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रेवाड़ी में ट्रैफिक का नहीं है कोई सिस्टम, कई साल से खराब पड़ी रेड लाइट से लोग परेशान - rewari traffic jam

रेवाड़ी शहर इस समय जाम की समस्या से दो चार हो रहा है. हर रोज शहर में लंबा जाम लगता है. वाहन चालकों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए काफी लंबे समय का इंतजार जाम में करना पड़ता है. रेवाड़ी जिला प्रशासन और नगर परिषद इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है. यही कारण है कि जाम की समस्या आए दिन बढ़ती जा रही है.

रेवाड़ी में यातायात जाम
रेवाड़ी में यातायात जाम
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Published : Jan 21, 2020, 9:28 AM IST

रेवाड़ी: प्रशासनिक अधिकारी भले ही शहर के सौंदर्यीकरण को लेकर दावे करते नहीं थकते हों, लेकिन यहां की यातायात व्यवस्था इस कदर चरमरा गई है कि चारपहिया वाहन तो दूर दोपहिया वाहनों और पैदल नागरिकों का भी अब इन सड़कों से निकलना दुश्वार हो चला है. शहर का ऐसा कोई चौराहा नहीं, जो यातायात जाम की समस्या से अछूता हो, लेकिन आज तक नगर परिषद प्रशासन रेड लाइटों को दुरुस्त कराने में नाकाम ही साबित हुआ है. जिसका खामियाजा वाहन चालकों को भुगतना पड़ रहा है.

सफेद हाथी साबित हो रही रेड लाइट
यहां लगने वाले जाम का सबसे बड़ा कारण रेड लाइट है, जो कि सुचारू यातायात संचालन में बड़ा रोड़ा बनी हुई है और आज तक नगर परिषद दुरुस्त नहीं करा सकी है. यही वजह है कि शहर की सड़कों पर हर थोड़ी देर में जाम लग जाता है. शहर की इस बड़ी समस्या को लेकर वाहन चालकों में नगर परिषद प्रशासन के प्रति भारी रोष है. उनका कहना है कि प्रशासन इन लाइटों को चालू कराकर उन्हें जाम की समस्या से राहत दिलाए.

रेवाड़ी में यातायात जाम, ट्रैफिक पुलिस परेशान और लोग बेहाल, देखें रिपोर्ट

ये है ट्रैफिक पुलिस की समस्या
इसे लेकर जब शहर ट्रैफिक इंचार्ज से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उनके पास करीब 30 कर्मचारियों का स्टाफ है, जो दिनभर जाम खुलवाने में लगा रहता है. उनका प्रयास रहता है कि जाम ना लगे, लेकिन अकेले ट्रैफिक स्टाफ से बात बनने वाली नहीं है. इसके लिए रेड लाइट का चालू होना भी जरूरी है. इसे लेकर नगर परिषद अधिकारियों को पत्र भी लिखा हुआ है, लेकिन बावजूद इसके अभी तक ये लाइटें चालू नहीं हो सकी है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा गोसेवा आयोग हिसार और गुरुग्राम में बनाएगा गो होस्टल, नगर निगम हिसार से प्रोजेक्ट को लेकर हुई चर्चा

4 दिन में खराब हुई रेड लाइट
आपको बता दें कि कई साल पहले जनता की गाढ़ी कमाई के लाखों रुपये खर्च कर यातायात को सुगम बनाने के उद्देश्य से प्रशासन द्वारा प्रमुख चौराहों पर रेड लाइट लगवाई गई थी, जोकि सालों तक शो पीस बनी रहने के बाद पिछले दिनों मेंटेनेंस कराकर चालू कराई गई थी. लोगों ने इसे फॉलो भी करना शुरू कर दिया था, लेकिन 4 दिन चलने के बाद ये फिर बंद हो गई.

कब मिलेगा जाम की समस्या से समाधान ?
ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि नगर परिषद अधिकारियों का शहर की बिगड़ती यातायात व्यवस्था से कोई सरोकार नहीं रह गया है. जिसका खामियाजा इन सड़कों से गुजरने वाले आम नागरिकों और वाहन चालकों को भुगतना पड़ रहा है. अब देखना ये होगा कि शहर में बढ़ती यातायात जाम की इस समस्या को लेकर क्या जिला प्रशासन कोई ठोस कदम उठाएगा या फिर लोगों को इसी तरह जाम की समस्या से दो-चार होना पड़ेगा.

