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रोहतक में कबूतरबाजी का मामला: अमेरिका भेजने का झांसा देकर युवक से लाखों की ठगी, दंपत्ती व उसके परिचितों पर केस दर्ज - rohtak news update

अमेरिका भेजने का झांसा देकर रोहतक के युवक से शातिर 'कबूतरबाजों' ने लाखों रुपये ऐंठ लिए. आरोपियों ने विदेश में नौकरी दिलाने का झांसा देकर धोखाधड़ी की वारदात (Rohtak kabutar bazi case) को अंजाम दिया था.

Rohtak kabutar bazi case
रोहतक में कबूतरबाजी का मामला
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Published : May 16, 2023, 2:12 PM IST

रोहतक: रोहतक के युवक को अमेरिका भेजने का झांसा देकर 20 लाख 50 हजार रुपये की ठगी करने का मामला सामने आया है. पीड़ित ने पानीपत जिले के दंपत्ती व उसके दो परिचितों पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है. आरोपियों ने फर्जी कागजात के जरिए खिड़वाली गांव के युवक को वाशिंगटन तक भेज दिया लेकिन वहां से उसे वापस भारत भेज दिया गया. पीड़ित ने इस मामले की शिकायत एसपी रोहतक से की थी. एसपी के आदेश पर रोहतक सदर पुलिस स्टेशन में आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया गया है.



रोहतक का खिड़वाली गांव के विजय ने पुलिस को बताया कि उसका फूफा सुरेंद्र पानीपत जिले के गढ़ी छाछू का रहने वाला है. इस वजह से उसकी मुलाकात छाछू निवासी सुनील उर्फ शीला के साथ हुई थी. वर्ष 2019 में शीला, सुरेंद्र के साथ खिड़वाली गांव में आया था. उस दौरान शीला ने विजय के भाई बलजीत से कहा कि वह विजय को अमेरिका भेज सकता है. उसकी पत्नी सोनिया स्पेन में रहती है.

पढ़ें : 'कबूतरबाजों' पर शिकंजा! हरियाणा सरकार ने जारी की वेरिफाइड ट्रैवल एजेंट्स की लिस्ट

इसके अलावा उसके दो साथी मुंबई निवासी विशाल उर्फ सिंधु और दिल्ली निवासी रवि लोगों को विदेश भेजने का काम करते हैं. आरोपी ने विजय के भाई को यह भी आश्वासन दिया कि वे विदेश में लोगों को काम भी दिलवाते हैं. लेकिन इसके लिए 35 लाख रुपये खर्च होंगे. बेरोजगार होने की वजह से विजय व उसका परिवार सुनील उर्फ शीला के झांसे में आ गए और विदेश जाने के लिए हां कर दी.

दिसंबर 2019 में सुनील ने मोबाइल फोन नंबर पर कॉल कर सूचना दी कि विशाल उर्फ सिंधु और रवि से विजय को अमेरिका भेजने की बात कर ली है. जिसके लिए शुरुआत में विजय का पासपोर्ट, दसवीं व बारहवीं कक्षा की मार्कशीट की कॉपी, आधार कार्ड, पैन कार्ड और डेढ़ लाख रुपए नकद लाने के लिए कहा गया था. शेष रुपये आरोपियों ने काम होने के बाद यानी विजय के अमेरिका पहुंचने पर देने को कहा था.

इस दौरान सुनील ने विजय को कई बार दिल्ली और मुंबई बुलाया. 21 जुलाई 2022 को सुनील ने कॉल कर सूचना दी कि विजय का अमेरिका का वीजा लग गया है. सुनील ने 2 दिन बाद दोबारा कॉल कर अमेरिका में सख्ती होने की बात कहते हुए 8 लाख रुपए और मांगे, इसके बाद ही उसने टिकट होने की बात कही. विजय के परिजनों ने कहीं से इंतजाम कर 26 जुलाई को सुनील को 8 लाख रुपए दे दिए.


पढ़ें : यमुनानगर: विदेश भेजने के नाम पर ठगी करने का आरोपी पंजाब से गिरफ्तार

इस दौरान सुनील ने शेष रुपये तैयार रखने के लिए कहा. सुनील 20 अगस्त 2022 को विजय के फूफा सुरेंद्र के साथ खिड़वाली गांव आया और उसे अमेरिका की 4 सितंबर की टिकट दिखाई. और शेष साढ़े 25 लाख रुपए उसी दिन देने की मांग की. विजय के पिता राजबीर के पास बाकी रुपए नहीं थे. इसलिए राजबीर ने गांव के ही महताब से अपनी डेढ़ एकड़ जमीन का सौदा 24 लाख रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से कर लिया.

महताब ने विजय के परिवार के हालात और मजबूरी को देखते हुए 30 लाख रुपए पहले दे दिए. 4 सितंबर को सुनील उर्फ शीला, उसकी पत्नी सोनिया, मुंबई निवासी विशाल उसे एयरपोर्ट पर छोड़कर आए. इन्हें बकाया रुपए विजय के अमेरिका पहुंचने के बाद देने थे. लेकिन शीला और उसकी पत्नी सोनिया ने विश्वास दिलाकर बाकी के रुपए भी परिजनों से ले लिए. वहीं, विजय तुर्की एयरलाइंस के जरिए इंस्तानबुल होते हुए अमेरिका के वाशिंगटन पहुंचा.

वाशिंगटन में कागजात चेक हुए तो अधिकारियों ने बताया कि सारे कागजात नकली हैं. इस पर विजय को वापस भारत भेज दिया गया. दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचा तो वहां सुनील, उसकी पत्नी सोनिया, विशाल और भाई बलजीत मिले. इन्होंने उसे विश्वास दिलाया कि वे एक महीने के अंदर विजय को सुनील की पत्नी के पास स्पेन भेज देंगे. वहां पर उसे काम भी दिलवा दिया जाएगा. इसके बाद आरोपियों ने दोबारा से सारे कागजात अपने पास रख लिए.

लेकिन 3 महीने बाद भी आरोपियों ने न तो विजय को अमेरिका भेजा और न ही उसे कागजात और रुपये लौटाए. इसके बाद से ही सुनील उन्हें झांसा देता रहा. आखिरकार गांव के सरपंच सुधा के भाई ज्ञानी ने सुनील को बुलाया और दोनों पक्षों में आमने- सामने बातचीत हुई. इस दौरान सुनील ने अपनी गलती स्वीकार कर ली. उसने बताया कि फूफा सुरेंद्र को मकान दिलवाया था. इसलिए उसने उन्हें साढ़े 9 लाख रुपए दे रखे हैं. सुनील ने यह राशि सुरेंद्र से लेने की बात कही थी.

पढ़ें : हरियाणा में कबूतरबाजी पर लगेगी लगाम, गृह मंत्री के निर्देश पर 3 सदस्यीय SIT का गठन

इस पर सुरेंद्र ने साढ़े 9 लाख रुपए दे दिए. इसके बाद साढ़े 25 लाख रुपए सुनील को देने थे. सरपंच के भाई ज्ञानी ने इन रुपयों की जिम्मेदारी ली थी. ज्ञानी ने उस समय 5 लाख रुपए नकद दे दिए और बाकी के साढ़े 20 लाख रुपए 2 महीने में देने का इकरार किया था. इसके बावजूद ज्ञानी ने रुपए नहीं लौटाए, जब उसके मोबाइल पर फोन किया तो पता चला कि ज्ञानी किसी केस के सिलसिले में जेल में बंद है.

30 अप्रैल को विजय परिवार के सदस्यों के साथ सुनील के घर गया. वहां पर सुनील का पिता सतबीर, भाई विक्की व उसकी मां तथा सुनील की दूसरी पत्नी मिली. सुनील के बारे में पूछने पर उन्होंने उसे जान से मारने की धमकी दी. इसके बाद विजय ने रोहतक एसपी को शिकायत दी. शिकायत में पीड़ित ने आरोपियों पर कबूतरबाजी का आरोप लगाते हुए बताया कि आरोपियों ने विजय के पासपोर्ट पर दुबई का फर्जी वीजा लगा दिया.

जबकि वह कभी दुबई नहीं गया है. विजय का आरोप है कि आरोपियों के चक्कर में फंसकर उसके 4 साल बर्बाद हो गए. रोहतक सदर पुलिस स्टेशन ने जांच के बाद सुनील उर्फ शीला, उसकी पत्नी सोनिया, दिल्ली निवासी रवि और मुंबई निवासी विशाल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 406, 420, 506, 34 के तहत केस दर्ज कर लिया है.

रोहतक: रोहतक के युवक को अमेरिका भेजने का झांसा देकर 20 लाख 50 हजार रुपये की ठगी करने का मामला सामने आया है. पीड़ित ने पानीपत जिले के दंपत्ती व उसके दो परिचितों पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है. आरोपियों ने फर्जी कागजात के जरिए खिड़वाली गांव के युवक को वाशिंगटन तक भेज दिया लेकिन वहां से उसे वापस भारत भेज दिया गया. पीड़ित ने इस मामले की शिकायत एसपी रोहतक से की थी. एसपी के आदेश पर रोहतक सदर पुलिस स्टेशन में आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया गया है.



रोहतक का खिड़वाली गांव के विजय ने पुलिस को बताया कि उसका फूफा सुरेंद्र पानीपत जिले के गढ़ी छाछू का रहने वाला है. इस वजह से उसकी मुलाकात छाछू निवासी सुनील उर्फ शीला के साथ हुई थी. वर्ष 2019 में शीला, सुरेंद्र के साथ खिड़वाली गांव में आया था. उस दौरान शीला ने विजय के भाई बलजीत से कहा कि वह विजय को अमेरिका भेज सकता है. उसकी पत्नी सोनिया स्पेन में रहती है.

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इसके अलावा उसके दो साथी मुंबई निवासी विशाल उर्फ सिंधु और दिल्ली निवासी रवि लोगों को विदेश भेजने का काम करते हैं. आरोपी ने विजय के भाई को यह भी आश्वासन दिया कि वे विदेश में लोगों को काम भी दिलवाते हैं. लेकिन इसके लिए 35 लाख रुपये खर्च होंगे. बेरोजगार होने की वजह से विजय व उसका परिवार सुनील उर्फ शीला के झांसे में आ गए और विदेश जाने के लिए हां कर दी.

दिसंबर 2019 में सुनील ने मोबाइल फोन नंबर पर कॉल कर सूचना दी कि विशाल उर्फ सिंधु और रवि से विजय को अमेरिका भेजने की बात कर ली है. जिसके लिए शुरुआत में विजय का पासपोर्ट, दसवीं व बारहवीं कक्षा की मार्कशीट की कॉपी, आधार कार्ड, पैन कार्ड और डेढ़ लाख रुपए नकद लाने के लिए कहा गया था. शेष रुपये आरोपियों ने काम होने के बाद यानी विजय के अमेरिका पहुंचने पर देने को कहा था.

इस दौरान सुनील ने विजय को कई बार दिल्ली और मुंबई बुलाया. 21 जुलाई 2022 को सुनील ने कॉल कर सूचना दी कि विजय का अमेरिका का वीजा लग गया है. सुनील ने 2 दिन बाद दोबारा कॉल कर अमेरिका में सख्ती होने की बात कहते हुए 8 लाख रुपए और मांगे, इसके बाद ही उसने टिकट होने की बात कही. विजय के परिजनों ने कहीं से इंतजाम कर 26 जुलाई को सुनील को 8 लाख रुपए दे दिए.


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इस दौरान सुनील ने शेष रुपये तैयार रखने के लिए कहा. सुनील 20 अगस्त 2022 को विजय के फूफा सुरेंद्र के साथ खिड़वाली गांव आया और उसे अमेरिका की 4 सितंबर की टिकट दिखाई. और शेष साढ़े 25 लाख रुपए उसी दिन देने की मांग की. विजय के पिता राजबीर के पास बाकी रुपए नहीं थे. इसलिए राजबीर ने गांव के ही महताब से अपनी डेढ़ एकड़ जमीन का सौदा 24 लाख रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से कर लिया.

महताब ने विजय के परिवार के हालात और मजबूरी को देखते हुए 30 लाख रुपए पहले दे दिए. 4 सितंबर को सुनील उर्फ शीला, उसकी पत्नी सोनिया, मुंबई निवासी विशाल उसे एयरपोर्ट पर छोड़कर आए. इन्हें बकाया रुपए विजय के अमेरिका पहुंचने के बाद देने थे. लेकिन शीला और उसकी पत्नी सोनिया ने विश्वास दिलाकर बाकी के रुपए भी परिजनों से ले लिए. वहीं, विजय तुर्की एयरलाइंस के जरिए इंस्तानबुल होते हुए अमेरिका के वाशिंगटन पहुंचा.

वाशिंगटन में कागजात चेक हुए तो अधिकारियों ने बताया कि सारे कागजात नकली हैं. इस पर विजय को वापस भारत भेज दिया गया. दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचा तो वहां सुनील, उसकी पत्नी सोनिया, विशाल और भाई बलजीत मिले. इन्होंने उसे विश्वास दिलाया कि वे एक महीने के अंदर विजय को सुनील की पत्नी के पास स्पेन भेज देंगे. वहां पर उसे काम भी दिलवा दिया जाएगा. इसके बाद आरोपियों ने दोबारा से सारे कागजात अपने पास रख लिए.

लेकिन 3 महीने बाद भी आरोपियों ने न तो विजय को अमेरिका भेजा और न ही उसे कागजात और रुपये लौटाए. इसके बाद से ही सुनील उन्हें झांसा देता रहा. आखिरकार गांव के सरपंच सुधा के भाई ज्ञानी ने सुनील को बुलाया और दोनों पक्षों में आमने- सामने बातचीत हुई. इस दौरान सुनील ने अपनी गलती स्वीकार कर ली. उसने बताया कि फूफा सुरेंद्र को मकान दिलवाया था. इसलिए उसने उन्हें साढ़े 9 लाख रुपए दे रखे हैं. सुनील ने यह राशि सुरेंद्र से लेने की बात कही थी.

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इस पर सुरेंद्र ने साढ़े 9 लाख रुपए दे दिए. इसके बाद साढ़े 25 लाख रुपए सुनील को देने थे. सरपंच के भाई ज्ञानी ने इन रुपयों की जिम्मेदारी ली थी. ज्ञानी ने उस समय 5 लाख रुपए नकद दे दिए और बाकी के साढ़े 20 लाख रुपए 2 महीने में देने का इकरार किया था. इसके बावजूद ज्ञानी ने रुपए नहीं लौटाए, जब उसके मोबाइल पर फोन किया तो पता चला कि ज्ञानी किसी केस के सिलसिले में जेल में बंद है.

30 अप्रैल को विजय परिवार के सदस्यों के साथ सुनील के घर गया. वहां पर सुनील का पिता सतबीर, भाई विक्की व उसकी मां तथा सुनील की दूसरी पत्नी मिली. सुनील के बारे में पूछने पर उन्होंने उसे जान से मारने की धमकी दी. इसके बाद विजय ने रोहतक एसपी को शिकायत दी. शिकायत में पीड़ित ने आरोपियों पर कबूतरबाजी का आरोप लगाते हुए बताया कि आरोपियों ने विजय के पासपोर्ट पर दुबई का फर्जी वीजा लगा दिया.

जबकि वह कभी दुबई नहीं गया है. विजय का आरोप है कि आरोपियों के चक्कर में फंसकर उसके 4 साल बर्बाद हो गए. रोहतक सदर पुलिस स्टेशन ने जांच के बाद सुनील उर्फ शीला, उसकी पत्नी सोनिया, दिल्ली निवासी रवि और मुंबई निवासी विशाल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 406, 420, 506, 34 के तहत केस दर्ज कर लिया है.

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