रोहतक: कोरोना वायरस संक्रमण के चलते लॉकडाउन 3 मई तक लागू किया गया है. ऐसे में पिछले साल की अपेक्षा अनाज मंडी में गेहूं की आवक काफी कम है. जिन किसानों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया है, केवल उन्हीं की फसल खरीदी जा रही है. सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करवाने के लिए हर रोज मंडी में 100 किसानों को भी बुलाया जा रहा है. जिसको लेकर किसानों को काफी दिक्कतें आ रही हैं.
किसानों को ई टोकन प्रणाली के चलते काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. किसानों का कहना है कि वे आढ़तियों से अपनी अगली फसल के लिए पैसा उठा लेते थे, जिससे वे फसल के लिए खाद बीज का इंतजाम कर लेते, लेकिन अब आढ़तियों ने पैसा देने से मना कर दिया है. क्योंकि हरियाणा सरकार ने ये फैसला किया है कि बेची गई फसल का पैसा उनके खाते में ही आएगा.
अब किसानों के सामने अगली फसल के लिए खाद बीज की समस्या उत्पन्न हो गई है. इसलिए वे सरकार से मांग करते हैं कि जिस तरह से पिछले साल गेहूं की फसल खरीदी गई थी, उसी तरीके से अगर खरीद हो. तो किसानों को कुछ राहत मिल सकती है.
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इस बार में बात करते हुए रोहतक अनाज मंडी के सचिव बताया कि पिछले साल की अपेक्षा इस बार मंडी में कम फसल आ रही है. हर रोज केवल 100 ही किसानों को फसल बेचने के लिए बुलाया जा रहा है, ताकि मंडी में भीड़ ना हो और कोरोना वायरस के चलते सोशल डिस्टेंसिंग का फार्मूला कामयाब हो सके. अभी तक चार लाख क्विंटल गेहूं मंडी में पहुंचा है और पिछली बार कुल 20 लाख क्विंटल गेहूं की आवक हुई थी.