रेवाड़ी: केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने स्वच्छता के क्षेत्र में उत्कृष्ठ योगदान देने पर स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत रेवाड़ी के उपायुक्त यशेंद्र सिंह को शिल्ड देकर सम्मानित किया. रेवाड़ी को स्वच्छता मिशन के तहत मिले पुरस्कार के लिए शेखावत ने डीसी यशेंद्र सिंह को भी बधाई दी.
उपायुक्त जसविंदर सिंह ने कहा कि रेवाड़ी जिले के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि इसलिए है कि देश भर में से केवल 20 जिलों का चयन किया गया है. जिसमें रेवाड़ी जिले को भी प्रथम श्रेणी में शामिल किया गया है. जिसके लिए सभी बधाई के पात्र हैं. जिले की शत-प्रतिशत पंचायतों में शौचालय का निर्माण हो चुका है.
डीसी ने बताया कि स्वच्छ सुंदर व सामुदायिक शौचालय की बदौलत रेवाड़ी जिला को ये पुरस्कार मिला है. उन्होंने बताया कि 15 जून से 15 सितंबर 2020 तक अवार्ड के लिए सर्वे कार्य कराया गया था. रेवाडी जिले को 21 मई 2017 को ओडीएफ घोषित कर दिया गया था.
पुरस्कार पर ग्रामीणों ने उठाए सवाल
एक तरफ जहां स्वच्छत भारत मिशन ग्रामीण के तहत रेवाड़ी को मिले पुरस्कार पर डीसी अपनी पीठ थपथपा रहे हैं. वहीं ग्रामीणों ने इस पुरस्कार पर ही सवाल उठा दिए. ग्रामीणों के अनुसार गांव में स्वच्छता जैसी कोई बात दिखाई नहीं देती. क्योंकि जहां भी देखो वहां कूड़े के अंबार लगे हुए हैं और जगह-जगह गंदगी फैली हुई है. अब उन्हें ये नहीं पता कि सर्वे कौन करता है और पुरस्कार किस वजह से दिए जाते हैं. आग से सुलगते गांव में लगे कूड़े के ढेर प्रदूषण फैला रहे हैं. गांव के जोहड़ में गंदगी पशुओं के लिए आफत बन रही है. उसके बावजूद भी रेवाड़ी पहला स्थान पा रहा है.
कौन-कौन जिले थे शामिल
हरियाणा प्रदेश के रेवाड़ी जिले के अलावा देशभर के 19 अन्य जिलों नामित थे. जिसमें वेस्ट गोदावरी, ईस्ट गोदावरी, सिआन, कांकेर, बेमेतरा, वडोदरा, राजकोट, एर्नाकुलम, वायनाड, कोल्हापुर, नासिक कोलासिब, सरचिप, भिवानी, मोगा, फतेहपुर साहिब, सिद्दीपेट, पेड़ापथ व कूचबिहार को भी यह पुरस्कार प्रदान किया गया है.
भारत सरकार कराती है सर्वेक्षण
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा समय-समय पर स्वच्छता सर्वेक्षण कराया जाता है. जिसके लिए कुछ पैरामीटर निर्धारित किए जाते हैं. निर्धारित किए गए पैरामीटर अनुसार ग्रामीण क्षेत्र की सर्वे कराई जाती है. उसी के अनुसार सरकार जिलों को पुरस्कार देती है.
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