रोहतक: सरकारी अस्पताल में जानवरों के काटने से बहुत से मरीज पहुंच रहे हैं, लेकिन प्रदेश के नागरिक अस्पताल में एंटी रेबीज इंजेक्शन की कमी होने के कारण प्राइवेट दुकानदार एंटी रेबीज इंजेक्शन को डबल रेट में बेचकर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं. सरकारी अस्पताल में एंटी रेबीज इंजेक्शन का रेट 100 रुपये में मिलता है जबकि प्राइवेट दुकानदार इसी इंजेक्शन को ढाई सौ से तीन सौ रुपये में बेच रहे हैं. मजबूर लोगों को लगवाना भी पड़ता है.
रोहतक अस्पताल में रेबीज इंजेक्शन
रोहतक के नागरिक अस्पताल का रियलिटी चेक किया और वहां के एसएमओ रमेशचंद्र का कहना है कि हमारे अस्पताल में इंजेक्शन की कोई भी कमी नहीं है, बल्कि 1 महीने का एडवांस में स्टॉक रखा हुआ है. रोजाना जानवरों के काटने के कई मरीज आते हैं. उनका इलाज किया जाता है और जैसे ही स्टॉक खत्म होने लगता है उसे 1 महीने पहले ही आवश्यकता के अनुसार डिपार्टमेंट के पास रिक्वेस्ट भेज दी जाती है.
हर दिन करीब 25 मरीजों का इलाज
अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर अरुण शर्मा का कहना है कि रोजाना जानवर के काटने से 20 से 25 के लगभग मरीज आते हैं. आज भी 9 के करीब मरी आ चुके हैं और उनका इंजेक्शन लगाकर इलाज किया जा रहा है. लोगों को इस बीमारी से डरने की जरूरत नहीं है. इसका पूरी तरह से इलाज किया जाता है. समय रहते साबुन से जख्म को साफ कर लेना चाहिए. पांच इंजेक्शन का कोर्स होता है जो कि सरकारी हॉस्टलों में मात्र 100 रुपये फीस लगती है और इलाज किया जाता है.
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वहीं अस्पताल में पहुंचे मरीजों का कहना है कि कुत्ते ने काट लिया, इसलिए स्पताल में इलाज करवाने पहुंचा हूं, लेकिन यहां पर डॉक्टरों ने आते ही इंजेक्शन लगा कर इलाज शुरू कर दिया. किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हुई.