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DA और LTC रोकने पर विवाद, हरियाणा सरकार और कर्मचारियों के बीच ठनी!

वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सीएम के साथ हुई बैठक के बाद कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय महासचिव वीरेंद्र सिंह धनखड़ ने बताया कि सरकार के रवैये से कर्मचारी खुद भूखे मरने की कगार पर हैं और सरकार को कर्मचारियों के बदले अपने मंत्रियों और विधायकों के भत्ते बंद करने चाहिए.

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Published : Apr 29, 2020, 9:32 AM IST

Manohar Lal took meeting with employees federation
DA और LTC रोकने पर विवाद

रोहतक: हरियाणा सरकार ने कोरोना के चलते खड़े हुए आर्थित संकट को देखते हुए कर्मचारियों की एलटीसी काटने और डीए फ्रीज करने का फैसला लिया है. जिसका कर्मचारी विरोध कर रहे हैं. सरकार और कर्मचारियों के बीच सहमति बने इसके लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सीएम ने कर्मचारी प्रतिनिधियों के साथ बैठक की, जो बेनतीजा रही.

बैठक के बाद कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय महासचिव वीरेंद्र सिंह धनखड़ ने जानकारी देते हुए बताया कि सरकार के इस रवैये से कर्मचारी खुद भूखे मरने की कगार पर हैं और सरकार को कर्मचारियों के बदले अपने मंत्रियों और विधायकों के भत्ते बंद करने चाहिए.

हरियाणा सरकार और कर्मचारियों के बीच ठनी!

विरेंद्र सिंह ने बताया कि बैठक में कर्मचारी और सरकार के बीच सहमति नहीं बन पाई. कर्मचारी महासंघ ने सरकार के सभी कर्मचारियों और पेंशन भोगियों का डीए फ्रिज करने, ट्रांसपोर्ट अलाउंस और एलटीसी रोकने का पूर्ण विरोध किया और स्पष्ट रूप से सवाल करते हुए कहा कि केंद्र के सांसद, मंत्रियों और राज्यों के विधायकों, पूर्व विधायकों और मंत्रियों के भत्ते और डीए फ्रिज क्यों नहीं किए गए?

ये भी पढ़िए: कांग्रेस ने 'भगोड़ों का साथ-भगोड़ों का लोन माफ’ को बताया बीजेपी सरकार का मूल मंत्र

वीरेंद्र सिंह धनखड़ ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि अपनी पूर्ण ड्यूटी करने के साथ-साथ प्रदेश के सभी कर्मचारियों ने अपने वेतन में से मुख्यमंत्री कोरोना रिलीफ फंड में बढ़ चढ़कर दान भी दिया है, लेकिन फिर भी सरकार सिर्फ कर्मचारियों के खिलाफ ही फैसले ले रही है, जो पूरी तरह से गलत है और वो इसका विरोध करते हैं.

रोहतक: हरियाणा सरकार ने कोरोना के चलते खड़े हुए आर्थित संकट को देखते हुए कर्मचारियों की एलटीसी काटने और डीए फ्रीज करने का फैसला लिया है. जिसका कर्मचारी विरोध कर रहे हैं. सरकार और कर्मचारियों के बीच सहमति बने इसके लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सीएम ने कर्मचारी प्रतिनिधियों के साथ बैठक की, जो बेनतीजा रही.

बैठक के बाद कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय महासचिव वीरेंद्र सिंह धनखड़ ने जानकारी देते हुए बताया कि सरकार के इस रवैये से कर्मचारी खुद भूखे मरने की कगार पर हैं और सरकार को कर्मचारियों के बदले अपने मंत्रियों और विधायकों के भत्ते बंद करने चाहिए.

हरियाणा सरकार और कर्मचारियों के बीच ठनी!

विरेंद्र सिंह ने बताया कि बैठक में कर्मचारी और सरकार के बीच सहमति नहीं बन पाई. कर्मचारी महासंघ ने सरकार के सभी कर्मचारियों और पेंशन भोगियों का डीए फ्रिज करने, ट्रांसपोर्ट अलाउंस और एलटीसी रोकने का पूर्ण विरोध किया और स्पष्ट रूप से सवाल करते हुए कहा कि केंद्र के सांसद, मंत्रियों और राज्यों के विधायकों, पूर्व विधायकों और मंत्रियों के भत्ते और डीए फ्रिज क्यों नहीं किए गए?

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वीरेंद्र सिंह धनखड़ ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि अपनी पूर्ण ड्यूटी करने के साथ-साथ प्रदेश के सभी कर्मचारियों ने अपने वेतन में से मुख्यमंत्री कोरोना रिलीफ फंड में बढ़ चढ़कर दान भी दिया है, लेकिन फिर भी सरकार सिर्फ कर्मचारियों के खिलाफ ही फैसले ले रही है, जो पूरी तरह से गलत है और वो इसका विरोध करते हैं.

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