रोहतक: हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर ने भाजपा की वर्चुअल रैली पर सवाल खड़े किए हैं. उनका कहना है कि भाजपा सरकार लोगों को राम भरोसे छोड़कर राजनीत पर उतर आई है. प्रदेश में लगातार कोरोना संक्रमण के केस बढ़ रहे हैं और बीजेपी को अपनी रैली की पड़ी है.
रोहतक में मीडिया से बात करते हुए अशोक तंवर ने कहा कि हरियाणा में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं. प्रदेश के लिए ये संकट का समय है. ऐसे में भाजपा वर्चुअल रैली के जरिए राजनीति कर रही है. उन्होंने कहा कि ये राजनीति का समय नहीं है. सरकार को लोगों की परेशानी को देखते हुए काम करना चाहिए. बता दें की 14 जून से वर्चुअल रैली करने जा रही है. ये रैली केंद्र सरकार की एक साल की योजनाओं का लोगों के बीच प्रचार करने के लिए की जा रही है.
साथ ही सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा लॉकडाउन में किसी भी किसान, मजदूर और गरीब को राहत नहीं दे पाई है. सरकार के पास कर्मचारियों को वेतन देने तक के पैसे नहीं हैं. उद्योगों से लगातार मजदूरों को निकाला जा रहा है. उन्होंने कहा कि जुलाई के अंत में कोरोना संक्रमण से हालात बदतर होंगे. ऐसे में हर व्यक्ति को खुद को बचाना होगा.
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एक सवाल के जवाब में हरियाणा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि वे फिलहाल किसी पार्टी में शामिल नहीं होंगे और लोगों की सेवा करेंगे. उन्होंने तो यहां तक कहा कि बिना बात की गुलामी अब छोड़ दी है. इससे पहले अशोक तंवर ने अस्थल बोहर स्थित औघड़ पीर मठ में महंत रमेश नाथ से मुलाकात की और मस्तनाथ मठ में दलित संतों की समाधि तोड़े जाने की आलोचना की. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की आड़ में समाधियां तोड़ दी गई, जो निंदनीय है. उन्होंने कहा कि इस मामले में कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी.