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रोहतकः सिविल अस्पताल का हाल, रेबीज के इंजेक्शन खत्म, सीएमओ बोले 'सरकार को बता दिया'

रोहतक के सरकारी अस्पताल में रेबीज के इंजेक्शन लगवाने आए मरीजों को वहां पर तैनात स्टाफ एंटी रेबीज इंजेक्शन खत्म होने की बात कहकर लौटा रहा है.

अस्पताल में रेबीज के इंजेक्शन हुए खत्म
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Published : Jul 18, 2019, 5:18 PM IST

रोहतकः पिछले 20 दिनों से रोहतक के नागरिक अस्पताल में एंटी रेबीज इंजेक्शन खत्म हैं. जिसके चलते कुत्तों और बंदरों के काटने से घायल हुए लोगों को बाहर से महंगे दाम पर इंजेक्शन खरीदने पड़ रहे हैं. जबकि बाहर मार्किट में इनकी कीमत 350 से 400 रुपए तक है. वहीं स्वास्थ्य विभाग दावा करता नहीं थक रहा कि हम बेहतर सुविधाएं दे रहे हैं, लेकिन यहां दावों का दम निकलता दिखाई दे रहा है.

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100 से 150 मरीज आते हैं हर रोज
रोहतक के सरकारी अस्पताल में प्रतिदिन कुत्ते और बंदरों के काटने के 100 से 150 के करीब मरीज इंजेक्शन लगवाने के लिए आते हैं. जिसके लिए चिकित्सक तो इंजेक्शन लगवाने के लिए ओपीडी पर्ची पर लिख देते हैं, लेकिन जब इंजेक्शन रूम में जाते हैं तो वहां पर तैनात स्टाफ एंटी रेबीज इंजेक्शन खत्म होने की बात कहकर लौटा देता है. फिर मरीजों को ये इंजेक्शन महंगे दाम पर बाहर से खरीद कर लाने पड़ते हैं.

'25 दिनों से खत्म हैं इजेक्शन'
मामले में सिविल अस्पताल के डॉक्टर्स का कहना है कि हर रोज 100 से 150 के करीब जानवरों के काटने के मामले आते हैं, लेकिन अस्पताल में 20-25 दिन से इंजेक्शन खत्म होने से मरीजों को बाहर से महंगे दामों पर खरीदना पड़ता है. उन्होंने बताया कि अगर इंजेक्शन समय पर नहीं लगता तो रेबीज फैलने का डर रहता है.

क्या कहना है सिविल अस्पताल के सीएमओ का ?
सीएमओ डॉक्टर अनिल बिरला का कहना है कि इंजेक्शन की कमी जरूर है, लेकिन पूरे जिले में तीन सौ इंजेक्शन का स्टॉक अब भी है. जो कि इमरजेंसी मरीज के लिए है. उन्होंने बताया कि इसके लिए टेंडर लगा रखा है और सरकार के पास भी डिमांड रखी है. सिविल अस्पताल में इस तरह की लापरवाही प्रशासन के तमाम दावों की पोल खोलती नजर आ रही है.

रोहतकः पिछले 20 दिनों से रोहतक के नागरिक अस्पताल में एंटी रेबीज इंजेक्शन खत्म हैं. जिसके चलते कुत्तों और बंदरों के काटने से घायल हुए लोगों को बाहर से महंगे दाम पर इंजेक्शन खरीदने पड़ रहे हैं. जबकि बाहर मार्किट में इनकी कीमत 350 से 400 रुपए तक है. वहीं स्वास्थ्य विभाग दावा करता नहीं थक रहा कि हम बेहतर सुविधाएं दे रहे हैं, लेकिन यहां दावों का दम निकलता दिखाई दे रहा है.

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100 से 150 मरीज आते हैं हर रोज
रोहतक के सरकारी अस्पताल में प्रतिदिन कुत्ते और बंदरों के काटने के 100 से 150 के करीब मरीज इंजेक्शन लगवाने के लिए आते हैं. जिसके लिए चिकित्सक तो इंजेक्शन लगवाने के लिए ओपीडी पर्ची पर लिख देते हैं, लेकिन जब इंजेक्शन रूम में जाते हैं तो वहां पर तैनात स्टाफ एंटी रेबीज इंजेक्शन खत्म होने की बात कहकर लौटा देता है. फिर मरीजों को ये इंजेक्शन महंगे दाम पर बाहर से खरीद कर लाने पड़ते हैं.

