रोहतक: हरियाणा में बर्खास्त किए गए 1983 पीटीआई टीचर अब अनिश्चितकालीन धरने पर चले गए हैं. इसको लेकर प्रदेश में राजनीति भी तेज हो गई है. रोहतक में अब इनका समर्थन करने के लिए कांग्रेस विधायक बीबी बत्रा भी पहुंचे हैं.
कांग्रेस विधायक बीबी बत्रा ने कहा है कि सरकार की मंशा ठीक नहीं है. अगर सरकार चाहे तो अध्यादेश लाकर दौबारा ज्वाइनिंग करवा सकती है. बत्रा ने ये भी कहा कि ये टेक्निकल मुद्दा है सरकार जिसे आराम से सुलझा सकती है.
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वहीं बर्ख़ास्त टीचरों ने कहा कि 10 साल की नौकरी के बाद अब कहां जाएं. उन्होंने कहा कि अब इस उम्र में उन्हें कहीं नौकरी भी नहीं मिलेगी और ना ही वो कोई और काम करना जानते हैं. हरियाणा सरकार हम पीटीआई अध्यापकों के साथ अन्याय कर रही है. एक महिला बर्ख़ास्त पीटीआई टीचर ने कहा कि वो गंभीर बीमारी की मरीज है. जिसका इलाज चल रहा है. ऐसे में नौकरी गई तो अब कैसे इलाज होगा.
ये है पूरा मामला
2010 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार के दौरान 1983 पीटीआई टीचर की भर्ती हुई थी. जिसमें अव्यवस्थाओं का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में कुछ अभ्यर्थियों ने रिट दायर की थी. मामले में लंबी सुनवाई चली और 8 अप्रैल 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने इस भर्ती को अवैध करार देते हुए निरस्त करने का आदेश दिया.
प्रदेश सरकार को 6 महीने के अंदर नई भर्ती करने के आदेश भी दे दिए, जिसके चलते हरियाणा सरकार ने शिक्षा विभाग को अगले 3 दिन में इन पीटीआई टीचरों को पद मुक्त करने के आदेश दे दिए हैं.
सरकार के इस आदेश के बाद ये पीटीआई टीचर अपनी नौकरी बचाने के लिए प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर जिला मौलिक अधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपने पहुंचे हैं.