कुरुक्षेत्र/यमुनानगर: कुरुक्षेत्र के उपमंडल पिहोवा के पवित्र सरस्वती तट पर अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव का शुभारंभ हवन यज्ञ के साथ किया गया. यमुनानगर से भी आदिबद्री में मुख्यमंत्री नायब सैनी ने अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव का उद्घाटन किया. कुरुक्षेत्र के अंर्तराष्टरीय सरस्वती महोत्सव का उदघाटन सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बोर्ड के चेयरमैन अमरपाल राणा, गऊ सेवा आयोग हरियाणा के चेयरमैन श्रवण गर्ग और बीजेपी के वरिष्ठ नेता जय भगवान शर्मा डीडी ने किया. इस मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का शुभारंभ मुख्यातिथि द्वारा माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलित करके किया गया.
![International Saraswati Festival in Kurukshetra](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/30-01-2025/23433029_2.jpg)
यमुनानगर में सीएम ने किया उद्घाटन: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने यमुनानगर के आदिबद्री स्थित अंतरराष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव का उद्घाटन किया. उन्होंने 56 करोड़ रुपए की विकास की योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया. नायब सैनी ने सबसे पहले सरस्वती उद्गम स्थल पहुंचकर पूजा अर्चना की. मुख्यमंत्री ने बच्चों की पेंटिंग को भी सराहा. नायब सैनी ने सरोवर के पास अपने नाम का एक पेड़ लगाकर उसे पानी भी दिया. इस दौरान उन्होंने हवन कुंड में आहुति दी.
![International Saraswati Festival in Kurukshetra](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/30-01-2025/23433029_3.jpg)
पानी की शुद्धता पर दिया जा रहा ध्यान: यमुनानगर में उद्घाटन के दौरान सीएम बोले, "भारत इस वक्त जल संकट से जूझ रहा है. सरस्वती नदी के पानी का इस्तेमाल करने के लिए हमने यमुनानगर में 18 पुलों का निर्माण कराया है. गंदे पानी को साफ करने के लिए भी कई मशीनों से पानी साफ किया जा रहा है, ताकि पानी की शुद्धता को बरकरार रखा जा सके. यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि सरस्वती का उद्गम स्थल आदिबद्री में है. 10 साल से हमारी सरकार सरस्वती नदी की तरफ खास ध्यान दे रही है.
![International Saraswati Festival in Kurukshetra](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/30-01-2025/23433029_1.jpg)
गीता महोत्सव की तर्ज पर किया जा रहा आयोजित: कुरुक्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव के दौरान सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बोर्ड के चेयरमैन अमरपाल राणा ने कहा कि उपमंडल पिहोवा में महोत्सव का इतने बड़े स्तर पर आयोजन होना बेहद गर्व की बात है. गीता महोत्सव की तर्ज पर मनाए जाने वाले अंर्तराष्टरीय सरस्वती महोत्सव को जो स्वरूप सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड देना चाहता था, वह यहां पर देखने को मिला है. पिहोवा एक ऐसा पवित्र स्थल है, जहां पर सरस्वती की धारा बहती हुई दिखाई देती है. इसके अतिरिक्त पूर्वजों के पिंडदान के लिए भी पिहोवा शहर की बहुत मान्यता है."
![International Saraswati Festival in Kurukshetra](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/30-01-2025/23433029_4.jpg)
बता दें कि 29 जनवरी से 4 फरवरी तक ये महोत्सव जारी रहेगा. इस कार्यक्रम का समापन होगा. सरस्वती महोत्सव के जरिए लोगों को सरस्वती नदी के इतिहास के बारे में करीब से जानने का मौका मिलेगा.