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रोहतक में गबन का मामला: स्कूल में सफाई कार्यों की बनाई फर्जी रसीदें, जेई और ग्राम सचिव पर केस दर्ज

रोहतक जिले में कबूलपुर गांव के सरकारी स्कूल में (government school kabulpur village in rohtak) सफाई कार्यों की फर्जी रसीद बनाकर 96 हजार रुपए का गबन करने को लेकर रोहतक पुलिस ने केस दर्ज किया है. इस मामले में पुलिस ने गांव के तत्कालीन बीडीपीओ, एसडीओ, जेई, ग्राम सचिव पर केस दर्ज किया है.

Fraud case in rohtak government school
रोहतक में स्कूल में सफाई कार्यों की बनाई फर्जी रसीदें
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Published : Mar 6, 2023, 7:33 PM IST

रोहतक: जिले के कबूलपुर गांव के सरकारी स्कूल में सफाई कार्य की फर्जी रसीद बनाकर 96 हजार रुपए का गबन करने का मामला सामने आया है. आरटीआई में भी इस मामले का खुलासा हुआ है कि पंचायत फंड का दुरुपयोग किया गया है. मशीन से सफाई के दौरान जो रजिस्ट्रेशन नंबर दर्शाया गया है, जांच में वह एक ऑटो रिक्शा का निकला है. इस मामले की शिकायत एसपी को की गई. जिसके बाद शिवाजी कॉलोनी पुलिस स्टेशन रोहतक में तत्कालीन बीडीपीओ, एसडीओ, जेई, ग्राम सचिव, सरपंच व मशीन मालिक के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है.

जानकारी के अनुसार इसकी शिकायत बहादुरगढ़ के सेक्टर-6 निवासी जयपाल डागर ने की थी. मामला अगस्त 2010 का है. शिकायतकर्ता का कहना है कि पूर्व सरपंच संदीप ने तत्कालीन बीडीपीओ आशीष मान, एसडीओ सुशील लाठर, जेई मोहनलाल, ग्राम सचिव राजेंद्र ढाका व जेडी बिल्डर्स अर्थ मूवर्स के साथ मिलकर फर्जी रसीद बनाकर रिकॉर्ड में फर्जी कार्य दिखाया और पंचायत फंड का गबन किया है.

पढ़ें: फतेहाबाद के गांव चांदपुरा में तनाव, गुरुद्वारे पर कब्जे को लेकर बनी टकराव की स्थिति, भारी पुलिस बल तैनात

इस संबंध में जब आरटीआई के तहत जानकारी मांगी गई, तो पता चला कि पंचायत रिकॉर्ड में 11 अगस्त 2010 के बिल नंबर 310 में जेसीबी कंपनी की मशीन (रजिस्ट्रेशन नंबर एचआर 46 बी 1532) से स्कूल परिसर में कीकर पेड़ों को हटाया गया था. जब रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी से इस संबंध में जानकारी मांगी गई तो यह रजिस्ट्रेशन नंबर एक ऑटो रिक्शे का था. भारत सरकार के परिवहन पोर्टल पर भी यह नंबर ऑटो रिक्शा के नाम पर ही दर्ज है. जिससे साबित होता है कि बिल में दर्शाई गई जेसीबी कंपनी की मशीन फर्जी है और यह रसीद भी फर्जी है. धरातल पर कोई काम नहीं किया गया था. स्कूल परिसर में कीकर की सफाई के लिए 160 घंटे मशीन का इस्तेमाल दिखाया गया है, यानी औसतन 8 घंटे 20 दिन तक मशीन से काम हुआ है.

पढ़ें: जुनैद-नासिर हत्याकांड को लेकर नूंह में तैनात की गई पुलिस जवानों की 10 टुकड़ियां

शिकायतकर्ता का कहना है कि कबूलपुर गांव के स्कूल का क्षेत्रफल ज्यादा बड़ा नहीं है और वहां सिर्फ बाउंड्री वाल के साथ कीकर उग जाती हैं और अगर मशीन से सफाई करनी भी पड़े, तो आधे दिन में ही सफाई हो जाएगी. यही नहीं कीकर की सफाई के नाम पर आरटीआई में 31 अगस्त 2010 की एक और रसीद मिली है, जिसमें मशीन से फिर 96 घंटे का कार्य दिखाया गया है.

