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रोहतक में HCS अधिकारी की नौकरी लगवाने के नाम पर 5 लाख की ठगी, जानिए पूरा मामला

रोहतक में एचसीएस ऑफिसर की नौकरी लगवाने के नाम पर एक व्यक्ति से 5 लाख रुपये की ठगी की गई है. रिजल्ट आने पर जब सेलेक्शन नहीं हुआ तो पीड़ित ने पैसा वापस मांगा. पीड़ित का आरोप है कि उसको पैसा भी वापस नहीं दिया गया बल्कि जान से मारने की धमकी दी गई.

Fraud in the name of job in Rohtak
Fraud in the name of job in Rohtak
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Nov 1, 2023, 9:31 PM IST

रोहतक: शहर के एक युवक को एचसीएस (हरियाणा सिविल सर्विस) अफसर लगवाने के नाम पर 3 ठगों ने 5 लाख रुपए ऐंठ लिए. इन ठगों ने एचपीएससी (हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन) और एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) के अधिकारियों से सेटिंग का हवाला देकर झांसे में लिया लेकिन युवक का नाम लिस्ट में नहीं आया तो आनाकानी करने लग गए. इस मामले में युवक के पिता ने एसपी रोहतक को शिकायत दी. जांच के बाद बुधवार को इस संबंध में अर्बन अस्टेट पुलिस स्टेशन में केस दर्ज कर लिया गया है.

शहर के सेक्टर-2 निवासी रमेश कुमार के मोबाइल फोन पर 28 मई 2023 को हिसार जिले की नारनौंद तहसील के कागसर गांव के परिचित भान सिंह की कॉल आई. जिसने बताया कि उसकी और उसके साथियों मनोज व नरेंद्र की एचपीएससी व एनटीए के अधिकारियों के साथ सेटिंग है और कई बेरोजगार युवाओं को अलग-अलग विभागों में उच्च पदों पर नौकरी लगवाई है. कई पदों व चयनित प्रार्थयों के नाम भी उसने बताए. साथ ही चयन की प्रक्रिया भी बताई. भान सिंह ने रमेश कुमार से कहा कि अगर वो अपने बेटे का एचसीएस अधिकारी के तौर पर चयन करवाना चाहता है तो उसे हिसार के सेक्टर-14 के मकान नंबर 1564 में मिले ताकि बातचीत करके आगे की प्लानिंग की जा सके.

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रमेश कुमार हिसार पहुंच गया, जहां भान सिंह ने उसकी मुलाकात अपने साथी मनोज से करवाई. मनोज ने नरेंद्र कुमार वहां बुला लिया. उसके बाद पीड़ित को बताया गया कि 90 लाख रुपए में एचसीएस की नौकरी लगवा दी जाएगी. शुरूआत में बैंक अकाउंट में 5 लाख रुपए जमा करवा दो. रमेश कुमार ने
29 मई को दिए गए बैंक अकाउंट में यह राशि जमा करवा दी. उसके बाद मनोज, नरेंद्र और भान सिंह ने बताया कि एनटीए में एक कर्मचारी है, जो 10 लाख रुपए में एचसीएस का मेन पेपर क्लीयर करवाएगा. वो कर्मचारी एनटीए में ओएमआर शीट को दी बदलवा देगा और परीक्षार्थी टॉप टेन में ही रहेगा और एचसीएस में चयन हो जाएगा.

9 जून को एचसीएस की परीक्षा का परिणाम आ गया लेकिन लिस्ट में रमेश कुमार के बेटे का नाम नहीं था. जिसके बाद उसने मनोज, भान सिंह और नरेंद्र से संपर्क किया, जिन्होंने आश्वासन दिया कि अगले सप्ताह एक लिस्ट और आएगी, जिसमें उसके बेटे का नाम आ जाएगा लेकिन एक सप्ताह बाद भी लिस्ट में नाम नहीं आया तो उसने फिर मनोज को फोन किया और 5 लाख रुपए वापस मांगे. तब मनोज ने कहा कि 5 लाख रुपए तो एनटीए के कर्मचारी को दे रखे हैं. अगर एनटीए में काम नहीं हुआ तो वे सीधी एचपीएससी के सदस्य के साथ सीधी सेटिंग है, वहां से सीधा एचसीएस मेन पेपर का एडमिट कार्ड आ जाएगा, इसलिए चिंता करने की जरूरत नहीं है.

