रेवाड़ीः जिला के खोरी गांव स्थित स्कूल में शुक्रवार को भारत-चीन के बीच 1962 में हुई लड़ाई के योद्धा सेना मेडल निहाल सिंह यादव को सम्मानित किया गया. इस दौरान उन्होंने युद्ध के रोचक संस्मरण सुनाकर सभी को भाव विभोर और रोमांचित कर दिया. निहाल सिंह यादव को विद्यालय की ओर से शॉल एवं साहित्य भेंट कर सम्मानित किया गया. उनके साथ आए रेजांगला शौर्य समिति के पूर्व सैनिक रामपाल यादव और कृष्ण कुमार को भी सम्मानित किया गया.
भारत-चीन के बीच युद्ध की दास्तान
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रभारी प्राचार्य मुकेश कुमार सैनी ने की. गुजरात के राजकोट में आयोजित रेजांगला महोत्सव में शिरकत करके लौटे जिले के चिमनावास गांव निवासी निहाल सिंह यादव ने 18 नवंबर 1962 के दिन भारत-चीन के बीच हुई बर्फीली जंग से जुड़ी दास्तान सुनाई. उन्होंने बताया कि किस तरह सोलह हजार फुट की ऊंचाई पर माइनस 40 डिग्री सेंटीग्रेड के तापमान पर 13 कुमाऊं की चार्ली कंपनी ने अंतिम गोली तथा अंतिम सांस तक अदम्य साहस और वीरता का परिचय दिया.
विद्यार्थियों में भरा जोश
वीर योद्धा के संस्मरण सुनकर सबसे अधिक विद्यार्थी प्रभावित दिखाई दिए. प्राध्यापक अजीत यादव यादव ने ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ नामक रेजांगला शहादत से जुड़ा गीत सुनाकर कार्यक्रम को नई ऊंचाइयां दी. संचालन प्राध्यापक संदीप यादव ने किया. इस अवसर पर प्राध्यापक धर्मेंद्र सिंह, लाल सिंह, सरोज यादव, सुमनलता, लखनपाल, सुषमा कुमारी, रेखा बाई, विवेक यादव, रविंद्र कुमार, ईश्वर सिंह, राजपाल, अंजू बाला, डा. अनीता यादव आदि उपस्थित थे.
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