रेवाड़ी: देश भर में सोमवार को होली का पावन पर्व बड़े ही धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है. महिलाओं ने होलिका पूजन कर घर परिवार की शांति के लिए भगवान विष्णु से प्रार्थना की. होलिका स्थल पर महिलाएं पहुंचकर पूजा-अर्चना पूरी विधि-विधान के साथ करते रोली का तिलक लगाकर भक्त प्रह्लाद के लिए रक्षासूत्र बांधे.
महिलाओं ने बताया कि भक्त प्रह्लाद को बचाने के लिए महिलाएं होलिका स्थल पर रक्षा सूत्र बांधती हैं.
इस संबंध में महिलाओं ने बताया कि होलिका को एक वरदान मिला था कि जलती हुई आग उसपर कोई असर नहीं होगा. इसी का फायदा उठाते हुए उसके पिता हिरण्यकश्यप ने भक्त प्रह्लाद को मारने के लिए होलिका को जलती आग में उसे लेकर बैठने को कहा. होलिका ने ऐसा ही किया. महिलाओं ने बताया कि भगवान के चमत्कार के कारण प्रह्लाद आग में नहीं जला लेकिन होलिका जल गई. तभी से लेकर आज तक होली पर्व का आयोजन किया जाता है.
महिलाओं ने कहा कि होली के चारों ओर बांधा गया रक्षा सूत्र भक्त प्रह्लाद की आग में रक्षा करता है और रात्रि के समय जब होलिका दहन किया जाता है. तब भी पहले महिलाएं पूजन कर भक्त प्रह्लाद को बचाने के लिए दुआएं करती हैं. तभी से ये परंपरा बुराई पर अच्छाई की प्रतीक बनी. इसलिए हर साल से भारत में इसका आयोजन किया जाता है ताकि बुरे लोगों को इससे सीख लेकर सत्य मार्ग पर चलें.
आज के दिन महिलाएं होली पर जाकर पूजा में अपने घर परिवार और गांव की शांति के लिए प्रार्थना करती हैं. होलिका दहन के अगले दिन रंगो का उत्सव मनाया जाता है. जिसमें लोग एक दूसरे को रंग लगाकर गले मिलते हुए बधाइयां देते हैं.