रोहतक: हरियाणा में गन्ना किसानों के आंदोलन पर प्रतिक्रिया देते हुए कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि गन्ने के भाव को लेकर राज्य सरकार ने कमेटी का गठन किया हुआ है और जल्द ही कमेटी की रिपोर्ट आ जाएगी. उन्होंने आश्वस्त किया कि फैसला निश्चित रूप से किसानों के हक में होगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रदेश की चीनी मिलों को बंद करना किसी भी मायने में सही नहीं है. इससे किसान व सरकार दोनों को नुकसान होगा. किसानों को कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए.
गन्ना किसानों के हरियाणा में प्रदर्शन को लेकर कृषि मंत्री ने कहा कि हरियाणा एक ऐसा राज्य है, जहां गन्ना उत्पादक किसानों को निर्धारित समय अवधि में भुगतान किया जा रहा है, जबकि कई पड़ोसी राज्यों में लंबे समय तक किसानों की गन्ना राशि का भुगतान नहीं हो पाता है. कृषि मंत्री शनिवार को रोहतक जिले के महम की श्रीकृष्ण गौशाला में आयोजित एक समारोह में पहुंचे थे. दरअसल गन्ना रेट वृद्धि की मांग को लेकर किसानों ने हरियाणा की 14 शुगर मिलों को बंद कर दिया है. यहां पर धरना दे रहे किसान सरकार के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. कुरुक्षेत्र में 23 जनवरी को होने वाली महत्वपूर्ण बैठक में आगामी रणनीति पर चर्चा कर बड़ा फैसला लेने का एलान किया है.
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कृषि मंत्री ने कहा कि जब पिछले दिनों में महम क्षेत्र में आए थे, तो उन्हें कृषि भूमि में पानी देखकर काफी तकलीफ महसूस हुई थी. इसी के मद्देनजर समस्या का समाधान करवाने के लिए फ्लड कंट्रोल बोर्ड की बैठक में मुख्यमंत्री के समक्ष उन्होंने इसकी मांग रखी थी. उन्होंने कहा कि बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने महम ड्रेन के जीर्णोद्धार कार्य सहित सिंचाई विभाग से संबंधित अन्य कार्यों के लिए 229 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान की है.
उन्होंने कहा कि अकेले महम विधानसभा क्षेत्र में पानी निकासी से संबंधित कार्यों पर 55 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी. जेपी दलाल ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पूरे प्रदेश के लिए फ्लड कंट्रोल बोर्ड की बैठक में जल निकासी से संबंधित कार्यों के लिए 1100 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान की है, यह राशि एक वर्ष के भीतर खर्च की जाएगी. इससे आने वाले समय में फसल खराब नहीं होगी और उपज भी बढ़ेगी.
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कृषि मंत्री ने कहा कि गौशाला सरकारों के बल पर नहीं चलती बल्कि गौ सेवा करना हर व्यक्ति का नैतिक दायित्व है. उन्होंने गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने का आहृान भी किया. उन्होंने गौशाला में खाद का उत्पादन करने पर जोर दिया. इसमें स्कीम के तहत सरकार सब्सिडी भी देती है. इसके साथ ही उन्होंने गोबर गैस स्कीम को भी अपनाने की अपील की.
इस मौके पर गौ सेवा आयोग के चेयरमैन श्रवण कुमार गर्ग ने कहा कि गौशाला सरल पोर्टल पर पंजीकृत करवाएं, ताकि योजना के हिसाब से गौशालाओं को सरकार की ओर से वित्तीय राशि मिल सके. उन्होंने कहा कि योजना के अनुसार गायों की संख्या के हिसाब से पैसा जारी किया जाता है. उन्होंने नस्ल सुधार कार्यक्रम पर भी विशेष बल दिया और कहा कि नस्ल सुधार के लिए प्रयोग होने वाले टीके पर योजना के तहत अनुदान राशि दी जाती है.