रोहतक: तीन सप्ताह की फरलो खत्म होने के बाद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को कड़ी सुरक्षा के बीच रोहतक की सुनारिया जेल (Ram Rahim returned to Sunaria Jail) लाया गया. हालांकि राम रहीम को शाम तक सुनारिया जेल पहुंचाया जाना था, लेकिन सुरक्षा कारणों के चलते दोपहर में ही गुरुग्राम से रवाना होकर रोहतक की सुनारिया जेल में पहुंचा दिया गया है. बता दें कि गुरमीत राम रहीम को पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच सुनारिया जेल में पहुंचाया गया है.
सोमवार सुबह पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को गुरुग्राम से लेकर रोहतक के लिए रवाना हुई. इस दौरान रास्ते में भी जगह -जगह सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे. राम रहीम को लेकर गाड़ियों का काफिला सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर जेल परिसर के अंदर दाखिल हुआ. राम रहीम के आगमन से पहले ही रोहतक पुलिस ने जेल परिसर के आसपास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था कर दी थी. साथ ही जेल की ओर से जाने वाले रास्ते पर भी नाकेबंदी की गई थी. बिना चेकिंग के किसी भी वाहन को नहीं जाने दिया गया.
बता दें कि इससे पहले डेरा प्रमुख को मई 2021 में 48 घंटे की पैरोल मिली थी. तब उसने गुरुग्राम में अपनी बीमार मां से मुलाकात की थी. जबकि राम रहीम को मई और जून में इलाज के लिए पीजीआईएमएस रोहतक व गुरुग्राम के मेदांता मेडिसिटी ले जाया गया था. गौरतलब है कि 7 फरवरी को हरियाणा जेल प्रशासन ने राम रहीम की 3 सप्ताह की फरलो मंजूर की थी. जो कि 27 फरवरी को खत्म हो चुकी है. जिसके बाद सोमवार को राम रहीम को फिर से जेल में ले जाया गया है.
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वहीं हरियाणा सरकार के इस फैसले के खिलाफ (Ram Rahim furlough case) हाई कोर्ट में याचिका भी दायर की गई थी. जिसपर सुनवाई करते हुए पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट (Punjab Haryana High Court Chandigarh) ने हरियाणा सरकार से जवाब तलब किया है. बता दें कि फरलो की अवधि के दौरान राम रहीम गुरुग्राम के आश्रम में रह रहा है. उसे कहीं भी आने जाने की इजाजत नहीं थी. राम रहीम को फरलो के दौरान जेड प्लस सिक्योरिटी भी दी गई थी.
राम रहीम की फरलो के खिलाफ किसने लगाई याचिका? पंजाब में समाना निर्वाचन क्षेत्र से राज्य विधानसभा चुनाव में 56 साल के निर्दलीय उम्मीदवार परमजीत सिंह सोहाली ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका में दलील दी गई कि डेरा प्रमुख राम रहीम को फरलो ऐसे समय में दी गई है, जब पंजाब में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. याचिका में दलील दी गई कि इससे पंजाब में शांति भंग होने का भय है. याचिका के अनुसार डेरा पंजाब के कुछ क्षेत्रों में प्रभाव का दावा कर करता रहा है, डेरा प्रमुख की रिहाई से राज्य के विधानसभा चुनावों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.
कई बार मिल चुकी है पैरोल- बता दें कि राम रहीम को अब तक कई बार पैरोल मिल चुकी है. पिछले साल 12 मई को डेरा प्रमुख को इलाज के लिए हॉस्पिटल में एडमिट किया गया था. उस दौरान राम रहीम को 48 घंटे की पैरोल मिली थी. तब उसने गुरूग्राम में अपनी बीमार मां से मुलाकात की थी. इसके बाद 3 जून 2021 को जांच के लिए दोबारा पीजीआईएमएस लाया गया था जबकि 6 जून को इलाज के लिए गुरुग्राम के मेदांता मेडिसिटी में भर्ती किया गया था.
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क्या है पूरा मामला- डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 25 अगस्त 2017 को रोहतक की सुनारिया जेल में लाया गया था. पंचकूला की सीबीआई कोर्ट में पेशी के दौरान व्यापक पैमाने पर हिंसा हुई थी. इसके बाद हेलीकॉप्टर के जरिए उसे सुनारिया जेल लाया गया. 28 अगस्त को जेल परिसर में ही सीबीआई की विशेष कोर्ट लगी. सीबीआई जज जगदीप सिंह ने राम रहीम को दो साध्वियों से यौन शोषण मामले में 10-10 साल की सजा सुनाई थी. वहीं साल 2019 के जनवरी महीने में सीबीआई की विशेष अदालत ने पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में राम रहीम को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. अक्टूबर 2021 में डेरा के पूर्व प्रबंधक रणजीत सिंह हत्याकांड में भी राम रहीम को उम्रकैद की सजा हुई थी.
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