'25 दिनों से खत्म हैं इजेक्शन'
मामले में सिविल अस्पताल के डॉक्टर्स का कहना है कि हर रोज 100 से 150 के करीब जानवरों के काटने के मामले आते हैं, लेकिन अस्पताल में 20-25 दिन से इंजेक्शन खत्म होने से मरीजों को बाहर से महंगे दामों पर खरीदना पड़ता है. उन्होंने बताया कि अगर इंजेक्शन समय पर नहीं लगता तो रेबीज फैलने का डर रहता है.

क्या कहना है सिविल अस्पताल के सीएमओ का ?
सीएमओ डॉक्टर अनिल बिरला का कहना है कि इंजेक्शन की कमी जरूर है, लेकिन पूरे जिले में तीन सौ इंजेक्शन का स्टॉक अब भी है. जो कि इमरजेंसी मरीज के लिए है. उन्होंने बताया कि इसके लिए टेंडर लगा रखा है और सरकार के पास भी डिमांड रखी है. सिविल अस्पताल में इस तरह की लापरवाही प्रशासन के तमाम दावों की पोल खोलती नजर आ रही है.

Intro:रोहतक नागरिक अस्पताल में लगभग 20 दिन से एंटी रैबीज इंजेक्शन खत्म हैं। जिसके चलते कुत्तों और बंदरों के काटने से घायल हुए लोगों को बाहर से मंहगे दाम पर इंजेक्शन खरीदने पड़ रहे हैं। बाहर मार्किट में 350 से 400 रुपए तक की कीमत है। स्वास्थ्य विभाग दावा करता रहता है कि हम बेहतर सुविधाएं दे रहे हैं। लेकिन यहां दावों का दम निकलता दिखाई दे रहा है। Body:रोहतक के सरकारी अस्पताल में प्रतिदिन कुत्तों व बंदरों के काटने के 100 से 150 के करीब लोग इंजेक्शन लगवाने के लिए आते हैं। जिसके लिए चिकित्सक तो इंजेक्शन लगवाने के लिए ओपीडी पर्ची पर लिख देतें हैं, लेकिन जब इंजेक्शन रूम में जाते हैं तो वहां पर तैनात स्टाफ एंटी रैबीज इंजेक्शन खत्म होने की बात कहकर लौटा देता है। फिर मंहगे दाम पर बहार से खरीद कर लाने पड़ते हैं ।
इंजेक्शन लगाने वाले डॉक्टर ने कहा हर रोज 100 से 150 के करीब जानवरों के काटने के आते हैं। लेकिन अस्पताल में 20 व 25 दिन से इंजेक्शन खत्म होने से मरीजो को बाहर से मंहगे दामो पर खरीदना पड़ता है । अगर इंजेक्शन समय पर नही लगता तो रेबीज फैलने का डर रहता है ।Conclusion:सिविल सीएमओ डॉक्टर अनिल बिरला का कहना है कि इंजेक्शन की कमी ज़ुरूर है । लेकिन पूरे जिले में तीन सौ इंजेक्शन का स्टॉक अब भी है । जो कि एमर्जेन्सी मरीज के लिए है । इसके लिए टेंडर लगा रखा । सरकार के पास भी डिमांड रखी है लेकिन पीछे कम्पनियों से ही कमी चल रही जल्द इंजेक्शन उपलब्ध हो जाएगा।
बाइट। - डॉक्टर अनिल बिरला सिविल सीएमओ रोहतक ।
बाइट- मंजू होस्पिटल स्टाप कर्मचारी ।
होस्पिटल में आये स्थानीय निवासी ने बताया कि उसके भाई को शनिवार शाम कुत्ते ने काट लिया था। इसके बाद वह नागरिक अस्पताल में एंटी रैबीज का इंजेक्शन लगवाने के लिए आया था, लेकिन पता चला कि इंजेक्शन खत्म हो चुका है। इससे वह बाहर से इंजेक्शन को खरीद कर लाया।
बाइट - नवीन स्थानीय निवासी ।
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