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देश का पेट भरने वाला अन्नदाता आज खुद है भूखा! रोहतक में धान बिक्री को तरसे किसान

रोहतक अनाज मंडी में धान बिक नहीं रहा है और अगर बिक भी रहा है तो वो 2000 से 2200 रुपये के बीच में. किसानों से बताया कि उनकी फसल 3 से 4 दिन में बिक रही है. जिस वजह से उन्हें कई दिनों तक अनाज मंडी में ही रुकना पड़ रहा है.

रोहतक में धान बिक्री को तरसे किसान
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Published : Nov 19, 2019, 11:29 PM IST

रोहतक: जिस प्रदेश का मुखिया किसानों को ये कह दे कि आप चावल निकाल कर रख लो. जब चावल महंगा हो जाए तो उसे बेच देना. आप ऐसे प्रदेश के किसानों की हालत को समझ ही सकते हैं. हरियाणा सरकार भले ही अन्नदाता की आय दोगुनी करने का दावा करती हो. खुद को किसान हितैषी सरकार बताती हो, लेकिन असलियत क्या है ये आप अनाज मंडियों में जाकर खुद देख सकते हैं. जहां किसानों की ना फसल बिक रही है और ना ही उन्हें सही लागत मिल रही है

रोहतक अनाज मंडी में नहीं बिक रहा धान
ईटीवी भारत की स्पेशल सीरीज 'मुसीबत की मंडी' के तहत हमारी टीम रोहतक की अनाज मंडी पहुंची. जहां के किसान परेशान और हताश नजर आए. किसानों ने बताया कि एक क्विंटल फसल में चार हजार की लागत आती है, लेकिन अनाज मंडी में मुनाफा तो छोड़िए उन्हें उनकी लागत के बराबर भी पैसा नहीं मिल रहा है.

क्लिक कर देखें स्पेशल रिपोर्ट

किसानों को नहीं मिल रही पूरी लागत
रोहतक अनाज मंडी में धान बिक नहीं रहा है और अगर बिक भी रहा है तो वो रु 2000 से रु 2200 के बीच में. किसानों से बताया कि उनकी फसल 3 से 4 दिन में बिक रही है. जिस वजह से उन्हें कई दिनों तक अनाज मंडी में ही रुकना पड़ रहा है.

सरकार से नाखुश दिखे किसान
इस दौरान कई किसान मनोहर सरकार की नीतियों और चावल पर दिए सीएम मनोहर लाल के बयान से नाखुश नजर आए. किसानों ने कहा कि सीएम तो कह देते हैं कि चावल को मुनाफा होने पर बेचना, लेकिन तब किसान चावल को कहा रखेगा. इतने दिनों में तो चावल में कीड़े लग जाएंगे.

ये भी पढ़िए: बल्लभगढ़ के किसान परेशान, अनाज मंडी में किसानों को नहीं मिल रहा उचित दाम

अधिकारी की नजर में सब 'फर्स्ट क्लास' है !

वहीं जब इस बारे में अनाज मंडी के अधिकारी दीपक कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमेशा की तरह अनाज मंडी में सब ठीक-ठाक चल रहा है. उन्होंने कहा कि किसानों का पूरा धान तो नहीं लेकिन 80 से 85% तक धान खरीदा जा रहा है.

रोहतक: जिस प्रदेश का मुखिया किसानों को ये कह दे कि आप चावल निकाल कर रख लो. जब चावल महंगा हो जाए तो उसे बेच देना. आप ऐसे प्रदेश के किसानों की हालत को समझ ही सकते हैं. हरियाणा सरकार भले ही अन्नदाता की आय दोगुनी करने का दावा करती हो. खुद को किसान हितैषी सरकार बताती हो, लेकिन असलियत क्या है ये आप अनाज मंडियों में जाकर खुद देख सकते हैं. जहां किसानों की ना फसल बिक रही है और ना ही उन्हें सही लागत मिल रही है

रोहतक अनाज मंडी में नहीं बिक रहा धान
ईटीवी भारत की स्पेशल सीरीज 'मुसीबत की मंडी' के तहत हमारी टीम रोहतक की अनाज मंडी पहुंची. जहां के किसान परेशान और हताश नजर आए. किसानों ने बताया कि एक क्विंटल फसल में चार हजार की लागत आती है, लेकिन अनाज मंडी में मुनाफा तो छोड़िए उन्हें उनकी लागत के बराबर भी पैसा नहीं मिल रहा है.