रेवाड़ी: प्रशासनिक अधिकारी भले ही शहर के सौंदर्यीकरण को लेकर दावे करते नहीं थकते हों, लेकिन यहां की यातायात व्यवस्था इस कदर चरमरा गई है कि चारपहिया वाहन तो दूर दोपहिया वाहनों और पैदल नागरिकों का भी अब इन सड़कों से निकलना दुश्वार हो चला है. शहर का ऐसा कोई चौराहा नहीं, जो यातायात जाम की समस्या से अछूता हो, लेकिन आज तक नगर परिषद प्रशासन रेड लाइटों को दुरुस्त कराने में नाकाम ही साबित हुआ है. जिसका खामियाजा वाहन चालकों को भुगतना पड़ रहा है.

सफेद हाथी साबित हो रही रेड लाइट
यहां लगने वाले जाम का सबसे बड़ा कारण रेड लाइट है, जो कि सुचारू यातायात संचालन में बड़ा रोड़ा बनी हुई है और आज तक नगर परिषद दुरुस्त नहीं करा सकी है. यही वजह है कि शहर की सड़कों पर हर थोड़ी देर में जाम लग जाता है. शहर की इस बड़ी समस्या को लेकर वाहन चालकों में नगर परिषद प्रशासन के प्रति भारी रोष है. उनका कहना है कि प्रशासन इन लाइटों को चालू कराकर उन्हें जाम की समस्या से राहत दिलाए.

रेवाड़ी में यातायात जाम, ट्रैफिक पुलिस परेशान और लोग बेहाल, देखें रिपोर्ट

ये है ट्रैफिक पुलिस की समस्या
इसे लेकर जब शहर ट्रैफिक इंचार्ज से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उनके पास करीब 30 कर्मचारियों का स्टाफ है, जो दिनभर जाम खुलवाने में लगा रहता है. उनका प्रयास रहता है कि जाम ना लगे, लेकिन अकेले ट्रैफिक स्टाफ से बात बनने वाली नहीं है. इसके लिए रेड लाइट का चालू होना भी जरूरी है. इसे लेकर नगर परिषद अधिकारियों को पत्र भी लिखा हुआ है, लेकिन बावजूद इसके अभी तक ये लाइटें चालू नहीं हो सकी है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा गोसेवा आयोग हिसार और गुरुग्राम में बनाएगा गो होस्टल, नगर निगम हिसार से प्रोजेक्ट को लेकर हुई चर्चा

4 दिन में खराब हुई रेड लाइट
आपको बता दें कि कई साल पहले जनता की गाढ़ी कमाई के लाखों रुपये खर्च कर यातायात को सुगम बनाने के उद्देश्य से प्रशासन द्वारा प्रमुख चौराहों पर रेड लाइट लगवाई गई थी, जोकि सालों तक शो पीस बनी रहने के बाद पिछले दिनों मेंटेनेंस कराकर चालू कराई गई थी. लोगों ने इसे फॉलो भी करना शुरू कर दिया था, लेकिन 4 दिन चलने के बाद ये फिर बंद हो गई.

कब मिलेगा जाम की समस्या से समाधान ?
ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि नगर परिषद अधिकारियों का शहर की बिगड़ती यातायात व्यवस्था से कोई सरोकार नहीं रह गया है. जिसका खामियाजा इन सड़कों से गुजरने वाले आम नागरिकों और वाहन चालकों को भुगतना पड़ रहा है. अब देखना ये होगा कि शहर में बढ़ती यातायात जाम की इस समस्या को लेकर क्या जिला प्रशासन कोई ठोस कदम उठाएगा या फिर लोगों को इसी तरह जाम की समस्या से दो-चार होना पड़ेगा.