इस आश्वासन के बाद भी कोई एडमिट कार्ड नहीं आया. दोबारा संपर्क करने पर रमेश कुमार ने दिए गए 5 लाख रुपए देने से इनकार कर दिया और जान से मारने की धमकी दी. जिसके बाद पीड़ित रमेश ने एसपी रोहतक को शिकायत दी. उसने तमाम बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिंग, व्हट्सऐप चैट के स्क्रीन शॉट भी सौंप दिए. डीएसपी विवेक कुंडू ने तमाम मामले की जांच की. जांच में सामने आया कि इस पूरे मामले में एचपीएससी के किसी कर्मचारी की भी संलिप्तता है. डीएसपी ने बताया कि आईपीसी की धारा 420, 406 के तहत आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है.

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शहर के सेक्टर-2 निवासी रमेश कुमार के मोबाइल फोन पर 28 मई 2023 को हिसार जिले की नारनौंद तहसील के कागसर गांव के परिचित भान सिंह की कॉल आई. जिसने बताया कि उसकी और उसके साथियों मनोज व नरेंद्र की एचपीएससी व एनटीए के अधिकारियों के साथ सेटिंग है और कई बेरोजगार युवाओं को अलग-अलग विभागों में उच्च पदों पर नौकरी लगवाई है. कई पदों व चयनित प्रार्थयों के नाम भी उसने बताए. साथ ही चयन की प्रक्रिया भी बताई. भान सिंह ने रमेश कुमार से कहा कि अगर वो अपने बेटे का एचसीएस अधिकारी के तौर पर चयन करवाना चाहता है तो उसे हिसार के सेक्टर-14 के मकान नंबर 1564 में मिले ताकि बातचीत करके आगे की प्लानिंग की जा सके.

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रमेश कुमार हिसार पहुंच गया, जहां भान सिंह ने उसकी मुलाकात अपने साथी मनोज से करवाई. मनोज ने नरेंद्र कुमार वहां बुला लिया. उसके बाद पीड़ित को बताया गया कि 90 लाख रुपए में एचसीएस की नौकरी लगवा दी जाएगी. शुरूआत में बैंक अकाउंट में 5 लाख रुपए जमा करवा दो. रमेश कुमार ने
29 मई को दिए गए बैंक अकाउंट में यह राशि जमा करवा दी. उसके बाद मनोज, नरेंद्र और भान सिंह ने बताया कि एनटीए में एक कर्मचारी है, जो 10 लाख रुपए में एचसीएस का मेन पेपर क्लीयर करवाएगा. वो कर्मचारी एनटीए में ओएमआर शीट को दी बदलवा देगा और परीक्षार्थी टॉप टेन में ही रहेगा और एचसीएस में चयन हो जाएगा.

9 जून को एचसीएस की परीक्षा का परिणाम आ गया लेकिन लिस्ट में रमेश कुमार के बेटे का नाम नहीं था. जिसके बाद उसने मनोज, भान सिंह और नरेंद्र से संपर्क किया, जिन्होंने आश्वासन दिया कि अगले सप्ताह एक लिस्ट और आएगी, जिसमें उसके बेटे का नाम आ जाएगा लेकिन एक सप्ताह बाद भी लिस्ट में नाम नहीं आया तो उसने फिर मनोज को फोन किया और 5 लाख रुपए वापस मांगे. तब मनोज ने कहा कि 5 लाख रुपए तो एनटीए के कर्मचारी को दे रखे हैं. अगर एनटीए में काम नहीं हुआ तो वे सीधी एचपीएससी के सदस्य के साथ सीधी सेटिंग है, वहां से सीधा एचसीएस मेन पेपर का एडमिट कार्ड आ जाएगा, इसलिए चिंता करने की जरूरत नहीं है.

इस आश्वासन के बाद भी कोई एडमिट कार्ड नहीं आया. दोबारा संपर्क करने पर रमेश कुमार ने दिए गए 5 लाख रुपए देने से इनकार कर दिया और जान से मारने की धमकी दी. जिसके बाद पीड़ित रमेश ने एसपी रोहतक को शिकायत दी. उसने तमाम बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिंग, व्हट्सऐप चैट के स्क्रीन शॉट भी सौंप दिए. डीएसपी विवेक कुंडू ने तमाम मामले की जांच की. जांच में सामने आया कि इस पूरे मामले में एचपीएससी के किसी कर्मचारी की भी संलिप्तता है. डीएसपी ने बताया कि आईपीसी की धारा 420, 406 के तहत आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है.

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