रेवाड़ी: शहर में लगातार बढ़ रही बेसहारा पशुओं की संख्या की वजह से हर दिन सड़कों पर जाम लग रहा है. वहीं बेसहारा पशु लोगों पर जानलेवा हमला भी करते रहते हैं. जिसकी वजह से पिछले हफ्ते ही एक युवक को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था. जिसके बाद लोगों ने प्रशासन और नगर पालिका के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया था.
अब जाकर प्रशासन की नींद टूटी है. जिला प्रशासन ने बेसहारा पशुओं को शहर से निकालने की मुहिम छेड़ी है. इसी के तहत धारूहेड़ा में सात एकड़ जमीन पर कामचलाऊ बाड़ा बनाया गया है. वहीं पर अब बेसहारा पशुओं को रखा जा रहा है.
गौरतलब है कि जिला प्रशासन द्वारा जनवरी माह में बेसहारा पशुओं को पकड़ने के लिए जयपुर की एक निजी कंपनी को ठेका दिया गया था. जिसके तहत ठेकेदार ने करीब 550 बेसहारा पशुओं को गौशालाओं तक पहुंचाया था, लेकिन कोविड-19 आ जाने से ये काम बीच में ही बंद करना पड़ा. जिसकी वजह से फिर से बेसहारा पशुओं की तादाद शहर में बढ़ने लगी और हादसे होने लगे.
नगराधीश रविन्द्र यादव ने बताया कि पिछले एक सप्ताह में 267 पशुओं को पकड़ कर इस बाड़े में पहुंचाया गया है. ये कार्य तब तक जारी रहेगा जब तक शहर की सड़कों को इन बेसहारा पशुओं से मुक्त ना करा दिया जाए. शहर के लोगों को इन बेसहारा पशुओं से मुक्ति दिलाने के लिए नगर परिषद हर संभव प्रयास करेगी ताकि लोगों को राहत दिलाई जा सके.
बता दें कि, एक सप्ताह पहले रेवाड़ी शहर के ठठेरा चौक पर स्कूटी पर सवार होकर आ रहे एक युवक को दो सांडों ने एक के बाद एक टक्कर मार दी. जिसकी वजह से युवक ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था. युवक की हत्या के बाद शहर वासियों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंचा और धरना प्रदर्शन कर इन पशुओं को शहर की सड़कों से हटाने की मांग की थी. जिसके बाद प्रशासन ने ये कदम उठाया है.
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