रोहतक: भूपेंद्र सिंह हुड्डा एकमात्र ऐसे सांसद हैं,जिन्होंने लगातार चार बार रोहतक लोकसभा सीट पर जीत हासिल की. भूपेंद्र हुड्डा 1991, 1996, 1998 और 2004 में लोकसभा चुनाव जीत कर चार बार संसद पहुंचे. इसमे खास बात ये है कि इसमे तीन बार उन्होंने हरियाणा के दिग्गज नेता ताऊ देवीलाल को हराया.
हुड्डा परिवार का गढ़ रोहतक सीट
1952 से लेकर आज तक 16 बार में से इस सीट पर 10 बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है. इस 10 बार की जीत में 8 बार हुड्डा परिवार का ही कोई सदस्य विजयी रहा है. रणबीर हुड्डा की तीसरी पीढ़ी यानि दीपेन्द्र हुड्डा फिलहाल इस सीट से मौजूदा सांसद है. हरियाणा बनने से पहले ये सीट पंजाब का हिस्सा थी.
1952 में रोहतक सीट पर भूपेंद्र हुड्डा के पिता रणबीर हुड्डा ने जीत हासिल की थी. इसके बाद वे फिर 1957 में इसी सीट से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे. 1967 में एक बार फिर रणधीर सिंह हुड्डा और 1984 में हरद्वारी लाल ने ये सीट जीतकर कांग्रेस की झोली में डाली.
1991 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा यहां से चुनाव लड़े और चुनाव जीतकर संसद पहुंचे. इसके बाद हुड्डा ने 1996 और 1998 दोबारा यहां पर अपना परचम लहराया.
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1999 में बीजेपी के साथ गठबंधन करके इनेलो ने इस सीट पर सेंधमारी. और इनेलो के इंद्र सिंह ने हुड्डा को हरा दिया. लेकिन उसके बाद साल 2004 में हुड्डा ने दोबारा वापसी की और फिर विजयी हुए. इसके बाद भूपेंद्र हुड्डा हरियाणा के सीएम बने और 2005 में रोहतक में उपचुनाव हुआ. भूपेन्द्र हुड्डा की जगह उनके बेटे दीपेंद्र ने इस उपचुनाव में जीत हासिल की. दीपेन्द्र उसके बाद 2009 और 2014 की मोदी लहर के खिलाफ अपनी जीत का सिलसिला बरकरार रखा.
रोहतक सीट पर कुल वोटर
रोहतक लोकसभा क्षेत्र में 17.37 लाख वोटर हैं. इन वोटरो में महिला 799422 हैं वहीं पुरुषो की संख्या 937701 है.
जातिगत वोटर
जातिगत वोटर | संख्या |
जाट | 6.70 लाख |
अहीर | 1.75 लाख |
पंजाबी | 1.20 लाख |
ब्राह्मण | 1.35 लाख |
अग्रवाल | 80 हजार |
अन्य | 3 लाख |
इस सीट से जीतकर उपप्रधानमंत्री बने ताऊ देवीलाल
1989 में देवीलाल ने रोहतक और राजस्थान के सीकर से चुनाव लड़े और जीत हासिल की. जनता दल की सरकार में उप्रप्रधानमंत्री बने. देवीलाल जनता दल सरकार में पहले विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार में 2 दिसंबर 1989 से 10 दिसंबर 1990 तक उपप्रधानमंत्री रहे. फिर चंद्रशेखर की सरकार में 21 जून 1991 तक उपप्रधानमंत्री रहे.
बीजेपी ने आज तक नहीं जीती रोहतक सीट
बीजेपी ने एक भी बार इस सीट पर जीत हासिल नहीं की है. इस सीट पर जनसंघ ने दो बार जीत हासिल की थी. इस सीट पर 1962 में जनसंघ के उम्मीदवार लहरी सिंह जीत हासिल की थी. इनके बाद 1971 में भारतीय जनसंघ के उम्मीदवार मुख्तियार सिंह चुनाव जीते थे.
आपातकाल के बाद 1977 में इस सीट पर भारतीय लोकदल के प्रत्याशी शेर सिंह ने इस सीट पर हासिल की थी. इस समय 1975 में इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल से देश में कांग्रेस विरोधी लहर चल रही थी. इस समय भारतीय लोकदल ने हरियाणा में 10 की 10 सीटों पर जीत हासिल की थी.
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कैप्टन ने रोका हुड्डा का रथ
कैप्टन इंद्र सिंह ने 1999 में हुड्डा के विजय रथ को रोक दिया था. इस सीट पर 1999 में इनेलो से कैप्टन इंद्र सिंह ने जीत हासिल की थी. इस समय बीजेपी और इनेलो ने गठबंधन किया हुआ था. इनेलो उम्मीदवार के समर्थन में पूर्व प्रधानमंत्री ने यहां रैली की थी.
रोहतक सीट से 1967 से अब तक कौन जीता और कौन हारा
सन | जीते | हारे |
1967 | रणधीर सिंह (कांग्रेस) | आर स्वरूप (बीजेएस) |
1971 | मुख्तियार सिंह (जनसंघ) | रणधीर सिंह (कांग्रेस) |
1977 | शेर सिंह (भारतीय लोकदल) | मनफूल सिंह (कांग्रेस) |
1980 | इंद्रवेश (जनता पार्टी) | शेर सिंह (जेएनपी) |
1084 | हरद्वारी लाल (कांग्रेस) | स्वरूप सिंह (एलकेडी) |
1989 | देवीलाल (जनता दल) | हरद्वारी लाल (कांग्रेस) |
1991 | भूपेंद्र सिंह हुड्डा (कांग्रेस) | देवीलाल (जनता पार्टी) |
1996 | भूपेंद्र सिंह हुड्डा (कांग्रेस) | देवीलाल (एसएपी) |
1998 | भूपेंद्र सिंह हुड्डा (कांग्रेस) | देवीलाल (एचएलडी) |
1999 | इंद्र सिंह (इनेलो) | भूपेंद्र सिंह हुड्डा (कांग्रेस) |
2004 | भूपेंद्र सिंह हुड्डा (कांग्रेस) | कैप्टन अभिमन्यु (भाजपा) |
2009 | दीपेंद्र हुड्डा (कांग्रेस) | नफे सिंह राठी (इनेलो) |
2014 | दीपेंद्र हुड्डा (कांग्रेस) | ओमप्रकाश धनखड़ (बीजेपी) |