Intro:नगर परिषद बनाम यातायात जाम
सफेद हाथी बनी लाखों की रेड लाइट
यातायात जाम, ट्रैफिक पुलिस परेशान, लोग बेहाल...
जिला प्रशासन नहीं दे रहा कोई ध्यान
बुरी तरह चरमराती शहर की यातायात व्यवस्था
जाम की समस्या से शहर का कोई चौराहा अछूता नहीं
रेवाड़ी, 20 जनवरी।
Body:प्रशासनिक अधिकारी भले ही शहर के सौंदर्यकरण को लेकर दावे करते नहीं थकते हों, लेकिन यहां की यातायात व्यवस्था इस कदर चरमरा गई है कि चौपहिया वाहन तो दूर दुपहिया वाहनों और पैदल नागरिकों का भी अब इन सडक़ों से निकलना दुश्वार हो चला है। शहर का ऐसा कोई चौराहा नहीं, जो यातायात जाम की समस्या से अछूता हो, लेकिन आज तक नगर परिषद प्रशासन रेड लाइटों को दुरुस्त कराने में नाकाम ही साबित हुआ है, जिसका खामियाजा वाहन चालकों को भुगतना पड़ रहा है।
रेंग-रेंगकर चलते दिखाई देते ये वाहन, यातायात जाम में फंसे ये लोग, सफेद हाथी बनी खड़ी रेड लाइट ओर जाम खुलवाते ट्रैफिक पुलिस के जवान। ये नजारा कहीं और का नहीं, बल्कि प्रदेश के दक्षिण छोर पर स्थित अहीरवाल का लंदन कहलाने वाले उस रेवाड़ी शहर का है, जहां लोग नप प्रशासन को यह कहकर बुरी तरह कोस रहे हैं कि आखिर यातायात जाम की इस समस्या से उन्हें कब निजात मिलेगी। बस अड्डा और रेलवे चौक की हालत तो ये है कि दिनभर लगे जाम में फंसने के कारण कई यात्रियों की तो बस और ट्रेन तक छूट जाती है।
यहां लगने वाले जाम का सबसे बड़ा कारण सफेद हाथी बनी खड़ी दिखाई दे रही रेड लाइट हैं, जोकि सुचारू यातायात संचालन में बड़ा रोड़ा बनी हुई है और आज तक नगर परिषद दुरुस्त नहीं करा सकी है। यही वजह है कि शहर की सडक़ों पर हर थोड़ी देर में जाम लग जाता है।
शहर की इस बड़ी समस्या को लेकर वाहन चालकों में नप प्रशासन के प्रति भारी रोष है। उनका कहना है कि प्रशासन इन लाइटों को चालू कराकर उन्हें जाम की समस्या से राहत दिलाए।
इसे लेकर जब शहर ट्रैफिक इंचार्ज से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उनके पास करीब 30 कर्मचारियों का स्टाफ है, जो दिनभर जाम खुलवाने में लगा रहता है। उनका प्रयास रहता है कि जाम ना लगे, लेकिन अकेले ट्रैफिक स्टाफ से बात बनने वाली नहीं है। इसके लिए रेड लाईट का चालू होना भी जरूरी है। इसे लेकर नगर परिषद अधिकारियों को पत्र भी लिखा हुआ है, लेकिन बावजूद इसके अभी तक ये लाईटें चालू नहीं हो सकी है।
वहीं जब इस बारे में नप अधिकारियों का पक्ष जानना चाहा तो वे अपनी सीट पर नहीं मिले।
आपको बता दें कि कई साल पहले जनता की गाढ़ी कमाई के लाखों रुपये खर्च कर यातायात को सुगम बनाने के उद्देश्य से प्रशासन द्वारा प्रमुख चौराहों पर रेड लाइट लगवाई गई थी, जोकि सालों तक शो पीस बनी रहने के बाद पिछले दिनों मेंटिनेंस कराकर चालू कराई गई थी। लोगों ने इसे फॉलो भी करना शुरू कर दिया था, लेकिन 4 दिन चलने के बाद ये फिर बंद हो गई।
मगर कुछ भी हो, ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि नगर परिषद अधिकारियों का शहर की बिगड़ती यातायात व्यवस्था से कोई सरोकार नहीं रह गया है, जिसका खामियाजा इन सडक़ों से गुजरने वाले आम नागरिकों और वाहन चालकों को भुगतना पड़ रहा है।
अब देखना यह होगा कि शहर में बढ़ती यातायात जाम की इस समस्या को लेकर क्या जिला पुलिस कोई ठोस कदम उठाएगी या फिर लोगों को इसी तरह जाम की समस्या से दो-चार होना पड़ता रहेगा।
अब देखना होगा कि नप प्रशासन आखिर कब तक लोगों को इस समस्या से निजात दिला पाता है।
बाइट: राधेश्याम मित्तल, कार चालक
बाइट: देवेंद्र तिवारी, कार चालक
बाइट रजवंत डहीनवाल, वाहन चालक
बाइट टेकचंद सैनी, शहरवासी
बाइट: एसआई सुखबीर सिंह, शहर ट्रैफिक इंचार्जConclusion:अब देखना होगा कि नप प्रशासन आखिर कब तक लोगों को इस समस्या से निजात दिला पाता है।
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