रोहतक: रोहतक पीजीआईएमएस के मानसिक स्वास्थ्य संस्थान की एक छात्रा ने संस्थान के प्रबंधन पर संगीन आरोप लगाया है. छात्रा का आरोप है कि उसे इस बार इसलिए फेल कर दिया, क्योंकि उनसे कॉलेज के एचओडी पर यौन शोषण के आरोप में आवाज उठाई थी.
'पहले दिखाया गया पास, फिर कर दिया फेल'
मानसिक स्वास्थ्य संस्थान से जुड़े हुए इस मामले की शुरुआत पिछले साल हुई थी. संस्थान की क्लीनिकल साइकोलॉजी की 8 छात्राओं ने एचओडी डॉ. राजीव डोगरा पर परेशान होने का आरोप लगाते हुए हड़ताल कर दी थी. इसके बाद हेल्थ यूनिवर्सिटी ने अपने स्तर पर भी जांच शुरू की. इस बीच वार्षिक परीक्षाएं हुई तो शुरूआत में सभी छात्राओं को वेबसाइट पर पास दर्शाया गया. करीब एक सप्ताह बाद दोबारा परिणाम अपलोड किया गया. जिसमें एक छात्रा को फेल दिखा गया.
क्या है पीड़िता का आरोप?
पीड़ित छात्रा का कहना है कि पिछली 4 जुलाई को उन्होंने संस्थान में आरोपी डॉक्टर के खिलाफ यौन शोषण मामले में हड़ताल की थी. जिसके बाद मामले की जांच हेल्थ विश्वविद्यालय प्रशासन करने में जुटा हुआ था. 4 महीने में जांच पूरी कर कार्रवाई करने की बात कही थी, लेकिन 1 साल बीत जाने के बाद भी जांच पूरी नहीं हुई. यही नहीं एक बार तो उन्हें यह भी बता दिया गया कि कमेटी ने जांच बंद कर दी है, लेकिन जब महिला आयोग ने जांच शुरू की तो इस तरह का कोई भी नोटिस नहीं पाया गया. इसलिए यह साफ है कि आरोपी डॉक्टर को बचाने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन जुटा हुआ है.
छात्रा के सारे आरोप निराधार हैं- वीसी
वहीं इस मामले में विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ओपी कालरा सभी आरोपों को निराधार बताया. उन्होंने कहा कि अगर इस मामले में पूरी जानकारी चाहिए, तो वह सभी दस्तावेजों को पढ़कर ही बता सकते हैं. जहां तक लड़कियों के फेल होने की बात है तो यह आरोप निराधार हैं और आरोपी डॉक्टर को उनके एग्जाम और टीचिंग स्टाफ से हटा दिया गया था.
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