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PGI रोहतक में जन्म और मृत्यु पंजीकरण में मिली गड़बड़ी, आरोपी रजिस्ट्रार के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश

पीजीआईएएस रोहतक में जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रेशन (PGI Rohtak Death Registration) के आंकड़ों में बड़ी गड़बड़ी का खुलासा हुआ है. इस मामले में पीजीआई निदेशक ने स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को पत्र लिखकर जिम्मेदार रजिस्ट्रार के खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश की है.

PGI Rohtak Death Registration
पीजीआई रोहतक जन्म रजिस्ट्रेशन गड़बड़ी
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Published : May 13, 2023, 8:42 AM IST

रोहतक: पीजीआईएमएस रोहतक में 8 हजार से ज्यादा जन्म व मृत्यु के पंजीकरण में गड़बड़ी मिली है. जन्म व मृत्यु का डाटा सीआरएस (सिविल रजिस्ट्रेशन पोर्टल) पर अपलोड ही नहीं हुआ. सिविल सर्जन की ओर से गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है. पीजीआईएमएस में डॉक्टर संदीप के पास जन्म व मृत्यु रजिस्टार की जिम्मेदारी थी, जो स्वास्थ्य विभाग से यहां डेपुटेशन पर आए थे. पीजीआई निदेशक डॉक्टर शमशेर सिंह लोहचब ने डॉक्टर संदीप को रिलीव कर दिया है.

इसी के साथ निदेशक ने स्वास्थ्य विभाग हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव को पत्र लिखकर डॉक्टर संदीप को चार्जशीट करने को कहा है. स्वास्थ्य विभाग हरियाणा से एसएमओ डॉक्टर संदीप वर्ष 2015 में पीजीआईएमएस रोहतक में डेपुटेशन पर आए थे. बाद में 6 फरवरी 2020 को उन्हें पीजीआईएमएस में जन्म एवं मृत्यु के रजिस्टार की ड्यूटी दी गई थी. जिला रजिस्टार जन्म एवं मृत्यु कम सिविल सर्जन ने 7 मार्च 2023 को पीजीआईएमएस रोहतक के निदेशक को पत्र के जरिए सूचित किया कि जन्म एवं मृत्यु के आंकड़ें में भारी गड़बड़ मिली है.

सिविल सर्जन की ओर से गठित कमेटी ने जांच की. जिसमें पाया गया कि सीआरएस पोर्टल पर डाटा अपलोड करने में गड़बड़ी की गई है. अब तक 4 हजार से ज्यादा जन्म और 4 हजार से ज्यादा मृत्यु की जानकारी अपंजीकृत मिली हैं. फिर 13 मार्च को सिविल सर्जन ने पीजीआईएमएस निदेशक को पत्र के जरिए बताया कि हर माह 200 से 300 जन्म व मृत्यु सीआरएस पोर्टल पर अपलोड नहीं किया गया. ये पूर्ण रूप से सरकार के आदेशों का उल्लंधन है. इस तरह सरकार के आदेशों का पालन न करना गंभीर मामला है.

सिविल सर्जन ने इस मामले की गहनता से जांच कर 7 दिन में रिपोर्ट देने को कहा. 28 मार्च को फिर एक और कमेटी का गठन मामले की जांच के लिए किया गया. 26 अप्रैल को जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट जमा करा दी. जांच कमेटी ने पाया कि इस मामले में बैकलॉग को पूरा करने के लिए प्रयास ही नहीं किए गए और ना ही इस बारे में कर्मचारियों को निर्देश दिए गए.

यही नहीं जन्म मृत्यु के चीफ रजिस्टार ने कई बार पत्र व्यवहार मामले का हल निकालने को कहा लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया. अब निदेशक ने स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि इस मामले में डॉक्टर संदीप के खिलाफ चार्जशीट जारी कर उचित कार्रवाई की जाए. पीजीआईएमएस से गुरूवार को डॉक्टर संदीप को रिलीव कर दिया गया है.

ये भी पढ़ें- आधुनिक स्मार्ट एलईडी से होगी PGI रोहतक में छात्रों की पढ़ाई, खरीदे गये 23 एलईडी

रोहतक: पीजीआईएमएस रोहतक में 8 हजार से ज्यादा जन्म व मृत्यु के पंजीकरण में गड़बड़ी मिली है. जन्म व मृत्यु का डाटा सीआरएस (सिविल रजिस्ट्रेशन पोर्टल) पर अपलोड ही नहीं हुआ. सिविल सर्जन की ओर से गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है. पीजीआईएमएस में डॉक्टर संदीप के पास जन्म व मृत्यु रजिस्टार की जिम्मेदारी थी, जो स्वास्थ्य विभाग से यहां डेपुटेशन पर आए थे. पीजीआई निदेशक डॉक्टर शमशेर सिंह लोहचब ने डॉक्टर संदीप को रिलीव कर दिया है.

इसी के साथ निदेशक ने स्वास्थ्य विभाग हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव को पत्र लिखकर डॉक्टर संदीप को चार्जशीट करने को कहा है. स्वास्थ्य विभाग हरियाणा से एसएमओ डॉक्टर संदीप वर्ष 2015 में पीजीआईएमएस रोहतक में डेपुटेशन पर आए थे. बाद में 6 फरवरी 2020 को उन्हें पीजीआईएमएस में जन्म एवं मृत्यु के रजिस्टार की ड्यूटी दी गई थी. जिला रजिस्टार जन्म एवं मृत्यु कम सिविल सर्जन ने 7 मार्च 2023 को पीजीआईएमएस रोहतक के निदेशक को पत्र के जरिए सूचित किया कि जन्म एवं मृत्यु के आंकड़ें में भारी गड़बड़ मिली है.

सिविल सर्जन की ओर से गठित कमेटी ने जांच की. जिसमें पाया गया कि सीआरएस पोर्टल पर डाटा अपलोड करने में गड़बड़ी की गई है. अब तक 4 हजार से ज्यादा जन्म और 4 हजार से ज्यादा मृत्यु की जानकारी अपंजीकृत मिली हैं. फिर 13 मार्च को सिविल सर्जन ने पीजीआईएमएस निदेशक को पत्र के जरिए बताया कि हर माह 200 से 300 जन्म व मृत्यु सीआरएस पोर्टल पर अपलोड नहीं किया गया. ये पूर्ण रूप से सरकार के आदेशों का उल्लंधन है. इस तरह सरकार के आदेशों का पालन न करना गंभीर मामला है.

सिविल सर्जन ने इस मामले की गहनता से जांच कर 7 दिन में रिपोर्ट देने को कहा. 28 मार्च को फिर एक और कमेटी का गठन मामले की जांच के लिए किया गया. 26 अप्रैल को जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट जमा करा दी. जांच कमेटी ने पाया कि इस मामले में बैकलॉग को पूरा करने के लिए प्रयास ही नहीं किए गए और ना ही इस बारे में कर्मचारियों को निर्देश दिए गए.

यही नहीं जन्म मृत्यु के चीफ रजिस्टार ने कई बार पत्र व्यवहार मामले का हल निकालने को कहा लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया. अब निदेशक ने स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि इस मामले में डॉक्टर संदीप के खिलाफ चार्जशीट जारी कर उचित कार्रवाई की जाए. पीजीआईएमएस से गुरूवार को डॉक्टर संदीप को रिलीव कर दिया गया है.

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