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फ्री राशन लेने के लिए डिपो पर उमड़ी भीड़, डिपो संचालक ने आटे में कटौती कर दिया बाजरा

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Published : Apr 12, 2020, 7:02 PM IST

रोहतक में लॉकडाउन के दौरान राशन डिपो में जरूरतमंद लोगों को आटे के साथ-साथ बाजरा भी दिया जा रहा है, जबकि बाजरा सर्दी में खाया जाता है.

During lockdown, people are also given millet with flour in rohtak
During lockdown, people are also given millet with flour in rohtak

रोहतक: लॉकडाउन से परेशान गरीब लोगों के लिए प्रशासन ने स्कीम की शुरूआत की है. हरियाणा सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे बसर करने वालों के लिए राशन के डिपो में आटा, चावल, चीनी और सरसों का तेल देने की स्कीम शुरूआत की है, लेकिन रोहतक में कुछ मुनाफाखोर बेईमानी का रास्ता भी अपना रहे हैं.

बता दें कि राशन के डिपो में इनको लेने के लिए लंबी-लंबी कतारें भी लग रही, लेकिन राशन डिपो संचालक इस मामले में मनमानी करने में जुटे हुए हैं. उपभोक्ताओं के आटे में कटौती करके उन्हें बाजरा दिया जा रहा है, जो कि गर्मियों में नहीं खाया जाता है. ऐसा ही एक मामला रोहतक की तेज कॉलोनी स्थित राशन डिपो में देखने को मिला. यहां पर 5 किलो आटे में कटौती करके 2 किलो बाजरा प्रति व्यक्ति देने का काम चल रहा था।.

ये भी जानें-रोहतक पीजीआई में अबतक हुए 2007 कोरोना वायरस टेस्ट, 92 मिले पॉजिटिव

जब डिपो संचालक से इस बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि अधिकारियों के दिशा-निर्देश के अनुसार ही वे काम कर रहे हैं. अब ऐसे राशन का क्या फायदा जब उसका प्रयोग लॉकडाउन के दौरान यह उपभोक्ता कर ही नहीं पाएंगे.

सबसे बड़ी बात ये है कि बाजरा सर्दियों में खाया जाता है, आखिर गर्मियों में इस बाजरे का यह उपभोक्ता क्या करेंगे. वहीं अब लोगों ने भी बाजरा लेने से मना कर दिया है.

रोहतक: लॉकडाउन से परेशान गरीब लोगों के लिए प्रशासन ने स्कीम की शुरूआत की है. हरियाणा सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे बसर करने वालों के लिए राशन के डिपो में आटा, चावल, चीनी और सरसों का तेल देने की स्कीम शुरूआत की है, लेकिन रोहतक में कुछ मुनाफाखोर बेईमानी का रास्ता भी अपना रहे हैं.

बता दें कि राशन के डिपो में इनको लेने के लिए लंबी-लंबी कतारें भी लग रही, लेकिन राशन डिपो संचालक इस मामले में मनमानी करने में जुटे हुए हैं. उपभोक्ताओं के आटे में कटौती करके उन्हें बाजरा दिया जा रहा है, जो कि गर्मियों में नहीं खाया जाता है. ऐसा ही एक मामला रोहतक की तेज कॉलोनी स्थित राशन डिपो में देखने को मिला. यहां पर 5 किलो आटे में कटौती करके 2 किलो बाजरा प्रति व्यक्ति देने का काम चल रहा था।.

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जब डिपो संचालक से इस बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि अधिकारियों के दिशा-निर्देश के अनुसार ही वे काम कर रहे हैं. अब ऐसे राशन का क्या फायदा जब उसका प्रयोग लॉकडाउन के दौरान यह उपभोक्ता कर ही नहीं पाएंगे.

सबसे बड़ी बात ये है कि बाजरा सर्दियों में खाया जाता है, आखिर गर्मियों में इस बाजरे का यह उपभोक्ता क्या करेंगे. वहीं अब लोगों ने भी बाजरा लेने से मना कर दिया है.

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