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बीजेपी और कांग्रेस सरकारों से किसानों का सवाल, पराली से निपटान के लिए क्या किए इंतजाम? - rohtak smog

प्रदूषण के चलते सांस लेने में लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. गौरतलब है कि रोहतक देश के प्रदूषित शहरों में से एक है. रोहतक में एयर क्वालिटी इंडेक्स 491 तक पहुंच गई है.

air pollution in rohtak
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Published : Nov 3, 2019, 9:24 PM IST

रोहतकः दिवाली के बाद से दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे प्रदेश में फैले प्रदूषण से हर कोई परेशान नजर आ रहा है. आलम ये है कि पारली जलाने का आरोप झेल रहे किसानों को ही मास्क लगाकर खेत मे काम करना पड़ रहा है. किसान मुंह पर कपड़ा बांधकर खेत मे काम करते नजर आ रहे है.

सरकारों से किसानों के सवाल
वहीं सरकारों की ओर से लगातार हो रहे दोषारोपण के बाद अब किसानों ने ही सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है. किसान सवाल कर रहे हैं कि अब तक सत्ता में रही कांग्रेस और बीजेपी की सरकारों ने पराली को ठिकाने लगाने के इंतजाम क्यों नहीं किए.

स्मॉग से परेशान लोग, देखें वीडियो

किसानों का कहना है कि अब तक धान की पूरी तरह से कटाई भी नहीं हुई है तो पराली कहां से जलाएं.

वहीं प्रदूषण के चलते सांस लेने में लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. गौरतलब है कि रोहतक देश के प्रदूषित शहरों में से एक है. रोहतक में एयर क्वालिटी इंडेक्स 491 तक पहुंच गई है.

ये भी पढ़ें:-अब मंत्री-संत्री नहीं मुख्यमंत्री की रेस में कैप्टन अभिमन्यु? कार्यकर्ता संबोधन में दिए संकेत

कैसे होती है प्रदूषण के स्तर की माप ?
आपको बता दें कि एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी एक्यूआई हवा में प्रदूषण मापने एक पैमाना होता है. 0 से 50 के बीच एक्यूआई होने पर हवा की क्वालिटी को अच्छा माना जाता है, जबकि 51 से 100 के बीच यह संतोषजनक माना जाता है. 101 से 200 के बीच मध्यम, 201 से 300 के बीच खराब, 301 से 400 के बीच बहुत खराब और 401 से 500 के बीच उसे गंभीर स्तर का समझा जाता है. ऐसी हवा में सांस लेना बहुत खतरनाक होता है. जो कि सेहत के लिए बेहद हानिकारक है.

रोहतकः दिवाली के बाद से दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे प्रदेश में फैले प्रदूषण से हर कोई परेशान नजर आ रहा है. आलम ये है कि पारली जलाने का आरोप झेल रहे किसानों को ही मास्क लगाकर खेत मे काम करना पड़ रहा है. किसान मुंह पर कपड़ा बांधकर खेत मे काम करते नजर आ रहे है.

सरकारों से किसानों के सवाल
वहीं सरकारों की ओर से लगातार हो रहे दोषारोपण के बाद अब किसानों ने ही सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है. किसान सवाल कर रहे हैं कि अब तक सत्ता में रही कांग्रेस और बीजेपी की सरकारों ने पराली को ठिकाने लगाने के इंतजाम क्यों नहीं किए.

स्मॉग से परेशान लोग, देखें वीडियो

किसानों का कहना है कि अब तक धान की पूरी तरह से कटाई भी नहीं हुई है तो पराली कहां से जलाएं.

वहीं प्रदूषण के चलते सांस लेने में लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. गौरतलब है कि रोहतक देश के प्रदूषित शहरों में से एक है. रोहतक में एयर क्वालिटी इंडेक्स 491 तक पहुंच गई है.

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कैसे होती है प्रदूषण के स्तर की माप ?
आपको बता दें कि एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी एक्यूआई हवा में प्रदूषण मापने एक पैमाना होता है. 0 से 50 के बीच एक्यूआई होने पर हवा की क्वालिटी को अच्छा माना जाता है, जबकि 51 से 100 के बीच यह संतोषजनक माना जाता है. 101 से 200 के बीच मध्यम, 201 से 300 के बीच खराब, 301 से 400 के बीच बहुत खराब और 401 से 500 के बीच उसे गंभीर स्तर का समझा जाता है. ऐसी हवा में सांस लेना बहुत खतरनाक होता है. जो कि सेहत के लिए बेहद हानिकारक है.

Intro:रोहतक:-लगातार बढ़ रहा है जहरीला धुँआ, साँस लेने में तकलीफ।491 पहुँचा रोहतक का पॉल्युशन लेवल।
धान काटने वाले किसानों ने भी लगाया मास्क,मास्क लगाकर खेत मे काम करने पर मजबूर किसान।
अब किसानों ने ही सरकार पर उठाए सवाल,कांग्रेस और भाजपा ने क्यों नही किए पैराली के इंतजाम।
किसानों का दावा,हरियाणा में अभी तक नहीं हुई पूरी तरह धान की कटाई,तो जलाए कहा से।

हवा में फैले जहरीले धुंए का आरोप झेल रहे किसानों ने अब सरकार पर ही सवाल खड़े कर दिए है,किसानो का कहना है कि कांग्रेस और भाजपा ने अब तक के कार्यकाल में पैराली को ठिकाने लगाने के क्या इंतज़ाम किए है।किसानों का कहना है कि अभी पूरी तरह से धान की कटाई ही नही हुई है तो जलाए कहा से।वही बढ़ते प्रदूषण के शिकार खुद किसान भी हो गए है,क्योकि खुद किसान भी मास्क लगाकर खेत मे काम करने पर मजबूर हो गया है।आलम ये है कि आज रोहतक में हवा में प्रदूषण की मात्रा 491 आंकी गई है।
Body:बढ़ते हुए प्रदूषण से जहां पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ है वही पैराली जलाने का आरोप झेल रहे किसानों को ही मास्क लगाकर खेत मे काम करना पड़ रहा है।आलम ये है कि किसान मुह पर कपड़ा ढाप कर खेत मे काम करते नजर आ रहे है।वही किसानों ने भी अब सरकार को कटघडे में खड़ा करते हुए सवाल उठाया है कि अब तक सत्ता में रही कांग्रेस और भाजपा की सरकारों ने पैराली को ठिकाने लगाने के इंतज़ाम क्यो नहीं किए,साथ ही किसानों ने कहा अब तक धान की कटाई पूरी तरह से हुई ही नहीं तो पैराली जलाए कहा से।Conclusion:वही दूसरी ओर लोगो का कहना है कि बढ़ते प्रदूषण से कारण दम घुट रहा है,सांस लेने में तकलीफ होती है।और किसान पैराली नहीं जला रहे है और ये धुँआ कहि ओर से आ रहा है।गौरतलब है कि रोहतक देश के प्रदूषित शहरों में से एक है,ओर आज हवा में प्रदूषण की मात्रा 491 आंकी गई है।

बाइट:-हेमचंद्र,संतराम,हेमचन्द्र किसान
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