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रेवाड़ी: रेलवे के निजीकरण के खिलाफ कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन - हरियाणा रेलवे निजीकरण विरोध

रेवाड़ी में रेलवे के निजीकरण का जमकर विरोध प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शनकारियों ने पीएम मोदी पर पूंजीपतियों का एजेंट होने का आरोप लगाया और कहा कि निजीकरण से आम लोगों को काफी नुकसान होगा.

Railway employees protest against privatization in rewari
Railway employees protest against privatization in rewari
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Published : Sep 19, 2020, 7:30 PM IST

रेवाड़ी: रेलवे के निजीकरण के खिलाफ पिछले कई दिनों से देशभर में विरोध हो रहा है और सभी एक ही मांग कर रहे हैं कि रेलवे जीवन की लाइफ लाइन है इसका निजीकरण ना किया जाए ताकि गरीब लोगों को किसी तरह की परेशानी ना उठानी पड़े.

निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन

रेलवे के निजीकरण के विरोध में शनिवार को ऑल इंडिया यूटीयूसी यूनियन ने शहर की सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया. यूनियन ने रेलवे के निजीकरण पर रोक लगाने के लिए स्टेशन सुप्रिडेंट को एक मांग पत्र भी सौंपा. ऑल इंडिया यूटीयूसी प्रधान कॉमरेड राजेंद्र सिंह ने कहा कि रेलवे का निजीकरण जो किया जा रहा है, वो बहुत गलत है.

रेलवे निजीकरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू, देखें वीडियो

उन्होंने कहा कि रेलवे ही आम आदमी का एकमात्र परिवहन का साधन है. रेलवे के निजीकरण का आम लोगों पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ेगा. रेलवे कर्मचारियों के डर सता रहा है कि निजीकरण के बाद कर्मचारियों की छंटनी की जाएगी. इसके अलावा खाली पड़े रेलवे पद को बंद कर दिया जाएगा. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इस निजीकरण के बाद पूंजीपति कम कर्मचारियों में ही रेलवे को चलाएंगे.

ये भी पढ़ें- 'आढ़ती व किसान संगठन मिलकर सरकार के खिलाफ लड़ेंगे आर-पार की लड़ाई'

50 रेलवे स्टेशन का निजीकरण शुरू

बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा 151 ट्रेनों का निजीकरण कर उन्हें 109 रूटों पर चलाने की बात कह रही है. इसके साथ ही 50 रेलवे स्टेशनों का भी निजीकरण किया जा रहा है. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि इससे रेलवे जो सार्वजनिक उपकरण है वो आम आदमी की पहुंच से बाहर हो जाएगाॉ. प्राइवेट कंपनियां कम पूंजी लगाकर ज्यादा मुनाफा कमाना चाहेंगी.

मोदी पूंजीपति के एजेंट

मोदी है तो मुमकिन है के सवाल पर उन्होंने कहा कि मोदी एक व्यक्ति नहीं बल्कि इस देश के पूंजीपतियों का चुना हुआ एजेंट है. मोदी सरकार पूंजीपतियों की नीतियों और हकों को आगे बढ़ाने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार इस पर अमल नहीं करती है तो यूनियन द्वारा देशभर में बड़ा आंदोलन कर विरोध करेगी.

रेवाड़ी: रेलवे के निजीकरण के खिलाफ पिछले कई दिनों से देशभर में विरोध हो रहा है और सभी एक ही मांग कर रहे हैं कि रेलवे जीवन की लाइफ लाइन है इसका निजीकरण ना किया जाए ताकि गरीब लोगों को किसी तरह की परेशानी ना उठानी पड़े.

निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन

रेलवे के निजीकरण के विरोध में शनिवार को ऑल इंडिया यूटीयूसी यूनियन ने शहर की सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया. यूनियन ने रेलवे के निजीकरण पर रोक लगाने के लिए स्टेशन सुप्रिडेंट को एक मांग पत्र भी सौंपा. ऑल इंडिया यूटीयूसी प्रधान कॉमरेड राजेंद्र सिंह ने कहा कि रेलवे का निजीकरण जो किया जा रहा है, वो बहुत गलत है.

रेलवे निजीकरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू, देखें वीडियो

उन्होंने कहा कि रेलवे ही आम आदमी का एकमात्र परिवहन का साधन है. रेलवे के निजीकरण का आम लोगों पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ेगा. रेलवे कर्मचारियों के डर सता रहा है कि निजीकरण के बाद कर्मचारियों की छंटनी की जाएगी. इसके अलावा खाली पड़े रेलवे पद को बंद कर दिया जाएगा. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इस निजीकरण के बाद पूंजीपति कम कर्मचारियों में ही रेलवे को चलाएंगे.

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50 रेलवे स्टेशन का निजीकरण शुरू

बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा 151 ट्रेनों का निजीकरण कर उन्हें 109 रूटों पर चलाने की बात कह रही है. इसके साथ ही 50 रेलवे स्टेशनों का भी निजीकरण किया जा रहा है. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि इससे रेलवे जो सार्वजनिक उपकरण है वो आम आदमी की पहुंच से बाहर हो जाएगाॉ. प्राइवेट कंपनियां कम पूंजी लगाकर ज्यादा मुनाफा कमाना चाहेंगी.

मोदी पूंजीपति के एजेंट

मोदी है तो मुमकिन है के सवाल पर उन्होंने कहा कि मोदी एक व्यक्ति नहीं बल्कि इस देश के पूंजीपतियों का चुना हुआ एजेंट है. मोदी सरकार पूंजीपतियों की नीतियों और हकों को आगे बढ़ाने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार इस पर अमल नहीं करती है तो यूनियन द्वारा देशभर में बड़ा आंदोलन कर विरोध करेगी.

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