रेवाड़ी: मनोहर सरकार का उच्च शिक्षा में बेहतरी का दावा रेवाड़ी में दम तोड़ता नजर आ रहा है. मात्र 5 कमरों में ही कॉलेज चल रहा है और युवाओं का भविष्य अंधकार में जाता दिख रहा है. भाड़ावास चौक के पास बने सरकारी कॉलेज में छात्र बी.कॉम और बीए की पढ़ाई करने आते हैं, लेकिन इस महाविद्यालय में छात्रों के लिए बुनियादी सुविधाएं भी नहीं हैं.
सरकार के बड़े दावों की खुली पोल
इस कॉलेज के मुख्यद्वार से ही समस्याओं का आलम शुरू हो जाता है, क्योंकि इसके मुख्यद्वार पर शौचालय बनाया गया है, जिसके कारण छात्रों को रोज यहां से उठती दुर्गंध से दो-चार होना पड़ता है.
इस कॉलेज में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की मानें तो स्कूल से पास आउट होने के बाद उन्होंने सपना देखा था कि अब महाविद्यालय में पढ़कर अपना भविष्य बनाएंगे, लेकिन उन्हें तो यहां स्कूल जैसी सुविधाएं भी नहीं मिल रही हैं.
ना खेल मैदान और ना ऑडिटोरियम
विद्यार्थियों का कहना है कि इस महाविद्यालय से तो हमारा विद्यालय ही काफी अच्छा था, जिसमें पार्क, खेलने के लिए मैदान और अच्छे और बड़े कमरे थे. इतना ही नहीं वहां पर लगता था कि ये विद्यालय है, लेकिन ये कॉलेज होने के बाद भी किसी एंगल से कॉलेज नहीं लगता.
कॉलेज के नाम पर हो रहा मजाक!
जानकारी के लिए आपको बता दें कि इस महाविद्यालय में मात्र 7 कमरें है, जिनमें से एक कमरे में प्रिंसिपल व ऑफिस कार्यालय चल रहा है, तो दूसरे कमरे में कंप्यूटर लैब व लाइब्रेरी बनी हुई है. लाइब्रेरी में करीब 700 पुस्तकें है और प्लेसमेंट भी इसी कमरें में चलाई जा रही है. अब बात करें क्लासरूम की तो मात्र 5 कमरों में बी.कॉम और बीए की कक्षाएं लग रही हैं.
ऐसे पढ़ेगा इंडिया तो क्या बनेगा इंडिया?
छात्रों ने कहा कि उनका सपना था कि हम महाविद्यालय में जाकर अपना भविष्य तलाशेंगे, क्योंकि वो गरीब परिवार से हैं इसलिए सरकारी महाविद्यालय में ही वो शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं. अगर उनके पास पैसे होते तो वो यहां आने की बजाए किसी प्राइवेट कॉलेज में पढ़ते.
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उन्होंने सरकार से मांग की है कि उन्हें कॉलेज का नया भवन, सभी सुविधाएं और पूरा स्टाफ मुहैया कराया जाए, ताकि वो शिक्षा ग्रहण कर अपना भविष्य बना सकें. छात्रों ने कहा कि वैसे तो सरकार कहती है कि शिक्षित बनो आगे बढ़ो, लेकिन यहां शिक्षित कैसे बनें. शिक्षा जैसा माहौल होगा तभी हम पढ़ पाएंगे.