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स्थानीय निकाय कर्मियों ने किया आंदोलन का ऐलान, बढ़ सकता है सफाई का संकट

Civic Employees Strike: रोहतक में स्थानीय निकाय कर्मियों ने आंदोलन का ऐलान कर दिया है. सफाई कर्मचारी 9 से 14 जनवरी तक राजनीतिक पार्टियों के प्रदेशाध्यक्षों को ज्ञापन सौंपेंगे. अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो बड़ा आंदोलन करने का फैसला लिया जायेगा.

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jan 6, 2024, 5:54 PM IST

रोहतक: प्रदेश भर के शहरी स्थानीय निकाय कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करेंगे. यह फैसला शनिवार को नगर पालिका कर्मचारी संघ हरियाणा की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में लिया गया. बैठक की अध्यक्षता संघ के प्रदेशाध्यक्ष नरेश शास्त्री ने की. इस बैठक में प्रदेश पदाधिकारी और जिलाध्यक्ष भी शामिल हुए. इस कर्मचारी संघ से प्रदेश भर के शहरी स्थानीय निकाय कर्मचारी जुड़े हुए हैं.

बैठक में तय हुआ कि आने वाले समय में लोकसभा और विधानसभा चुनाव होने हैं. इसलिए सभी राजनीतिक पार्टियों के प्रदेश अध्यक्षों से मिलकर मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपेंगे. प्रथम चरण में 9 से 14 जनवरी तक राजनीतिक पार्टियों के प्रदेशाध्यक्षों, दूसरे चरण में मंत्री और सांसदों को 15 जनवरी से 21 जनवरी तक और 22 से 28 जनवरी तक विधायकों को ज्ञापन सौंपें जाएंगे. अगर 31 जनवरी तक कर्मचारियों की मांग नहीं मानी तो 4 फरवरी को रोहतक में होने वाली सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा की प्रदेश स्तरीय रैली में बढ़ चढ़कर भाग लेंगे. इस रैली में ही आगामी रणनीति तय की जाएगी. इससे पहले कर्मचारियों ने 14 और 15 दिसंबर को दो दिन तक हड़ताल की थी.

नगर पालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री ने प्रदेश सरकार पर कर्मचारियों की मांगों की अनदेखी करने और वादाखिलाफी का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को ठेका प्रथा समाप्त करने के नाम पर हरियाणा कौशल रोजगार निगम में शामिल कर पक्का होने व समान काम, समान वेतन का अधिकार छीन लिया है. वेतनमानों में भी भारी असमानता से कर्मचारी नाराज हैं.

तृतीय, चतुर्थ श्रेणी, सीवर मैन, सफाई कर्मचारी, सफाई दरोगा, सहायक सफाई निरीक्षक, सफाई निरीक्षक, वरिष्ठ सफाई निरक्षक के भी पे लेवल चेंज किए जाएं और वेतन विसंगतियों को दूर किया जाए. नरेश शास्त्री ने बताया कि प्रदेश सरकार के साथ दो बार समझौता हो चुका है लेकिन समझौते में मानी गई मांगों को लागू नहीं किया गया है. साथ ही खाली पदों पर भी भर्ती नहीं की जा रही है. उन्होंने ओल्ड पेंशन स्कीम को भी लागू किए जाने की मांग की. उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना महामारी के दौरान मरने वाले कर्मचारियों के परिजनों को 50 लाख रूपए मुआवजा दिया जाए.

ये भी पढ़ें- Haryana Safai Karmachari Strike: हरियाणा में सफाई कर्मचारी 3 दिन की हड़ताल पर, जानिए क्या है मांगें

ये भी पढ़ें- हिसार में सफाई कर्मियों की मौत का मामला, लापरवाही बरतने को लेकर JE और SDO सस्पेंड

रोहतक: प्रदेश भर के शहरी स्थानीय निकाय कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करेंगे. यह फैसला शनिवार को नगर पालिका कर्मचारी संघ हरियाणा की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में लिया गया. बैठक की अध्यक्षता संघ के प्रदेशाध्यक्ष नरेश शास्त्री ने की. इस बैठक में प्रदेश पदाधिकारी और जिलाध्यक्ष भी शामिल हुए. इस कर्मचारी संघ से प्रदेश भर के शहरी स्थानीय निकाय कर्मचारी जुड़े हुए हैं.

बैठक में तय हुआ कि आने वाले समय में लोकसभा और विधानसभा चुनाव होने हैं. इसलिए सभी राजनीतिक पार्टियों के प्रदेश अध्यक्षों से मिलकर मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपेंगे. प्रथम चरण में 9 से 14 जनवरी तक राजनीतिक पार्टियों के प्रदेशाध्यक्षों, दूसरे चरण में मंत्री और सांसदों को 15 जनवरी से 21 जनवरी तक और 22 से 28 जनवरी तक विधायकों को ज्ञापन सौंपें जाएंगे. अगर 31 जनवरी तक कर्मचारियों की मांग नहीं मानी तो 4 फरवरी को रोहतक में होने वाली सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा की प्रदेश स्तरीय रैली में बढ़ चढ़कर भाग लेंगे. इस रैली में ही आगामी रणनीति तय की जाएगी. इससे पहले कर्मचारियों ने 14 और 15 दिसंबर को दो दिन तक हड़ताल की थी.

नगर पालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री ने प्रदेश सरकार पर कर्मचारियों की मांगों की अनदेखी करने और वादाखिलाफी का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को ठेका प्रथा समाप्त करने के नाम पर हरियाणा कौशल रोजगार निगम में शामिल कर पक्का होने व समान काम, समान वेतन का अधिकार छीन लिया है. वेतनमानों में भी भारी असमानता से कर्मचारी नाराज हैं.

तृतीय, चतुर्थ श्रेणी, सीवर मैन, सफाई कर्मचारी, सफाई दरोगा, सहायक सफाई निरीक्षक, सफाई निरीक्षक, वरिष्ठ सफाई निरक्षक के भी पे लेवल चेंज किए जाएं और वेतन विसंगतियों को दूर किया जाए. नरेश शास्त्री ने बताया कि प्रदेश सरकार के साथ दो बार समझौता हो चुका है लेकिन समझौते में मानी गई मांगों को लागू नहीं किया गया है. साथ ही खाली पदों पर भी भर्ती नहीं की जा रही है. उन्होंने ओल्ड पेंशन स्कीम को भी लागू किए जाने की मांग की. उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना महामारी के दौरान मरने वाले कर्मचारियों के परिजनों को 50 लाख रूपए मुआवजा दिया जाए.

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