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रेवाड़ी में सरकारी नौकरी का झांसा देकर युवक से साढ़े 8 लाख की ठगी, अलवर के कोचिंग संचालक के खिलाफ केस दर्ज

रेवाड़ी के एक युवक से साढ़े 8 लाख रुपए ठग लिए गये. पीड़ित युवक का कहना है कि आरोपी ने उसे सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर वारदात को अंजाम दिया है. युवक ने राजस्थान में अलवर जिले के कोचिंग संचालक पर ठगी का आरोप लगाते हुए (Model Town Police Station Rewari) रेवाड़ी में केस दर्ज कराया है.

Model Town Police Station Rewari
रेवाड़ी में युवक से साथ धोखाधड़ी
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Published : Feb 11, 2023, 1:54 PM IST

रेवाड़ी: सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर रेवाड़ी में युवक के साथ धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है. आरोपी ने नौकरी दिलाने का झांसा देकर युवक से साढ़े 8 लाख रुपए ठग लिए. आरोपी ने युवक को राजस्थान में विलेज डेवलपमेंट ऑफिसर (VDO) के पद पर नौकरी दिलाने का वादा किया था. नौकरी नहीं लगाने के बावजूद जब आरोपी ने रुपए नहीं लौटाए तो पीड़ित ने इसकी शिकायत रेवाड़ी एसपी को कर दी.

जानकारी के अनुसार रेवाड़ी जिले के गांव जैनाबाद निवासी चेतन सिंह ने बताया कि वह 2017 से 2019 के बीच राजस्थान में डिफेंस एकेडमी अलवर में पढ़ता था. यहां पर डॉ. अरुण कुमार भी आते ​थे, जो मूलरूप से गांव बलवाड़ी के रहने वाले थे और फिलहाल अलवर में रह रहे थे. अरुण अलवर में कोचिंग सेंटर चलाते हैं. अरुण छात्रों को ओपन यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन कराते थे. चेतन ने बताया कि इसी दौरान उनकी मुलाकात डॉ.अरुण से हुई.

पढ़ें: फरीदाबाद में रोडरेज का मामला: जाम में फंसे ऑटो चालक की कार सवार ने पीट-पीटकर की हत्या

चेतन ने बताया कि डॉ. अरुण ने उन्हें वर्ष 2021 में बताया था कि राजस्थान में करीब 3 हजार विलेज डेवलपमेंट ऑफिसर (VDO) की भर्ती निकली है. जिसमें वह उसे भी नौकरी लगवा देंगे, लेकिन इसकी एवेज में उसे साढ़े 8 लाख रुपए देने होंगे. चेतन ने इसके बारे में अपने घर पर बात की. उसके दादा मैनपाल ने इस संबंध में डॉ. अरुण से बात की और फिर 21 दिसंबर 2021 को रेवाड़ी स्थित आईडीबीआई बैंक की शाखा से अरुण कुमार के बैंक अकाउंट में साढ़े 8 लाख रुपए जमा करवा दिए.

चेतन ने बताया कि इसके बाद आरोपी उसे दौसा ले गए. उसका सेंटर जयपुर में आया था. उसने प्रतियोगी परीक्षा भी दी लेकिन उसकी नौकरी नहीं लगी. जब परिणाम आने के बाद चेतन ने अरुण से संपर्क किया तो उन्होंने उसके रुपए वापस लौटाने की बात कही थी. लेकिन रुपए वापस नहीं लौटाए. चेतन ने बताया कि उन्हें बाद में पता चला कि डॉ. अरुण खुद पेपर लीक करने वाले गिरोह से जुड़ा हुआ है.

