रोहतक: जिले के भैणी मातो गांव में 2 समुदायों के बीच दरार का मामला सामने आया है. दोनों समुदायों के बीच फैली इस दरार की वजह एससी, एसटी एक्ट है. दरअसल एक युवक ने एक नाबालिग लड़की के घर में घुस छेड़छाड़ की (molestation In rohtak) थी. हालांकि घर में घुसकर छेड़खानी करने का आरोपी युवक जेल भी जा चुका है, लेकिन कथित ऊंची जाति के लोगों ने एससी समुदाय पर एससी एक्ट की धारा के तहत दर्ज केस वापस लेने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया है. कथित ऊंची जाति के कुछ युवाओं ने तो बाकायदा सामाजिक बहिष्कार का ही ऐलान कर दिया. हालांकि इसे बुजुर्गों का साथ नहीं मिला, लेकिन इसने पुलिस की मुश्किल बढ़ा दी है. गांव में हालात न बिगड़ें, इसके लिए पुलिस दोनों पक्षों से लगातार संपर्क में है.
मामला रोहतक के भैणी मातो गांव का है. 7 दिसंबर की रात को भैणी मातो गांव का एख युवक गांव में ही एससी समुदाय से संबंध रखने वाले परिवार के घर में घुस गया और 17 साल की नाबालिग से छेड़छाड़ शुरू कर दी. नाबालिग लड़की ने शोर मचाया तो उसके परिवार वाले जाग गए और युवक को मौके पर ही पकड़ लिया. इसके बाद उसे पुलिस के हवाले कर दिया. यह युवक पहले भी 2 बार इसी नाबालिग लड़की के घर में घुस चुका था. महम पुलिस स्टेशन ने लड़की के चाचा की शिकायत पर आईपीसी की धारा 354, 452, 506 और एससी, एसटी एक्ट की धारा 3 के तहत केस दर्ज कर लिया. फिर आरोपी को कोर्ट में पेश कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया.
ये भी पढ़ें- रोहतक दुल्हन गोलीकांड : पुलिस ने दोनों आरोपियों को पूछताछ के लिए प्रोडक्शन वारंट पर लिया
मामला यहीं पर शांत नहीं हुआ. आरोपी युवक कथित ऊंची जाति से था. ऐसे में परिजनों व कुछ गांव वालों ने पीड़ित परिवार पर एससी, एसटी एक्ट की धारा के तहत दर्ज केस वापस लेने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया. गांव के मौजिज व्यक्तियों की पंचायत बुलाई गई. इस पंचायत के जरिए पीड़ित पक्ष से अनुरोध किया गया कि वे छेड़छाड़ करने वाले युवक के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन एससी, एसटी एक्ट की धारा के तहत जो केस दर्ज कराया गया वह वापस लिया जाए. इस पंचायत में पीड़ित पक्ष को भी बुलाया गया, लेकिन 2 बार बुलाने के बावजूद भी पीड़ित पक्ष नहीं पहुंचा.
ऐसे में कुछ युवाओं ने बुजुर्गों की सहमति के बिना ही यह ऐलान कर दिया कि एससी समुदाय के इन परिवारों से गांव का कोई भी व्यक्ति संबंध नहीं रखेगा. न ही उन्हें अपने खेतों में आने दिया जाएगा. साथ ही इन परिवारों से संबंध रखने वाले पर 11 हजार रुपए का जुर्माना लगाने तक की बात कह दी गई. इस ऐलान के साथ ही गांव में तनाव पैदा हो गया. हालांकि बुजुर्गों ने साफ तौर पर पंचायती स्तर पर ऐसा फैसला लिए जाने की बात से इंकार कर दिया.
ये भी पढ़ें- Road Accident In Rewari: सड़क हादसे में CISF के दो जवानों की मौत, किसान आंदोलन खत्म होने के बाद लौट रहे थे घर
बुजुर्गों का कहना है कि आरोपी युवक ने घर में घुसकर नाबालिग किशोरी से छेड़छाड़ कर अपराध किया है. ऐसे में उसे सजा मिले, लेकिन एससी, एसटी एक्ट की धारा नहीं लगनी चाहिए. भैणी मातो की निवर्तमान सरपंच अनीता का कहना है कि गांव में एससी समुदाय के किसी भी परिवार का कोई सामाजिक बहिष्कार नहीं हुआ है. जिस युवक ने कसूर किया उसे सजा मिले, लेकिन गांव में भाईचारा खराब नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि गांव में सभी जाति, समुदाय के लोग रहते हैं, ऐसे में आपसी भाईचारा कायम रहना जरूरी है.
ये भी पढ़े- रंजीत सिंह मर्डर केस: उम्र कैद के फैसले को राम रहीम ने हाईकोर्ट में दी चुनौती
उधर, महम पुलिस स्टेशन के एसएचओ प्रहलाद सिंह का कहना है कि वे लगातार पीड़ित परिवार के संपर्क में हैं. इस मामले में सामाजिक बहिष्कार के दृष्टिकोण से जांच कराई गई, लेकिन ऐसी कोई भी बात सामने नहीं आई. उन्होंने कहा कि किसी को भी कानून के खिलाफ कोई काम करने की इजाजत नहीं दी जाएगी. ग्रामीणों को इस बात पर ऐतराज है कि पंचायत के लिए तालिबानी जैसे शब्द का इस्तेमाल क्यों किया गया है.
हरियाणा की विश्वसनीय खबरों को पढ़ने के लिए गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें Etv bharat APP