रोहतक: जिस प्रदेश का मुखिया किसानों को ये कह दे कि आप चावल निकाल कर रख लो. जब चावल महंगा हो जाए तो उसे बेच देना. आप ऐसे प्रदेश के किसानों की हालत को समझ ही सकते हैं. हरियाणा सरकार भले ही अन्नदाता की आय दोगुनी करने का दावा करती हो. खुद को किसान हितैषी सरकार बताती हो, लेकिन असलियत क्या है ये आप अनाज मंडियों में जाकर खुद देख सकते हैं. जहां किसानों की ना फसल बिक रही है और ना ही उन्हें सही लागत मिल रही है
रोहतक अनाज मंडी में नहीं बिक रहा धान
ईटीवी भारत की स्पेशल सीरीज 'मुसीबत की मंडी' के तहत हमारी टीम रोहतक की अनाज मंडी पहुंची. जहां के किसान परेशान और हताश नजर आए. किसानों ने बताया कि एक क्विंटल फसल में चार हजार की लागत आती है, लेकिन अनाज मंडी में मुनाफा तो छोड़िए उन्हें उनकी लागत के बराबर भी पैसा नहीं मिल रहा है.
किसानों को नहीं मिल रही पूरी लागत
रोहतक अनाज मंडी में धान बिक नहीं रहा है और अगर बिक भी रहा है तो वो रु 2000 से रु 2200 के बीच में. किसानों से बताया कि उनकी फसल 3 से 4 दिन में बिक रही है. जिस वजह से उन्हें कई दिनों तक अनाज मंडी में ही रुकना पड़ रहा है.
सरकार से नाखुश दिखे किसान
इस दौरान कई किसान मनोहर सरकार की नीतियों और चावल पर दिए सीएम मनोहर लाल के बयान से नाखुश नजर आए. किसानों ने कहा कि सीएम तो कह देते हैं कि चावल को मुनाफा होने पर बेचना, लेकिन तब किसान चावल को कहा रखेगा. इतने दिनों में तो चावल में कीड़े लग जाएंगे.
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अधिकारी की नजर में सब 'फर्स्ट क्लास' है !
वहीं जब इस बारे में अनाज मंडी के अधिकारी दीपक कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमेशा की तरह अनाज मंडी में सब ठीक-ठाक चल रहा है. उन्होंने कहा कि किसानों का पूरा धान तो नहीं लेकिन 80 से 85% तक धान खरीदा जा रहा है.