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बुलगेरिया में बॉक्सिंग टूर्नामेंट: रजत पदक विजेता अनामिका हुड्डा का रोहतक में स्वागत, बोली- ओलंपिक में मेडल लाना लक्ष्य

बुलगेरिया की राजधानी सोफिया में स्ट्रेंड्जा मेमोरियल बॉक्सिंग टूर्नामेंट का आयोजन हुआ. इस टूर्नामेंट में हरियाणा की बॉक्सर अनामिका हुड्डा ने रजत पदक जीता. जिसका रोहतक पहुंचने पर स्वागत किया गया.

strandja memorial boxing tournament
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Published : Mar 1, 2023, 10:22 PM IST

रोहतक: स्ट्रेंड्जा मेमोरियल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में रजत पदक विजेता बॉक्सर अनामिका हुड्डा को रोहतक में सम्मानित किया गया. राजीव गांधी खेल परिसर रोहतक में समारोह का आयोजन किया गया. जिसमें बॉक्सर अनामिका के कोच व परिजन भी मौजूद रहे. बुलगेरिया की राजधानी सोफिया में हाल ही में स्ट्रेंड्जा मेमोरियल बॉक्सिंग टूर्नामेंट हुआ था. इस टूर्नामेंट में अनामिका ने भारत की ओर से 50 किलोग्राम भार वर्ग में प्रतिनिधित्व किया.

पिछले साल की राष्ट्रीय चैंपियन इस होनहार बॉक्सर ने टूर्नामेंट में बेहतर प्रदर्शन किया, लेकिन टूर्नामेंट के लाइटवेट फाइनल में चीन की ह्यू मेइयी से 1-4 के खंडित फैसले से हार का सामना करना पड़ा. इसके बावजूद अनामिका हुड्डा को हौसले बुलंद हैं. रोहतक पहुंची अनामिका हुड्डा का कहना है कि स्ट्रेंड्जा मेमोरियल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में उसने विश्व चैंपियन मुक्केबाजों को हराया. अब उसका लक्ष्य ओलंपिक में स्वर्ण पदक हासिल करना है.

इस मुकाम तक पहुंचने के लिए अनामिका ने बहुत मेहनत की है. कुश्ती से शुरुआत करने वाली अनामिका ने जब बॉक्सिंग खेलना शुरू किया तो फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा. अनामिका का कहना है कि युवाओं को अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए जी तोड़ मेहनत करनी चाहिए. मेहनत के अलावा कोई शार्ट कट नहीं होता. अनामिका ने अपनी जीत का श्रेय परिजनों और कोच को दिया है.

ये भी पढ़ें- India Forth Lowest Score : घरेलू मैदान पर टीम इंडिया का चौथा सबसे कम स्कोर, 109 रनों पर ढेर हुई टीम

अनामिका के पिता देवेंद्र कुमार का कहना है कि बेटी की उपलब्धि पर बहुत अधिक खुशी का अहसास हो रहा है. अब उनकी इच्छा है कि वह ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करें. वहीं, कोच नवीन खोखर ने बताया कि वर्ष 2014 में अनामिका उनके पास बाक्सिंग के गुर सीखने के लिए आई थी. उस समय उसका वजन 63 किलोग्राम था, जो मेहनत कर 50 किलोग्राम किया. अब वो ओलंपिक के लिए तैयारी कर रही हैं, जो कमियां रह गई हैं, उसे पूरा किया जाएगा.

रोहतक: स्ट्रेंड्जा मेमोरियल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में रजत पदक विजेता बॉक्सर अनामिका हुड्डा को रोहतक में सम्मानित किया गया. राजीव गांधी खेल परिसर रोहतक में समारोह का आयोजन किया गया. जिसमें बॉक्सर अनामिका के कोच व परिजन भी मौजूद रहे. बुलगेरिया की राजधानी सोफिया में हाल ही में स्ट्रेंड्जा मेमोरियल बॉक्सिंग टूर्नामेंट हुआ था. इस टूर्नामेंट में अनामिका ने भारत की ओर से 50 किलोग्राम भार वर्ग में प्रतिनिधित्व किया.

पिछले साल की राष्ट्रीय चैंपियन इस होनहार बॉक्सर ने टूर्नामेंट में बेहतर प्रदर्शन किया, लेकिन टूर्नामेंट के लाइटवेट फाइनल में चीन की ह्यू मेइयी से 1-4 के खंडित फैसले से हार का सामना करना पड़ा. इसके बावजूद अनामिका हुड्डा को हौसले बुलंद हैं. रोहतक पहुंची अनामिका हुड्डा का कहना है कि स्ट्रेंड्जा मेमोरियल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में उसने विश्व चैंपियन मुक्केबाजों को हराया. अब उसका लक्ष्य ओलंपिक में स्वर्ण पदक हासिल करना है.

इस मुकाम तक पहुंचने के लिए अनामिका ने बहुत मेहनत की है. कुश्ती से शुरुआत करने वाली अनामिका ने जब बॉक्सिंग खेलना शुरू किया तो फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा. अनामिका का कहना है कि युवाओं को अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए जी तोड़ मेहनत करनी चाहिए. मेहनत के अलावा कोई शार्ट कट नहीं होता. अनामिका ने अपनी जीत का श्रेय परिजनों और कोच को दिया है.

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अनामिका के पिता देवेंद्र कुमार का कहना है कि बेटी की उपलब्धि पर बहुत अधिक खुशी का अहसास हो रहा है. अब उनकी इच्छा है कि वह ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करें. वहीं, कोच नवीन खोखर ने बताया कि वर्ष 2014 में अनामिका उनके पास बाक्सिंग के गुर सीखने के लिए आई थी. उस समय उसका वजन 63 किलोग्राम था, जो मेहनत कर 50 किलोग्राम किया. अब वो ओलंपिक के लिए तैयारी कर रही हैं, जो कमियां रह गई हैं, उसे पूरा किया जाएगा.

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