रोहतक: किसानों के लिए आर्थिक पैकेज के एलान के बाद किसानों ने कहा कि अगर सरकार मदद करना चाहती है तो कर्ज माफ कर दे. किसानों के अनुसार वो पहले ही कर्ज में डूबे हुए हैं और ऊपर से सरकार और लोन देने की बात कह रही है जो राहत नहीं है, बल्कि इससे किसान और कर्ज में डूब जाएंगे.
किसानों के अनुसार अगर सरकार मदद करना ही चाहती है तो कर्जे माफ कर न की और लोन देने की बात करे. किसानों ने कहा कि उन्हें बिजली बिल में सरकार राहत दे, ताकि वो किसानी कर सकें. किसानों ने सरकार पर आरोप भी लगाया कि अभी तक गेहूं की फसल का पैसा उन्हें नहीं मिला है ऐसे में किसान कैसे अपना गुजारा करें.
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बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को अपनी दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसानों के लिए भी आर्थिक पैकेज का एलान किया. उन्होंने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ 2.5 करोड़ नए किसानों को दिया जा रहा है. मछुआरों और पशुपालकों को भी इसका लाभ मिलेगा. साथ ही किसानों के लिए 30,000 करोड़ अतिरिक्त इमरजेंसी वर्किंग कैपिटल फंड नाबार्ड को दिए जाएंगे. यह नाबार्ड को मिले 90 हजार करोड़ के पहले फंड के अतिरिक्त होगा और तत्काल जारी किया जाएगा. तमाम एलानों के बाद भी किसानों को कहना है कि उनके लिए सबसे बड़ी राहत कर्ज माफी ही है.