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नौनिहालों की सैकड़ों उड़न परियां फांक रही धूल, गरीबों के हक पर हावी हुई अफसरशाही - नौनिहालों की सैकड़ों उड़न परियां फांक रही धूल रेवाड़ी

विधानसभा कोसली में इतनी संख्या में गरीबों के हकों से खिलवाड़ किया जा रहा है, इसका जीता जागता उदाहरण गांव नाहड़ और खंड जाटूसाना के गांव परखोतमपुर के राजकीय माध्यमिक विद्यालय हैं.

नौनिहालों की सैकड़ों उड़न परियां फांक रही धूल
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Published : Nov 21, 2019, 2:05 PM IST

रेवाड़ी: प्रदेश को शिक्षा का हब बताने वाली मनोहर सरकार के राज में नौनिहालों की सैकड़ों उड़न परियां धूल फांक रहीं है. दो दिन पहले ही अभी कोसली विधानसभा के गांव नाहड़ में बने राजकीय सीनियर सेकेंडरी विद्यालय में गरीब बच्चों को दी जाने वाली 551 साइकिल बदहाल हालत में पड़ी मिली.

सैकड़ों उड़न परियां कबाड़ में तब्दील !
इतना ही नहीं उसके दूसरे ही दिन जब खंड जाटूसाना के गांव परखोतमपुर के राजकीय माध्यमिक विद्यालय टीम पहुंची तो वहां भी 105 साइकिल भी ऐसे ही बदहाल हालत में मिली. रखे-रखे इन साइकिलों में भी जंग लग गई और अब ये किसी काम की नहीं रही.

क्लिक कर देखें रिपोर्ट.

गरीबों के साथ हो रहा खिलवाड़
धूल फांकती ये साइकिल अब पूरी तरह से कबाड़ में बदल गई है. गरीब परिवारों के नौनिहालों को दी जाने वाली 105 साइकिलों पर अधिकारी अपनी सफाई पेश कर पाक-साफ बनने की कोशिश में जुटे हैं. हरियाणा की एक अकेली विधानसभा कोसली में इतनी संख्या में गरीबों के हकों से खिलवाड़ किया जा रहा है. तो फिर बाकी की 89 विधानसभाओं का क्या हाल होगा यह चिंता का विषय है.

गरीबों के हकों पर अफसरशाही हावी
सरकार को इस पर ध्यान देना होगा वरना अधिकारियों की लापरवाही के चलते गरीबों तक सरकार की इस योजना का लाभ नहीं पहुंच पाएगा. इसलिए गरीबों के सपनों को जंग लगाने वाली इस अफसरशाही पर सरकार को नकेल कसना पड़ेगा. अब देखना होगा कि सूबे की मनोहर सरकार की कुंभकर्णी नींद कब तक टूटेगी या फिर गरीबों के हकों पर अफसरशाही कब तक हावी रहेगी.

ये भी पढ़ें: फिर तेज हुई हरियाणा में पेंशन बहाली की मांग, डिप्टी सीएम से मिले सरकारी कर्मचारी

रेवाड़ी: प्रदेश को शिक्षा का हब बताने वाली मनोहर सरकार के राज में नौनिहालों की सैकड़ों उड़न परियां धूल फांक रहीं है. दो दिन पहले ही अभी कोसली विधानसभा के गांव नाहड़ में बने राजकीय सीनियर सेकेंडरी विद्यालय में गरीब बच्चों को दी जाने वाली 551 साइकिल बदहाल हालत में पड़ी मिली.

सैकड़ों उड़न परियां कबाड़ में तब्दील !
इतना ही नहीं उसके दूसरे ही दिन जब खंड जाटूसाना के गांव परखोतमपुर के राजकीय माध्यमिक विद्यालय टीम पहुंची तो वहां भी 105 साइकिल भी ऐसे ही बदहाल हालत में मिली. रखे-रखे इन साइकिलों में भी जंग लग गई और अब ये किसी काम की नहीं रही.

