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खुलासा: हरियाणा में ठेकों पर नहीं जुट रही भीड़, क्या ये है बड़ी वजह ?

हरियाणा में बुधवार से शराब के ठेके खोल दिए गए हैं, लेकिन देश के बाकि भागों की तुलना में हरियाणा से तस्वीर बिल्कुल अलग आई है. ठेकों पर सामान्य रुप से लोग बिना किसी हाय-तौबा के आराम से पहुंचे. शराब दुकानदार कम लोगों के पहुंचने पर कुछ अलग सोच रखते हैं.

no rush on wine shops in rohtak
हरियाणा में ठेकों पर नहीं जुट रही भीड़
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Published : May 6, 2020, 1:55 PM IST

रोहतक: दिल्ली की तर्ज पर हरियाणा में भी शराब के ठेके खोल दिए गए हैं लेकिन फर्क सिर्फ इतना है कि दिल्ली में लंबी लंबी लाइन लग गई, लेकिन रोहतक में ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिला

पीने वाले दाम नहीं देखते !

कोरोना सेस के साथ प्रदेश में शराब के दामों में बढ़ोतरी की गई है. पिछले दिनों देश के अलग भागों से जिस तरह से शराब के शौकिनों की ठेकों के बाहर भीड़ जुटी इससे ये साफ हो गया कि पीने वालों को दाम बढ़ने से कोई फर्क नहीं पड़ रहा है. ऐसे में सवाल है कि हरियाणा में आखिर ठेकों तक पीने वाले ज्यादा संख्या में क्यों नहीं पहुंच रहे.

क्लिक कर देखें रिपोर्ट

ठेकों पर क्यों नहीं है भीड़ ?

दुकानदारों का कहना है कि लॉक डाउन के बीच भले ही ठेके बंद कर दिए गए, लेकिन लोगों तक शराब की डिलीवरी होती रही. अवैध रुप से शराब बेची जाती रही और पीने वालों को कोई खास दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ा. इसलिए, अब ठेके खुल जाने के बाद भी शराब लेने के लिए मारा-मारी नहीं हो रही.

कौन है जिम्मेदार ?

बता दें कि गृह अनिल विज खुद भी मानते हैं कि लॉकडाउन में हरियाणा में शराब की तस्करी हुई है. गृह अनिल विज ने आशंका जताते हुए ये भी कहा कि लॉक डाउन के समय और इससे पहले कोई बड़ा गैंग अवैध शराब का बड़ा कारोबार करता रहा है, जिसमें कुछ अधिकारियों की भी मिली भगत होने की संभावना है इनके खिलाफ जांच का आदेश दिया जा चुका है. विज के आदेश पर 2 SHO पर FIR भी दर्ज किया जा चुका है.

ये भी पढ़ें- अवैध शराब की कालाबाजारी पर 'गब्बर' सख्त, सही स्टॉक ना मिलने पर अधिकारियों पर कार्रवाई

आम जनता की सोच अलग

वहीं दूसरी ओर आम लोगों का कहना है कि शराब की इतनी ज्यादा जरूरत नहीं है, जितनी ज्यादा महंगाई को कम करने की है. लोगों ने कहा कि शराब से ज्यादा खाद्य पदार्थ की चीजें महंगी होती जा रही है. सरकार को इनकी तरफ ध्यान देकर इन्हें सस्ता करना चाहिए .

रोहतक: दिल्ली की तर्ज पर हरियाणा में भी शराब के ठेके खोल दिए गए हैं लेकिन फर्क सिर्फ इतना है कि दिल्ली में लंबी लंबी लाइन लग गई, लेकिन रोहतक में ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिला

पीने वाले दाम नहीं देखते !

कोरोना सेस के साथ प्रदेश में शराब के दामों में बढ़ोतरी की गई है. पिछले दिनों देश के अलग भागों से जिस तरह से शराब के शौकिनों की ठेकों के बाहर भीड़ जुटी इससे ये साफ हो गया कि पीने वालों को दाम बढ़ने से कोई फर्क नहीं पड़ रहा है. ऐसे में सवाल है कि हरियाणा में आखिर ठेकों तक पीने वाले ज्यादा संख्या में क्यों नहीं पहुंच रहे.

क्लिक कर देखें रिपोर्ट

ठेकों पर क्यों नहीं है भीड़ ?

दुकानदारों का कहना है कि लॉक डाउन के बीच भले ही ठेके बंद कर दिए गए, लेकिन लोगों तक शराब की डिलीवरी होती रही. अवैध रुप से शराब बेची जाती रही और पीने वालों को कोई खास दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ा. इसलिए, अब ठेके खुल जाने के बाद भी शराब लेने के लिए मारा-मारी नहीं हो रही.

कौन है जिम्मेदार ?

बता दें कि गृह अनिल विज खुद भी मानते हैं कि लॉकडाउन में हरियाणा में शराब की तस्करी हुई है. गृह अनिल विज ने आशंका जताते हुए ये भी कहा कि लॉक डाउन के समय और इससे पहले कोई बड़ा गैंग अवैध शराब का बड़ा कारोबार करता रहा है, जिसमें कुछ अधिकारियों की भी मिली भगत होने की संभावना है इनके खिलाफ जांच का आदेश दिया जा चुका है. विज के आदेश पर 2 SHO पर FIR भी दर्ज किया जा चुका है.

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आम जनता की सोच अलग

वहीं दूसरी ओर आम लोगों का कहना है कि शराब की इतनी ज्यादा जरूरत नहीं है, जितनी ज्यादा महंगाई को कम करने की है. लोगों ने कहा कि शराब से ज्यादा खाद्य पदार्थ की चीजें महंगी होती जा रही है. सरकार को इनकी तरफ ध्यान देकर इन्हें सस्ता करना चाहिए .

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