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किसानों को नहीं मिल रही पूरी लागत
रोहतक अनाज मंडी में धान बिक नहीं रहा है और अगर बिक भी रहा है तो वो रु 2000 से रु 2200 के बीच में. किसानों से बताया कि उनकी फसल 3 से 4 दिन में बिक रही है. जिस वजह से उन्हें कई दिनों तक अनाज मंडी में ही रुकना पड़ रहा है.

सरकार से नाखुश दिखे किसान
इस दौरान कई किसान मनोहर सरकार की नीतियों और चावल पर दिए सीएम मनोहर लाल के बयान से नाखुश नजर आए. किसानों ने कहा कि सीएम तो कह देते हैं कि चावल को मुनाफा होने पर बेचना, लेकिन तब किसान चावल को कहा रखेगा. इतने दिनों में तो चावल में कीड़े लग जाएंगे.

ये भी पढ़िए: बल्लभगढ़ के किसान परेशान, अनाज मंडी में किसानों को नहीं मिल रहा उचित दाम

अधिकारी की नजर में सब 'फर्स्ट क्लास' है !

वहीं जब इस बारे में अनाज मंडी के अधिकारी दीपक कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमेशा की तरह अनाज मंडी में सब ठीक-ठाक चल रहा है. उन्होंने कहा कि किसानों का पूरा धान तो नहीं लेकिन 80 से 85% तक धान खरीदा जा रहा है.

Intro:किसानों के लिए मंडी बनी आफत,नही बिक रहा धान4 दिन तक करना पड़ता है इंतज़ार।

लागत से कम कीमत पर धान भेजने को मजबूर किसान।

अधिकारी ने भी माना नही बिक पाता पूरा धान

किसानों के लिए आफत बनी मंडी में किसानों को लागत से कम कीमत पर धान बेचने पड़ता है वही मंडी में धान बेचने के लिए किसानों को 4 से 5 दिन का इंतजार करना पड़ता है जबकि अधिकारी भी मान रहे हैं नहीं देख पाता किसानों का पूरा धान


Body:रोहतक मंडी में किसान इस कदर परेशान है कि आप सोच भी नहीं सकते। किसानों को अपना धान लागत से भी कम कीमत मैं बेचना पड़ रहा है, क्योंकि ऊपर से गेहूं की बुवाई का सीजन है और किसान के पास पैसा नहीं है इसलिए इंतजार करने से अच्छा है किसान लागत से भी कम कीमत पर धान को बेच जाता है। वहीं सरकार के बड़े-बड़े दावों की पोल भी खुलती नजर आ रही है। जहां एक ओर सरकार दावे कर रही है किसानों का एक-एक दाना खरीदा जाएगा वहीं किसानों का कहना है कि धान बेचने के लिए मंडी में 4 से 5 दिन तक इंतजार करना पड़ता है। किसानों ने यह भी कहा कि प्रति एकड़ पर क्विटल के हिसाब से तीन से ₹4000 खर्च आता है जब की दो से ढाई हजार रुपए तक धान बिक रहा है जिससे केवल नुकसान है फायदा नहीं वही किसानों ने कहा कि मंडी में कोई सुविधा भी नहीं है जब किसानों से पूछा गया कि आप कम कीमत में धान को क्यों बेचते हैं तो उन्होंने कहा कि ऊपर से गेहूं की बुवाई का सीजन है और उन्हें पैसों की जरूरत होती है इसलिए धान को औने पौने दामों में बेचा जाता है क्योंकि वह इससे ज्यादा इंतजार नहीं कर सकते।

बाइट:-राजेश,अनिल,बलजीत सिंह,अतर सिंह


Conclusion:वहीं दूसरी ओर अधिकारी ने भी कहि न कही माना कि किसानों का पूरा धान नहीं खरीदा जा रहा। उन्होंने कहा कि 80 से 85% तक ही किसानों का धान खरीदा जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले साल की अपेक्षा अब की बार ध्यान बेहद काम है क्योंकि समय पर बारिश ना होना और अन्य कारण है। उन्होंने कहा कि अभी तक 143000 क्विंटल धान सरकार ने खरीदा है। जब उनसे किसानों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अभी तक किसी भी किसान की शिकायत उनके पास नहीं आई है और अगर ऐसा है तो किसान हमसे शिकायत करें जिस पर तुरंत कार्रवाई होगी।

बाइट:-दीपक कुमार अनाज मंडी अधिकारी
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