पढ़ें: रोहतक में शादी के दो महीने बाद घर से लापता हुई महिला, सुराग न मिलने पर पति ने दर्ज कराई शिकायत

उनके एक साथी को पेपर से पहले ही राजस्थान पुलिस ने पकड़ा था. इस दौरान चेतन ने कई बार डॉ.अरुण से रुपए लौटाने को कहा था. चेतन और उसके दादा ने अरुण को कई बार फोन किए लेकिन उन्होंने फोन पर बात नहीं की. इस पर उसने लगातार व्हाट्सअप पर डॉ. अरुण को मैसेज भी भेजे. इस दौरान कई बार अरुण ने मैसेज का जवाब देते हुए रुपए जल्द लौटाने की बात भी की लेकिन एक रुपया भी वापस नहीं दिया. इसके बाद पीड़ित चेतन ने इसकी शिकायत रेवाड़ी एसपी को दी. पुलिस ने इस मामले एफआईआर दर्ज कर ली है.

रेवाड़ी: सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर रेवाड़ी में युवक के साथ धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है. आरोपी ने नौकरी दिलाने का झांसा देकर युवक से साढ़े 8 लाख रुपए ठग लिए. आरोपी ने युवक को राजस्थान में विलेज डेवलपमेंट ऑफिसर (VDO) के पद पर नौकरी दिलाने का वादा किया था. नौकरी नहीं लगाने के बावजूद जब आरोपी ने रुपए नहीं लौटाए तो पीड़ित ने इसकी शिकायत रेवाड़ी एसपी को कर दी.

जानकारी के अनुसार रेवाड़ी जिले के गांव जैनाबाद निवासी चेतन सिंह ने बताया कि वह 2017 से 2019 के बीच राजस्थान में डिफेंस एकेडमी अलवर में पढ़ता था. यहां पर डॉ. अरुण कुमार भी आते ​थे, जो मूलरूप से गांव बलवाड़ी के रहने वाले थे और फिलहाल अलवर में रह रहे थे. अरुण अलवर में कोचिंग सेंटर चलाते हैं. अरुण छात्रों को ओपन यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन कराते थे. चेतन ने बताया कि इसी दौरान उनकी मुलाकात डॉ.अरुण से हुई.

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चेतन ने बताया कि डॉ. अरुण ने उन्हें वर्ष 2021 में बताया था कि राजस्थान में करीब 3 हजार विलेज डेवलपमेंट ऑफिसर (VDO) की भर्ती निकली है. जिसमें वह उसे भी नौकरी लगवा देंगे, लेकिन इसकी एवेज में उसे साढ़े 8 लाख रुपए देने होंगे. चेतन ने इसके बारे में अपने घर पर बात की. उसके दादा मैनपाल ने इस संबंध में डॉ. अरुण से बात की और फिर 21 दिसंबर 2021 को रेवाड़ी स्थित आईडीबीआई बैंक की शाखा से अरुण कुमार के बैंक अकाउंट में साढ़े 8 लाख रुपए जमा करवा दिए.

चेतन ने बताया कि इसके बाद आरोपी उसे दौसा ले गए. उसका सेंटर जयपुर में आया था. उसने प्रतियोगी परीक्षा भी दी लेकिन उसकी नौकरी नहीं लगी. जब परिणाम आने के बाद चेतन ने अरुण से संपर्क किया तो उन्होंने उसके रुपए वापस लौटाने की बात कही थी. लेकिन रुपए वापस नहीं लौटाए. चेतन ने बताया कि उन्हें बाद में पता चला कि डॉ. अरुण खुद पेपर लीक करने वाले गिरोह से जुड़ा हुआ है.

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उनके एक साथी को पेपर से पहले ही राजस्थान पुलिस ने पकड़ा था. इस दौरान चेतन ने कई बार डॉ.अरुण से रुपए लौटाने को कहा था. चेतन और उसके दादा ने अरुण को कई बार फोन किए लेकिन उन्होंने फोन पर बात नहीं की. इस पर उसने लगातार व्हाट्सअप पर डॉ. अरुण को मैसेज भी भेजे. इस दौरान कई बार अरुण ने मैसेज का जवाब देते हुए रुपए जल्द लौटाने की बात भी की लेकिन एक रुपया भी वापस नहीं दिया. इसके बाद पीड़ित चेतन ने इसकी शिकायत रेवाड़ी एसपी को दी. पुलिस ने इस मामले एफआईआर दर्ज कर ली है.

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