रोहतक: अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाने वाले मरीज का नाम राजेंद्र सिंह है और वो हरियाणा पुलिस के रिटायर्ड कर्मचारी हैं. राजेंद्र सिंह की मानें तो उन्हें पथरी की दिक्कत है, जिसका इलाज कराने के लिए वो 31 अगस्त को रोहतक पीजीआई पहुंचे थे. जहां ओपीडी में उन्होंने डॉक्टरों को दिखाया.
राजेंद्र सिंह ने बताया कि डॉक्टरों ने जांच करने के बाद उनके ओपीडी कार्ड पर तीन दवाई लिखी और कहा कि ये दवाई मुख्यमंत्री मुफ्त इलाज योजना के तहत बाहर काउंटर पर मिल जाएगी, जिसके बाद राजेंद्र मुफ्त दवा वाले काउंटर पर पहुंचे और उन्होंने पर्ची दे कर दवाईयां ले ली. उन्हें 40 दिन की दवा दी गई, जिसे राजेंद्र लेकर घर चले गए.
घर पहुंचने पर उन्होंने देखा कि तीन दवाओं में से एक एक्सपायरी डेट की है, जिसके बाद वो हैरान रह गए. राजेंद्र ने कहा कि 31 अगस्त को उन्होंने काउंटर से दवा ली और इस दवा की एक्सपायरी डेट अगस्त 2020 की थी. राजेन्द्र का कहना है कि अगर मुझे कोई परेशानी हो जाती तो उसका जिम्मेदार कौन होता?
जब इस बारे में रोहतक पीजीआई के वाइस चांसलर डॉ. ओपी कालरा से बात की गई तो वे एक्सपायर हुई दवाएं रोहतक पीजीआई में होने की बात को मानने से इनकार करते नजर आए. उनका कहना था कि ऐसा हो ही नहीं सकता, लेकिन जब उनसे पीजीआई में एक्सपायरी डेट की दवा मिलने की बात कई बार पूछी गई तो उन्होंने कहा कि मीडिया के माध्यम से मामला संज्ञान में आया है और वो इस मामले की जांच करेंगे. ओपी कालरा ने कहा कि अगर ऐसा हुआ है तो बहुत बड़ी लापरवाही है और लापरवाही करने वालों पर कार्रवाई भी की जाएगी.
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