रोहतकः बॉन्ड पॉलिसी के विरोध में PGIMS (POST GRADUATE INSTITUTE OF MEDICAL SCIENCES) के रेजीडेंट डॉक्टर्स ने ओपीडी में 3 घंटे तक हड़ताल की. तो वहीं सुरक्षा कर्मियों ने आंदोलनकारी MBBS (Bachelor of Medicine, Bachelor of Surgery) विद्यार्थियों को न्यू ओपीडी ब्लॉक में जाने से रोका गया.
बता दें कि बांड पॉलिसी के विरोध में स्नातकोत्तर चिकित्सा विज्ञान संस्थान (POST GRADUATE INSTITUTE OF MEDICAL SCIENCES) में रेजीडेंट डॉक्टर्स ने मंगलवार को सभी ओपीडी में 3 घंटे तक हड़ताल रखी.वहीं इन डॉक्टर्स ने (MBBS) बैचलर ऑफ मेडिसिन, बैचलर ऑफ सर्जरी विद्यार्थियों की मांगों को जायज ठहराया. हालांकि हड़ताल की वजह से लगातार दूसरे दिन ओपीडी में आने वाले मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा.
वहीं सुरक्षा कर्मचारियों ने आंदोलनकारी एमबीबीएस विद्यार्थियों को न्यू ओपीडी ब्लॉक में जाने से रोक दिया. इस दौरान प्रदर्शन कर रहे विद्यार्थियों ने PGIMS के एमएस ऑफिस के बाहर धरना दिया. पीजीआईएमएस में रेजीडेंट डॉक्टर्स सुबह 9 बजे सभी ओपीडी में पहुंच गए थे. उन्होंने सुबह 11 बजे तक ओपीडी में मरीज चेक किए. फिर 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक हड़ताल कर दी. ऐसे में सीनियर डॉक्टर्स पर सारी जिम्मेदारी आ गई.
रेजीडेंट डॉक्टर्स ने ओपीडी में ही रहकर मरीजों को जागरूक किया और एमबीबीएस में प्रवेश के लिए लागू बॉन्ड पॉलिसी के दुष्परिणाम भी मरीजों को बताए. रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के प्रधान डॉ. अंकित गुलिया ने कहा कि प्रदेश सरकार को देरी किए बिना एमबीबीएस विद्यार्थियों की मांगें मान लेनी चाहिए. उन्होंने कहा कि किसी भी डॉक्टर्स या एमबीबीएस विद्यार्थी का मकसद यह नहीं है कि मरीजों को किसी भी प्रकार की परेशानी हो. लेकिन सरकार तक अपनी बात जोरदार तरीके से पहुंचाने के लिए उन्हें हड़ताल का सहारा लेना पड़ रहा है.
विरोध दर्ज करवाने पहुंचे एमबीबीएस विद्यार्थियों को बाहर ही रोका गया- बता दें कि PGIMS (POST GRADUATE INSTITUTE OF MEDICAL SCIENCES) में रेजीडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल के समय न्यू ओपीडी ब्लॉक में विरोध दर्ज कराने जा रहे एमबीबीएस के विद्यार्थियों को सुरक्षा कर्मचारियों ने बाहर ही रोक दिया. इन विद्यार्थियों ने अंदर जाने की गुहार भी लगाई लेकिन सुरक्षा कर्मी नहीं माने. फिर कुछ देर तक इन विद्यार्थियों ने ओपीडी के बाहर ही विरोध दर्ज कराया. बाद में पीजीआईएमएस के एमएस (चिकित्सा अधीक्षक) डॉ. ईश्वर सिंह के ऑफिस के बाहर धरने पर बैठ गए.
इस दौरान प्रदर्शनकारी विद्यार्थियों ने इस बात पर विरोध दर्ज कराया कि संस्थान का हिस्सा होने के बावजूद उन्हें रोक दिया गया. वे तो मरीजों को जागरूक करने के लिए ओपीडी में जा रहे थे. उनका मकसद किसी भी प्रकार का हंगामा खड़ा करना नहीं था. करीब एक घंटे तक आंदोलनकारी एमबीबीएस विद्यार्थी एमएस ऑफिस के बाहर नारेबाजी करते रहे. इसके बाद एमएस डॉ. ईश्वर सिंह ऑफिस से बाहर आए और विद्यार्थियों को समझाने का प्रयास किया. उन्होंने कहा कि ओपीडी में विद्यार्थियों को इसलिए जाने से रोका गया था ताकि मरीजों को परेशानी न हो.
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उन्होंने कहा कि प्रदर्शन करना विद्यार्थियों का अधिकार है लेकिन मरीजों को परेशानी न हो, इसका भी ध्यान रखा जाना चाहिए. उन्होंने सलाह दी कि विद्यार्थी ऐसे स्थान पर अपना विरोध प्रदर्शन करें, जहां पर किसी को परेशानी ना हो. हालांकि विद्यार्थियों ने एमएस के साथ काफी बहस भी की. कुछ देर बादे प्रदर्शनकारी छात्र वहां से चले गए. एमबीबीएस विद्यार्थी प्रिया कौशिक ने कहा कि PGIMS प्रशासन उनके आंदोलन को दबाने का प्रयास कर रहा है. प्रिया कौशिक ने कहा कि वे पिछले 22 दिन से शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन कर रहे हैं. उधर पंचकूल गए एमबीबीएस विद्यार्थियों की स्वास्थ्य विभाग की एसीएस जी अनुपमा से भी मुलाकात नहीं हो पाई.