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BKU Farmer Rally in Pipli: पिपली में होगी किसानों की महारैली, गुरनाम चढूनी बोले- राजनीतिक ताकत दिखायेंगे किसान, चुनावी मुद्दे से हटाएंगे जातिवाद, क्षेत्रवाद और धर्मवाद - किसान नेता गुरनाम चढूनी

BKU Farmer Rally in Pipli: भारतीय किसान यूनियन नवंबर महीने में बड़ी किसान रैली करने जा रहा है. इस रैली में किसान अपनी राजनीतिक ताकत दिखाएंगे. यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने रोहतक में कहा कि रैली का मकसद चुनावी मुद्दे से जाति और धर्म हटाकर किसानी को मुद्दा बनाना है.

BKU Farmer Rally in Pipli
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Oct 3, 2023, 9:40 PM IST

रोहतक: भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने मुख्यमंत्री और हरियाणा सरकार को किसान विरोधी करार दिया. उन्होंने कहा कि सरकार व मुख्यमंत्री को किसानों के हितों से कोई लेना देना नहीं है. किसान की कोई भी फसल एमएसपी पर नहीं बिक रही है. उन्होंने फसल खरीद की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि पोर्टल में सब गड़बड़ है. हरियाणा में 25 लाख टन धान पैदा हुआ है लेकिन बिक्री 69 लाख टन की हुई. इस बारे में सरकार को शिकायत भी भेजी गई है लेकिन हुआ कुछ नहीं.

मुख्यमंत्री भी किसानों की समस्याओं का हल निकालने की बजाय जले पर नमक छिड़क रहे हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री के जनसंवाद कार्यक्रम को स्वाद कार्यक्रम का नाम दिया. भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष ने कहा कि 23 नवंबर को कुरूक्षेत्र के पिपली में किसानों की रैली होगी. इस रैली के जरिए किसानों की राजनीतिक ताकत दिखाई जाएगी. उन्होंने कहा कि आने वाले चुनाव में जातिवाद, क्षेत्रवाद और धर्मवाद को मुद्दा नहीं बनने देंगे. किसान इतनी ताकत रैली के जरिए दिखा देंगे कि किसानी ही मुद्दा बने. गुरनाम सिंह चढूनी ने देशभर में कालाबाजारी करने वालों को भी आड़े हाथों लिया.

ये भी पढ़ें- फतेहाबाद में हुई किसनों की राज्य स्तरीय बैठक, विधानसभा के घेराव का ऐलान, 26 सितंबर से पैदल चंडीगढ़ कूच करेंगे किसान

रोहतक पहुंचे भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने देश के चुनावी सिस्टम पर भी सवाल उठाए. उन्होंने सरपंच चुनाव की तर्ज पर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री का चुनाव कराए जाने की वकालत की है. चढूनी मंगलवार को नई अनाज मंडी स्थित किसान भवन में किसानों के बीच पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि देश की बदकिस्मती ही मानेंगे कि चुनावी सिस्टम ही गलत है.

गुरनाम चढूनी ने कहा कि पहले अंग्रेजों का राज था और अब पार्टियों का राज है. पार्टियां कंपनी की तरह काम कर रही हैं. उन्होंने कहा कि गांवों में जिस तरह सरपंच का चुनाव होता है, उसी तरह प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का चुनाव होना चाहिए. प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री पद के दावेदारों के बीच सीधा मुकाबला होना चाहिए. इसी क्रम में उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का नाम लिया. उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री का चुनाव सीधे तौर पर हो तो मनोहर लाल खट्टर क्या चुनाव जीत पाएंगे.

ये भी पढ़ें- Kisan Mahapanchayat: पीपली अनाज मंडी में किसानों की रैली, जीटी रोड जाम करने का ऐलान

रोहतक: भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने मुख्यमंत्री और हरियाणा सरकार को किसान विरोधी करार दिया. उन्होंने कहा कि सरकार व मुख्यमंत्री को किसानों के हितों से कोई लेना देना नहीं है. किसान की कोई भी फसल एमएसपी पर नहीं बिक रही है. उन्होंने फसल खरीद की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि पोर्टल में सब गड़बड़ है. हरियाणा में 25 लाख टन धान पैदा हुआ है लेकिन बिक्री 69 लाख टन की हुई. इस बारे में सरकार को शिकायत भी भेजी गई है लेकिन हुआ कुछ नहीं.

मुख्यमंत्री भी किसानों की समस्याओं का हल निकालने की बजाय जले पर नमक छिड़क रहे हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री के जनसंवाद कार्यक्रम को स्वाद कार्यक्रम का नाम दिया. भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष ने कहा कि 23 नवंबर को कुरूक्षेत्र के पिपली में किसानों की रैली होगी. इस रैली के जरिए किसानों की राजनीतिक ताकत दिखाई जाएगी. उन्होंने कहा कि आने वाले चुनाव में जातिवाद, क्षेत्रवाद और धर्मवाद को मुद्दा नहीं बनने देंगे. किसान इतनी ताकत रैली के जरिए दिखा देंगे कि किसानी ही मुद्दा बने. गुरनाम सिंह चढूनी ने देशभर में कालाबाजारी करने वालों को भी आड़े हाथों लिया.

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रोहतक पहुंचे भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने देश के चुनावी सिस्टम पर भी सवाल उठाए. उन्होंने सरपंच चुनाव की तर्ज पर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री का चुनाव कराए जाने की वकालत की है. चढूनी मंगलवार को नई अनाज मंडी स्थित किसान भवन में किसानों के बीच पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि देश की बदकिस्मती ही मानेंगे कि चुनावी सिस्टम ही गलत है.

गुरनाम चढूनी ने कहा कि पहले अंग्रेजों का राज था और अब पार्टियों का राज है. पार्टियां कंपनी की तरह काम कर रही हैं. उन्होंने कहा कि गांवों में जिस तरह सरपंच का चुनाव होता है, उसी तरह प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का चुनाव होना चाहिए. प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री पद के दावेदारों के बीच सीधा मुकाबला होना चाहिए. इसी क्रम में उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का नाम लिया. उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री का चुनाव सीधे तौर पर हो तो मनोहर लाल खट्टर क्या चुनाव जीत पाएंगे.

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