रोहतक: पीएनबी बैंक (Rohtak Punjab National Bank) के रिटायर्ड एडिशनल चीफ मैनेजर से धोखाधड़ी (Fraud in Rohtak) करने का मामला सामने आया है. साइबर ठग ने खुद को कनाडा का दोस्त बताकर उनसे मदद के नाम पर 38 लाख 35 हजार रुपए ऐंठ लिए. आरोपी ने रिटायर्ड एडिशनल चीफ मैनेजर को आर्थिक संकट में फंसने की झूठी जानकारी दी थी. उसने फोन पर कहा था कि उनके सभी बैंक अकाउंट कनाडा सरकार ने सील कर दिए हैं. इसलिए उसे आर्थिक मदद की जरूरत है. धोखाधड़ी के बारे में पता चलने पर अब पीड़ित ने इस संबंध में साइबर थाने में केस दर्ज कराया है.
जानकारी के अनुसार शक्ति नगर निवासी 81 वर्षीय दर्शन लाल चावला पंजाब नेशनल बैंक से रिटायर्ड एडिशनल चीफ मैनेजर हैं. उनका अकाउंट शिक्षा भारती स्कूल स्थित पीएनबी की ब्रांच में है. दिल्ली निवासी राजेंद्र बतरा और दर्शन लाल कॉलेज के समय के दोस्त हैं. दोनों 1962 में नेकीराम कॉलेज में पढ़ते थे. उस समय राजेंद्र के चाचा रोहतक में थाना प्रभारी थे. 1964 में राजेंद्र बतरा परिवार सहित कनाडा चले गए. वह वहां एजुकेशन विभाग में नौकरी करते थे. अब रिटायर हो चुके हैं. दोनों में अच्छी दोस्ती है. दर्शन लाल भी कनाडा जा चुके हैं. अब दोनों अक्सर व्हट्सएप पर चैटिंग कर लेते हैं.
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साइबर ठग ने दोस्त बनकर ठगे रुपए: दर्शन लाल के पास 13 दिसंबर को एक इंटरनेशनल नंबर से फोन आया था. फोन करने वाले ने खुद को उनका दोस्त राजेंद्र बतरा बताते हुए कहा कि वह आर्थिक संकट में फंस गया है. कनाडा सरकार ने उसके सभी अकाउंट सील कर दिए हैं. इसलिए उसे आर्थिक मदद की जरूरत है. उसने भारत में राहुल पांडे नाम के व्यक्ति को फंड ट्रांसफर करने के लिए अपना एजेंट नियुक्त कर रखा है. इसके बाद राहुल पांडे ने दर्शन लाल को फोन किया. जिस पर दर्शनलाल ने उसके दिए गए 7 बैंक अकाउंट्स में अलग-अलग समय पर कुल 38 लाख 35 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए.
बुजुर्ग ने दर्ज कराई रिपोर्ट: बुजुर्ग होने की वजह से दर्शन लाल को कम सुनाई देता है. इसलिए वह आवाज नहीं पहचान पाए. दर्शन लाल का कहना है कि शक होने पर उसने अपने दोस्त राजेंद्र बतरा को कई बार फोन भी किए थे लेकिन कनाडा और भारत के समय में अंतर होने की वजह से कॉल रिसीव नहीं हुई. इसके बाद दर्शन लाल ने अपने बेटे को इस घटना के बारे में बताया. इसके बाद उन्हें अपने साथ हुई धोखाधड़ी के बारे में पता चला. उन्होंने इस बारे में पंजाब नेशनल बैंक की ब्रांच को भी सूचित कर दिया. साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने शिकायत के आधार पर आईपीसी की धारा 419, 420 के तहत केस दर्ज कर लिया है.