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रोहतक में PTI अध्यापकों ने किया विरोध प्रदर्शन, हरियाणा सरकार पर कार्रवाई की रखी मांग

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Published : May 29, 2020, 10:38 PM IST

1983 पीटीआई अध्यापकों के सामने अब बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब हरियाणा सरकार ने इनको पद मुक्त होने के आदेश जारी कर दिए हैं. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर...

rohtak pti teacher protest against haryana govt
rohtak pti teacher protest against haryana govt

रोहतक: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हरियाणा सरकार ने शिक्षा विभाग को 1983 पीटीआई अध्यापकों को 3 दिन में पद मुक्त करने के आदेश दे दिए हैं. जिसे लेकर पीटीआई टीचरों की मांग है कि हरियाणा सरकार विधानसभा में बुलाकर उनकी नौकरी बचाने का काम करे, ताकि अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें.

साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि तत्कालीन हरियाणा सरकार व भर्ती बोर्ड पर सुप्रीम कोर्ट ने कोई कार्रवाई नहीं की, आखिर हमारा क्या दोष था ? इन बर्खास्त पीटीआई अध्यापकों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का वो सम्मान करते हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले में तत्कालीन हरियाणा सरकार व भर्ती बोर्ड को दोषी नहीं ठहराया गया और सिर्फ उनके ऊपर ही गाज गिरी है.

इनका कहना है कि अब उनकी उम्र भी ज्यादा हो गई है और वो अन्य कोई काम करने में सक्षम नहीं है, इसलिए अब अपने परिवार को कैसे पाल पाएंगे. वो प्रदेश सरकार से गुहार लगाते हैं कि इस मामले में विधानसभा में बिल लाकर उनकी नौकरी जो की त्यों बरकरार रखी जाए, ताकि वो अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें.

रोहतक में PTI अध्यापकों ने किया विरोध प्रदर्शन, देखें वीडियो

ये है पूरा मामला

2010 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार के दौरान 1983 पीटीआई टीचर की भर्ती हुई थी. जिसमें अव्यवस्थाओं का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में कुछ अभ्यर्थियों ने रिट दायर की थी. मामले में लंबी सुनवाई चली और 8 अप्रैल 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने इस भर्ती को अवैध करार देते हुए निरस्त करने का आदेश दिया.

प्रदेश सरकार को 6 महीने के अंदर नई भर्ती करने के आदेश भी दे दिए, जिसके चलते हरियाणा सरकार ने शिक्षा विभाग को अगले 3 दिन में इन पीटीआई टीचरों को पद मुक्त करने के आदेश दे दिए हैं.

सरकार के इस आदेश के बाद ये पीटीआई टीचर अपनी नौकरी बचाने के लिए प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर जिला मौलिक अधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपने पहुंचे हैं.

रोहतक: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हरियाणा सरकार ने शिक्षा विभाग को 1983 पीटीआई अध्यापकों को 3 दिन में पद मुक्त करने के आदेश दे दिए हैं. जिसे लेकर पीटीआई टीचरों की मांग है कि हरियाणा सरकार विधानसभा में बुलाकर उनकी नौकरी बचाने का काम करे, ताकि अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें.

साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि तत्कालीन हरियाणा सरकार व भर्ती बोर्ड पर सुप्रीम कोर्ट ने कोई कार्रवाई नहीं की, आखिर हमारा क्या दोष था ? इन बर्खास्त पीटीआई अध्यापकों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का वो सम्मान करते हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले में तत्कालीन हरियाणा सरकार व भर्ती बोर्ड को दोषी नहीं ठहराया गया और सिर्फ उनके ऊपर ही गाज गिरी है.

इनका कहना है कि अब उनकी उम्र भी ज्यादा हो गई है और वो अन्य कोई काम करने में सक्षम नहीं है, इसलिए अब अपने परिवार को कैसे पाल पाएंगे. वो प्रदेश सरकार से गुहार लगाते हैं कि इस मामले में विधानसभा में बिल लाकर उनकी नौकरी जो की त्यों बरकरार रखी जाए, ताकि वो अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें.

रोहतक में PTI अध्यापकों ने किया विरोध प्रदर्शन, देखें वीडियो

ये है पूरा मामला

2010 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार के दौरान 1983 पीटीआई टीचर की भर्ती हुई थी. जिसमें अव्यवस्थाओं का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में कुछ अभ्यर्थियों ने रिट दायर की थी. मामले में लंबी सुनवाई चली और 8 अप्रैल 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने इस भर्ती को अवैध करार देते हुए निरस्त करने का आदेश दिया.

प्रदेश सरकार को 6 महीने के अंदर नई भर्ती करने के आदेश भी दे दिए, जिसके चलते हरियाणा सरकार ने शिक्षा विभाग को अगले 3 दिन में इन पीटीआई टीचरों को पद मुक्त करने के आदेश दे दिए हैं.

सरकार के इस आदेश के बाद ये पीटीआई टीचर अपनी नौकरी बचाने के लिए प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर जिला मौलिक अधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपने पहुंचे हैं.

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