क्लिक कर देखें रिपोर्ट.

गरीबों के साथ हो रहा खिलवाड़
धूल फांकती ये साइकिल अब पूरी तरह से कबाड़ में बदल गई है. गरीब परिवारों के नौनिहालों को दी जाने वाली 105 साइकिलों पर अधिकारी अपनी सफाई पेश कर पाक-साफ बनने की कोशिश में जुटे हैं. हरियाणा की एक अकेली विधानसभा कोसली में इतनी संख्या में गरीबों के हकों से खिलवाड़ किया जा रहा है. तो फिर बाकी की 89 विधानसभाओं का क्या हाल होगा यह चिंता का विषय है.

गरीबों के हकों पर अफसरशाही हावी
सरकार को इस पर ध्यान देना होगा वरना अधिकारियों की लापरवाही के चलते गरीबों तक सरकार की इस योजना का लाभ नहीं पहुंच पाएगा. इसलिए गरीबों के सपनों को जंग लगाने वाली इस अफसरशाही पर सरकार को नकेल कसना पड़ेगा. अब देखना होगा कि सूबे की मनोहर सरकार की कुंभकर्णी नींद कब तक टूटेगी या फिर गरीबों के हकों पर अफसरशाही कब तक हावी रहेगी.

ये भी पढ़ें: फिर तेज हुई हरियाणा में पेंशन बहाली की मांग, डिप्टी सीएम से मिले सरकारी कर्मचारी

Intro:इस स्कूल में भी धूल फांक रही है नौनिहालों की उड़न परियां....रेवाड़ी, 21 नवंबर।Body:प्रदेश को शिक्षा का हब बताने वाली मनोहर सरकार के राज में नौनिहालों की सैकड़ों उड़न परियां धूल फांक रहीं है। दो दिन पूर्व ही कोसली विधानसभा के गांव नाहड़ में बने राजकीय सीनियर सेकेंडरी विद्यालय में ग़रीब बच्चों को दी जाने वाली 551 साईकिलें कबाड़ की हालत में मिली थी। लेकिन ख़बर दिखाई जाने के दूसरे ही दिन खण्ड जाटूसाना के गांव परखोतमपुर के राजकीय माध्यमिक विद्यालय में भी 105 साईकिलें ऐसे ही हालातों में मिली है कि अब यह साईकिलें किसी काम की नही है। धूल फांकती यह साईकिलें अब पूरी तरह से कबाड़ में बदल गई है। ग़रीब परिवारों के नौनिहालों को दी जाने वाली105 साइकिलों पर अधिकारी अपनी सफ़ाई पेश कर पाक-साफ़ बनने की कोशिश में जुटे है।हरियाणा की एक अकेली विधानसभा कोसली में इतनी संख्या में ग़रीबों के हकों से खिलवाड़ किया जा रहा है तो फ़िर बाकी की 89 विधानसभाओं का क्या हाल होगा यह चिंता का विषय है। सरकार को इसपर ध्यान देना होगा वरना अधिकारियों की लापरवाही के चलते ग़रीबों तक सरकार की इस योजना का लाभ नही पहुंच पाएगा।इसलिए ग़रीबों के सपनों को जंग लगाने वाली इस अफ़सरशाही पर सरकार को जल्द ही संज्ञान लेना होगा। अब देखना होगा कि सूबे की मनोहर सरकार की कुंभकर्णी नींद कब तक टूटेगी या फ़िर ग़रीबों के हकों पर अफ़सरशाही हावी रहेगी।
बाइट--राजेन्द्र सिंह, खण्ड शिक्षा अधिकारी जाटूसाना।Conclusion:अब देखना होगा कि सूबे की मनोहर सरकार की कुंभकर्णी नींद कब तक टूटेगी या फ़िर ग़रीबों के हकों पर अफ़सरशाही हावी रहेगी।

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