल सकता. राजधानी दिल्ली के मुनिरका में 6 लोगों ने चलती बस में पैरामेडिकल की छात्रा से गैंगरेप किया. इस मामले में दरिंदगी की वो सारी हदें पार की गईं, जिसे देखकर-सुनकर कोई दरिंदा भी दहशत में आ जाए.
वारदात के वक्त पीड़िता का दोस्त भी बस में था. दोषियों ने उसके साथ भी मारपीट की थी. इसके बाद युवती और दोस्त को चलती बस से बाहर फेंक दिया था. जिसके बाद इलाज के दौरान निर्भया की सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई.