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रोहतक अदालत ने सुनाई दुष्कर्म के दोषी को सजा, अढ़ाई साल की बच्ची से किया था दुष्कर्म - राेहतक दुष्कर्म मामला

दुष्कर्म के एक मामले में रोहतक की अदालत ने दोषी को (Rohtak court verdict in rape case) पोक्सो एक्ट और धारा 376 एबी के तहत 20-20 साल की सजा सुनाई है. दोषी ने अढ़ाई साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म किय़ा था.

Rohtak court verdict in rape case
रोहतक अदालत ने सुनाई दुष्कर्म के दोषी को सजा
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Published : Aug 7, 2022, 2:28 PM IST

रोहतकः जिला अदालत ने दुष्कर्म के मामले में सजा सुनाई है. एडिशनल सेशन जज नरेश कुमार की अदालत (Rohtak court verdict in rape case) ने फैसला सुनाते हुए दुष्कर्म के दोषी को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 एबी, 342 व पोक्सो एक्ट के तहत 20-20 साल की सजा सुनाई है. धारा 342 के तहत अदालत ने दोषी को एक साल की सजा सुनाई है. अदाली ने दोषी पर 20 हजार रूपए का जुर्माना भी किया है. अगर दोषी जुर्माना नही भरेगा तो सजा बढ़ाई जाएगी. अदालत के फैसले से बच्ची का परिवार ने संतुष्ट है और उनका कहना है कि उनकी बेटी को न्याय मिल गया है.

दुष्कर्म की ये वारदात 9 दिसंबर 2019 को हुई थी. महिला जब घर में नाह रही थी (imprisonment of rape convict in rohtak) तब दोषी विजेंद्र ने घर में घुस कर 2 साल 6 महीने की बच्ची के साथ दुष्कर्म किया था. बच्ची की मां ने जब रोने की आवाज सुनी तो वो नाह कर बाहर आई तो देखा कमरा बंद था. महिला ने दरवाजा खोला तो कमरे में विजेंद्र था और बच्ची के शरीर से खून बह रहा था. विजेंद्र तुरंत वहां से फरार हो गया और महिला ने बच्ची को इलाज के लिए अस्पताल में दाखिल करवाया. डाॅक्टरों ने बच्ची का मेडिकल किया तो उसमें दुष्कर्म की पुष्टि हुई.

मेडिकल रिपोर्ट और बच्ची की मां के बयानों के आधार पर मामला दर्ज कर (verdict in minor rape case rohtak) जांच शुरू की. पुलिस ने जांच पड़ताल के बाद आरोपी को दबोचा और उसे अदालत में पेश किया. लगभग अढ़ाई साल अदालत में केस चला और अब दोषी को सजा सुनाई गई. पुलिस और वकीलों ने गवाहों और सबूतों को अदालत में पेश किया जिसके बाद 20 साल की सजा का ऐलान एडिशनल सेसन जज ने किया है. बच्ची का परिवार मूलरूप से उत्तर प्रदेश का रहने वाला है और उसका बाप औद्योगिक क्षेत्र में काम करता है .

रोहतकः जिला अदालत ने दुष्कर्म के मामले में सजा सुनाई है. एडिशनल सेशन जज नरेश कुमार की अदालत (Rohtak court verdict in rape case) ने फैसला सुनाते हुए दुष्कर्म के दोषी को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 एबी, 342 व पोक्सो एक्ट के तहत 20-20 साल की सजा सुनाई है. धारा 342 के तहत अदालत ने दोषी को एक साल की सजा सुनाई है. अदाली ने दोषी पर 20 हजार रूपए का जुर्माना भी किया है. अगर दोषी जुर्माना नही भरेगा तो सजा बढ़ाई जाएगी. अदालत के फैसले से बच्ची का परिवार ने संतुष्ट है और उनका कहना है कि उनकी बेटी को न्याय मिल गया है.

दुष्कर्म की ये वारदात 9 दिसंबर 2019 को हुई थी. महिला जब घर में नाह रही थी (imprisonment of rape convict in rohtak) तब दोषी विजेंद्र ने घर में घुस कर 2 साल 6 महीने की बच्ची के साथ दुष्कर्म किया था. बच्ची की मां ने जब रोने की आवाज सुनी तो वो नाह कर बाहर आई तो देखा कमरा बंद था. महिला ने दरवाजा खोला तो कमरे में विजेंद्र था और बच्ची के शरीर से खून बह रहा था. विजेंद्र तुरंत वहां से फरार हो गया और महिला ने बच्ची को इलाज के लिए अस्पताल में दाखिल करवाया. डाॅक्टरों ने बच्ची का मेडिकल किया तो उसमें दुष्कर्म की पुष्टि हुई.

मेडिकल रिपोर्ट और बच्ची की मां के बयानों के आधार पर मामला दर्ज कर (verdict in minor rape case rohtak) जांच शुरू की. पुलिस ने जांच पड़ताल के बाद आरोपी को दबोचा और उसे अदालत में पेश किया. लगभग अढ़ाई साल अदालत में केस चला और अब दोषी को सजा सुनाई गई. पुलिस और वकीलों ने गवाहों और सबूतों को अदालत में पेश किया जिसके बाद 20 साल की सजा का ऐलान एडिशनल सेसन जज ने किया है. बच्ची का परिवार मूलरूप से उत्तर प्रदेश का रहने वाला है और उसका बाप औद्योगिक क्षेत्र में काम करता है .

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