जयपाल डागर का कहना है कि कबूलपुर गांव के पूर्व सरपंच संदीप के कहने पर ग्राम सचिव राजेंद्र ढाका ने फर्जी रसीद तैयार करवाई थी. इस मामले में तत्कालीन बीडीपीओ आशीष मान, एसडीओ सुशील लाठर, जेई मोहनलाल की भूमिका भी संदिग्ध है. इस मामले में एसपी रोहतक से शिकायत की गई. एसपी के आदेश पर जांच के बाद शिवाजी कॉलोनी पुलिस स्टेशन रोहतक में भारतीय दंड संहिता की धारा 409,420,467,468,471 के तहत केस दर्ज कर लिया गया है.

रोहतक: जिले के कबूलपुर गांव के सरकारी स्कूल में सफाई कार्य की फर्जी रसीद बनाकर 96 हजार रुपए का गबन करने का मामला सामने आया है. आरटीआई में भी इस मामले का खुलासा हुआ है कि पंचायत फंड का दुरुपयोग किया गया है. मशीन से सफाई के दौरान जो रजिस्ट्रेशन नंबर दर्शाया गया है, जांच में वह एक ऑटो रिक्शा का निकला है. इस मामले की शिकायत एसपी को की गई. जिसके बाद शिवाजी कॉलोनी पुलिस स्टेशन रोहतक में तत्कालीन बीडीपीओ, एसडीओ, जेई, ग्राम सचिव, सरपंच व मशीन मालिक के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है.

जानकारी के अनुसार इसकी शिकायत बहादुरगढ़ के सेक्टर-6 निवासी जयपाल डागर ने की थी. मामला अगस्त 2010 का है. शिकायतकर्ता का कहना है कि पूर्व सरपंच संदीप ने तत्कालीन बीडीपीओ आशीष मान, एसडीओ सुशील लाठर, जेई मोहनलाल, ग्राम सचिव राजेंद्र ढाका व जेडी बिल्डर्स अर्थ मूवर्स के साथ मिलकर फर्जी रसीद बनाकर रिकॉर्ड में फर्जी कार्य दिखाया और पंचायत फंड का गबन किया है.

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इस संबंध में जब आरटीआई के तहत जानकारी मांगी गई, तो पता चला कि पंचायत रिकॉर्ड में 11 अगस्त 2010 के बिल नंबर 310 में जेसीबी कंपनी की मशीन (रजिस्ट्रेशन नंबर एचआर 46 बी 1532) से स्कूल परिसर में कीकर पेड़ों को हटाया गया था. जब रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी से इस संबंध में जानकारी मांगी गई तो यह रजिस्ट्रेशन नंबर एक ऑटो रिक्शे का था. भारत सरकार के परिवहन पोर्टल पर भी यह नंबर ऑटो रिक्शा के नाम पर ही दर्ज है. जिससे साबित होता है कि बिल में दर्शाई गई जेसीबी कंपनी की मशीन फर्जी है और यह रसीद भी फर्जी है. धरातल पर कोई काम नहीं किया गया था. स्कूल परिसर में कीकर की सफाई के लिए 160 घंटे मशीन का इस्तेमाल दिखाया गया है, यानी औसतन 8 घंटे 20 दिन तक मशीन से काम हुआ है.

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शिकायतकर्ता का कहना है कि कबूलपुर गांव के स्कूल का क्षेत्रफल ज्यादा बड़ा नहीं है और वहां सिर्फ बाउंड्री वाल के साथ कीकर उग जाती हैं और अगर मशीन से सफाई करनी भी पड़े, तो आधे दिन में ही सफाई हो जाएगी. यही नहीं कीकर की सफाई के नाम पर आरटीआई में 31 अगस्त 2010 की एक और रसीद मिली है, जिसमें मशीन से फिर 96 घंटे का कार्य दिखाया गया है.

जयपाल डागर का कहना है कि कबूलपुर गांव के पूर्व सरपंच संदीप के कहने पर ग्राम सचिव राजेंद्र ढाका ने फर्जी रसीद तैयार करवाई थी. इस मामले में तत्कालीन बीडीपीओ आशीष मान, एसडीओ सुशील लाठर, जेई मोहनलाल की भूमिका भी संदिग्ध है. इस मामले में एसपी रोहतक से शिकायत की गई. एसपी के आदेश पर जांच के बाद शिवाजी कॉलोनी पुलिस स्टेशन रोहतक में भारतीय दंड संहिता की धारा 409,420,467,468,471 के तहत केस दर्ज कर लिया गया है.

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