रोहतक: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर शनिवार को रोहतक में कार्यकर्ताओं व अधिकारियों की एक बैठक लेने के लिए सर्किट हाउस पहुंचे थे. जब इसकी सूचना बर्खास्त पीटीआई अध्यापकों लगी तो वो मुख्यमंत्री से मिलने के लिए जुलूस के रूप में सर्किट हाउस जाने लगे. इस दौरान पीटीआई अध्यापकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की. जिसके बाद अशोका चौक पर पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर इन्हें रोक दिया.
प्रदर्शन करते पीटीआई अध्यापकों को पुलिस ने समझाने का खूब प्रयास किया लेकिन पीटीआई अध्यापक नहीं माने. जिसके बाद प्रशासन ने पीटीआई अध्यापकों की पांच सदस्यीय टीम को मुख्यमंत्री से मिलने का आश्वासन दिया. तब कहीं जाकर पीटीआई अध्यापकों ने अपनी जिद्द छोड़ी और वापस लघु सचिवालय स्थित अपने घरना स्थल पर लौटे.
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प्रदर्शनकारी पीटीआई अध्यापकों ने कहा कि वो अपनी जान हथेली पर रखकर ही आंदोलन करने के लिए उतरे हैं. अगर उनकी जान जाती है तो इसकी जिम्मेदार सरकार होगी. हमारा मुख्य उद्वेश्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के सामने तक अपनी बात पहुंचाना है और जिसके लिए उन्होंने यह प्रदर्शन किया, लेकिन अब पुलिस ने उन्हें बीच रास्ते में रोक लिया है और उन्हें आश्वासन दिए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश के नेता यहां तक मान रहे कि पीटीआई अध्यापकों का कोई दोष नहीं है, फिर पीटीआई अध्यापकों को सजा क्यों दी जा रही है.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 2010 में भर्ती हुए 1983 पीटीआई अध्यापकों को बर्खास्त कर दिया गया है. अपनी नौकरी बचाने के लिए यह बर्खास्त अध्यापक प्रदेश के हर नेता के सामने गुहार लगाते फिर रहे हैं और इसी के मद्देनजर काफी दिनों से रोहतक के लघु सचिवालय के बाहर इन बर्खास्त अध्यापकों ने धरना भी दे रखा है, लेकिन अभी तक इनकी समस्या का समाधान नहीं हो पाया है. सरकार ने भी इन्हें रिलीव करने के आदेश जारी कर दिए हैं.